पटना: बिहार में नगर निकाय चुनाव (Municipal elections in Bihar) में अति पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद बिहार में सियासत थम नहीं रहा है. जदयू और बीजेपी नेताओं के बीच जमकर बयानबाजी हो रही है. जदयू मंत्री अशोक चौधरी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने ही 2007 में पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग का गठन किया था और आज इस विभाग का बजट 1600 करोड़ है. विभाग के माध्यम से अति पिछड़ा और पिछड़ा के लिए कई काम हुए हैं.
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मंत्री अशोक चौधरी ने बीजेपी को घेरा: अशोक चौधरी ने कहा कि 2006 में कानून बनाकर पंचायतों में आरक्षण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही दिया था. वहीं, 2007 में नगर निकाय में आरक्षण दिया. मंत्री ने कहा कि पटना हाईकोर्ट का फैसला आया है, उसके खिलाफ हम लोग सुप्रीम कोर्ट में अपील कर रहे हैं. बीजेपी की ओर से आयोग बनाने को लेकर निशाना साधने पर अशोक चौधरी ने कहा कि पहले से ही यहां नगर निकाय में आरक्षण दिया जा रहा है, उसकी जरूरत कहां है.
ललन सिंह ने बीजेपी को घेरा: इस मामले को लेकर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि 'इसलिए तो हम लोग जातीय जनगणना कराने की मांग कर रहे थे. महाराष्ट्र में जब मामला आया तो केंद्र सरकार ने कोर्ट में जाकर कहा था कि जातीय जनगणना नहीं करा सकते हैं.' ललन सिंह ने कहा कि 'जातीय जनगणना आप कराइएगा नहीं और अति पिछड़ा को चिन्हित करने के लिए आयोग बनाने की बात कीजिएगा, यह तो उलझाने वाली बात है.
सफल नहीं होगी बीजेपी की साजिश: ललन सिंह ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार हैं, बीजेपी की कोई भी साजिश सफल नहीं होने वाली है. आयोग का गठन कर दिया जाए और उसका रिपोर्ट कब आएगा, 2 साल बाद आएगा और तब तक बिना आरक्षण का चुनाव करा लिया जाए, यही बीजेपी चाहती है और इसलिए अति पिछड़ा विरोधी चेहरा बीजेपी का सामने आ गया है.
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