पटना: आशा कार्यकर्ताओं की हड़ताल आज शनिवार को समाप्त हो गई है. डिप्टी सीएम सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने आशा प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के बाद हड़ताल समाप्ती की घोषणा की गयी. 12 जुलाई से प्रदेश की लगभग 1 लाख आशा कार्यकर्ता और आशा फैसिलिटेटर अपनी मांगू को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थी. सरकार ने तय किया है कि अब उन्हें मासिक मानदेय दिया जाएगा. बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ की अध्यक्ष शशि यादव ने कहा कि भले ही अभी कम राशि बढ़ायी गयी है, लेकिन यह एक बड़ी जीत है.
इसे भी पढ़ेंः बिहार सरकार ने खोला आशा कार्यकर्ताओं के प्रतिनिधियों के लिए खजाना, वेतनमान में ढाई गुना बढ़ोतरी का आश्वासन
"बिहार राज्य आशा संयुक्त संघर्ष मंच आज से आशा कार्यकर्ताओं की चली आ रही अनिश्चितकालीन हड़ताल को खत्म करने की घोषणा करता है. पटना की जीत हो गई और अब दिल्ली की बारी है. आगे देश की आशा कार्यकर्ता एकजुट होकर केंद्र सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगी क्योंकि, बीते 9 वर्षों में आशा कार्यकर्ताओं का 1 रुपया भी केंद्र सरकार ने नहीं बढ़ाया है."- शशि यादव, अध्यक्ष, बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ
भुगतान सितंबर माह से होगा: शशि यादव ने कहा कि हम लोगों की मांग थी कि आशा कार्यकर्ताओं को प्रति माह 10 हजार का मानदेय दिया जाए. लेकिन सरकार ने मानदेय में 1500 रुपये की बढ़ोतरी की है. अब आशा कार्यकर्ताओं और आशा फैसिलिटेटर को महीने में 2500 रुपया मानदेय दिया जाएगा. इसकी सरकार ने घोषणा की है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार यह राशि अपने खजाने से देगी और इसका भुगतान आगामी सितंबर 2023 से ही किया जाएगा.
सकारात्मक आश्वासन दियाः शशि यादव ने कहा कि इसके साथ ही आशा फैसिलिटेटर के ट्रैवलिंग एलाउंस को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा है कि इस पर अगले वित्तीय वर्ष से प्रावधान लाकर निर्णय लाया जाएगा. इसके अलावा पोशाक राशि को बढ़ाने के साथ-साथ जो प्रमुख मांगे थी रिटायरमेंट उम्र पर विचार करने के लिए तो सरकार ने कहा कि इस पर विचार किया जाएगा. 9 सूत्री मांगों पर सरकार ने सकारात्मक तरीके से वार्ता की. सकारात्मक आश्वासन दिया है.