पटना: कोरोना वायरस की महामारी के बीच प्रदेश की सियासत में कोटा मामला तूल पकड़ता दिख रहा है. इसको लेकर पूर्व सांसद उपेंद्र कुशवाहा के बाद अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी अपने कार्यकर्ताओं से बिहार के बाहर फंसे बिहारियों के लिए 1 मई को 2 घंटे के लिए अनशन रखने का निर्देश दिया है. बता दें कि कोटा में फंसे छात्रों के घर जाने को लेकर किये गए अनशन के कारण कई छात्रों पर धारा 144 के तहत एफआईआर भी दर्ज किया गया है.
केंद्र सरकार के निर्देशों का कर रहे पालन- जदयू
दरअसल, करोना महामारी के दौरान लागू लॉक डाउन के कारण बिहार के रहने वाले कई छात्र कोटा में फंसे हुए हैं. इसको लेकर बिहार में सियासत गरमा गई है. जहां एक ओर विपक्ष मामले को लेकर अनशन करने की बात कर रही है. वहीं, कोटा मामला अभी न्यायालय में चल रहा है. मामले पर बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए हम लोग कोटा से बच्चों को वापस नहीं ला रहे हैं. अगर केंद्र सरकार अपने एडवाइजरी में कुछ अमेंडमेंट करती है तो विचार किया जाएगा.
रालोसपा प्रमुख छात्रों के लिए धरने पर
गौरतलब है कि लॉकडाउन की वजह से राजस्थान के कोटा में बिहार समेत उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और कई अन्य प्रदेश के छात्र फंस गए थे. बिहार को छोड़कर बाकी सभी प्रदेशों ने अपने बच्चों को वापस बुला लिया है, लेकिन बिहार की नीतीश सरकार ने बच्चों को वापस न बुलाने का फैसला किया. ऐसे में इस मामले को लेकर प्रदेश की सियासत में उमस बढ़ रही है. छात्रों को कोटा से वापस बुलाने के लिए रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा अनशन पर बैठे हुए हैं. वहीं अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी राजद के कार्यकर्ताओं को भी 1 मई को 2 घंटे के लिए पूरे परिवार के साथ अनशन करने का निर्देश दिया है.