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ऐसा था अरुण जेटली का वकील से सियासी दिग्गज बनने का सफर

1977 में जेटली पहली बार अभाविप के अध्यक्ष चुने गए. उनकी गिनती देश के जाने मानें वकीलों में होती थी.

अरुण जेटली
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Published : Aug 24, 2019, 1:09 PM IST

Updated : Aug 24, 2019, 1:20 PM IST

नई दिल्ली/ पटना: बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली का देर शाम दिल्ली के एम्स में निधन हो गया. उनके निधन की खबर सुनते ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई. बता दें कि बीजेपी के सीनियर नेता जेटली सियासत में आने पहले वकील थे. उनकी गिनती देश के जाने मानें वकीलों में होती थी. उन्होंने बीजेपी के कई सीनियर नेताओं के लिए भी केस लड़ा था.

एम्स ने एक बयान जारी कर कहा, 'बड़े दुख के साथ यह सूचित करना पड़ रहा है कि अरुण जेटली हमारे बीच में नहीं रहे. उन्होंने 24 अगस्त, 2019 को दोपहर 12 बजकर 7 मिनट पर अंतिम सांस ली. अरुण जेटली को 9 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था और वरिष्ठ डॉक्टरों की एक टीम उनके स्वास्थ्य की जांच कर रही थी'

जेटली का सियासी सफर

  • 1977 में जेटली पहली बार अभाविप के अध्यक्ष चुने गए.
  • बाद में बीजेपी के युवा मोर्चा का भी नेतृत्व किया.
  • आपातकाल के बाद 1977 में वे हाईकोर्ट में अपनी वकालत की तैयारी करने लगे.
  • सुप्रीम कोर्ट में जाने से पहले उन्होंने देश के कई उच्‍च न्‍यायालयों में अपनी तैयारी पूरी की.
  • कॉलेज की राजनीति के बाद जेटली 10 जून 1980 को भाजपा में शामिल हुए.
  • वीपी सिंह सरकार में उन्‍हें 1989 में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया.
  • उन्‍होंने बोफोर्स घोटाले की जांच में पेपरवर्क भी किया.
  • 1989 में जेटली सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता बने.
  • 1991 में वे भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बने.
  • 1999 के आम चुनाव में वे बीजेपी के प्रवक्‍ता बने
  • बीजेपी की केंद्र में सरकार आने के बाद जेटली को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का स्‍वतंत्र प्रभार सौंपा गया.
  • इसके बाद जेटली को विनिवेश का स्‍वतंत्र राज्‍यमंत्री बनाया गया.
  • 2000 में हुए लोकसभा चुनाव के बाद उन्‍हें कानून, न्‍याय, कंपनी अफेयर तथा शिपिंग मंत्रालय का मंत्री बनाया गया.
  • 2002 में कोका कोला के खिलाफ पेप्पसी की ओर से केस लड़ा.
  • 2004 के बाद अरुण जेटली पुन: अपने वकीली पेशे में आ गए.
  • 2006 में अरुण जेटली गुजरात से राज्‍यसभा के सदस्‍य बने और वर्तमान में वे राज्‍यसभा में विपक्ष के नेता हैं.
  • 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद जेटली को वित्त मंत्रालय सौंपा गया.
  • अल्पकाल के लिए रक्षा मंत्रालय की जिम्मेवारी निभायी.
  • वित्त मंत्री के तौर पर पांच बार बजट पेश किया.
  • उन्होंने संविधान के 84वें और 91वें संशोधन में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है.
  • सोशल मीडिया के जरिए अलग-अलग मुद्दों पर राय रखते थे.
  • वित्त मंत्री अरुण जेटली अपनी किडनी संबंधी बीमारी का इलाज कराने अमेरिका गए थे.
  • जेटली अप्रैल 2018 में भी एम्स में भर्ती हुए थे, जहां उनका डायलिसिस किया गया था.
  • जेटली 2018 में अप्रैल से लेकर अगस्त तक अपने नार्थ ब्लॉक स्थित कार्यालय से अनुपस्थित रहे थे. उन्होंने सर्जरी के बाद दोबारा 23 अगस्त 2018 को पदभार संभाला था.
  • इससे पहले साल 2014 के सितंबर में उन्होंने मधुमेह की बीमारी गंभीर हो जाने के बाद बेरियाटिक सर्जरी कराई थी.

9 अगस्त को हुए थे भर्ती
काफी समय से बीमार चल रहे अरुण जेटली को शुक्रवार सुबह एम्स में भर्ती करवाया गया था. डॉक्टरों की एक टीम उनके स्वास्थ्य की लगातार जांच कर रही थी. इससे पहले भी जेटली की तबियत खराब होने की सूचना मिलते ही पीएम मोदी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन भी एम्स पहुंचे थे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी दो बार एम्स का दौरा किया था. उन्होंने जेटली से मुलाकात की थी.

बीजेपी के संकटमोचक
जेटली बीजेपी के संसदीय बोर्ड के सदस्य थे और पीएम मोदी के करीबी माने जाते थे. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान जेटली ने कई मौकों पर सरकार का जोरदार बचाव किया था. पिछले काफी समय से बीमार चल रहे जेटली को भाजपा का संकटमोचक भी कहा जाता है.

नई दिल्ली/ पटना: बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली का देर शाम दिल्ली के एम्स में निधन हो गया. उनके निधन की खबर सुनते ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई. बता दें कि बीजेपी के सीनियर नेता जेटली सियासत में आने पहले वकील थे. उनकी गिनती देश के जाने मानें वकीलों में होती थी. उन्होंने बीजेपी के कई सीनियर नेताओं के लिए भी केस लड़ा था.

एम्स ने एक बयान जारी कर कहा, 'बड़े दुख के साथ यह सूचित करना पड़ रहा है कि अरुण जेटली हमारे बीच में नहीं रहे. उन्होंने 24 अगस्त, 2019 को दोपहर 12 बजकर 7 मिनट पर अंतिम सांस ली. अरुण जेटली को 9 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था और वरिष्ठ डॉक्टरों की एक टीम उनके स्वास्थ्य की जांच कर रही थी'

जेटली का सियासी सफर

  • 1977 में जेटली पहली बार अभाविप के अध्यक्ष चुने गए.
  • बाद में बीजेपी के युवा मोर्चा का भी नेतृत्व किया.
  • आपातकाल के बाद 1977 में वे हाईकोर्ट में अपनी वकालत की तैयारी करने लगे.
  • सुप्रीम कोर्ट में जाने से पहले उन्होंने देश के कई उच्‍च न्‍यायालयों में अपनी तैयारी पूरी की.
  • कॉलेज की राजनीति के बाद जेटली 10 जून 1980 को भाजपा में शामिल हुए.
  • वीपी सिंह सरकार में उन्‍हें 1989 में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया.
  • उन्‍होंने बोफोर्स घोटाले की जांच में पेपरवर्क भी किया.
  • 1989 में जेटली सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता बने.
  • 1991 में वे भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बने.
  • 1999 के आम चुनाव में वे बीजेपी के प्रवक्‍ता बने
  • बीजेपी की केंद्र में सरकार आने के बाद जेटली को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का स्‍वतंत्र प्रभार सौंपा गया.
  • इसके बाद जेटली को विनिवेश का स्‍वतंत्र राज्‍यमंत्री बनाया गया.
  • 2000 में हुए लोकसभा चुनाव के बाद उन्‍हें कानून, न्‍याय, कंपनी अफेयर तथा शिपिंग मंत्रालय का मंत्री बनाया गया.
  • 2002 में कोका कोला के खिलाफ पेप्पसी की ओर से केस लड़ा.
  • 2004 के बाद अरुण जेटली पुन: अपने वकीली पेशे में आ गए.
  • 2006 में अरुण जेटली गुजरात से राज्‍यसभा के सदस्‍य बने और वर्तमान में वे राज्‍यसभा में विपक्ष के नेता हैं.
  • 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद जेटली को वित्त मंत्रालय सौंपा गया.
  • अल्पकाल के लिए रक्षा मंत्रालय की जिम्मेवारी निभायी.
  • वित्त मंत्री के तौर पर पांच बार बजट पेश किया.
  • उन्होंने संविधान के 84वें और 91वें संशोधन में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है.
  • सोशल मीडिया के जरिए अलग-अलग मुद्दों पर राय रखते थे.
  • वित्त मंत्री अरुण जेटली अपनी किडनी संबंधी बीमारी का इलाज कराने अमेरिका गए थे.
  • जेटली अप्रैल 2018 में भी एम्स में भर्ती हुए थे, जहां उनका डायलिसिस किया गया था.
  • जेटली 2018 में अप्रैल से लेकर अगस्त तक अपने नार्थ ब्लॉक स्थित कार्यालय से अनुपस्थित रहे थे. उन्होंने सर्जरी के बाद दोबारा 23 अगस्त 2018 को पदभार संभाला था.
  • इससे पहले साल 2014 के सितंबर में उन्होंने मधुमेह की बीमारी गंभीर हो जाने के बाद बेरियाटिक सर्जरी कराई थी.

9 अगस्त को हुए थे भर्ती
काफी समय से बीमार चल रहे अरुण जेटली को शुक्रवार सुबह एम्स में भर्ती करवाया गया था. डॉक्टरों की एक टीम उनके स्वास्थ्य की लगातार जांच कर रही थी. इससे पहले भी जेटली की तबियत खराब होने की सूचना मिलते ही पीएम मोदी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन भी एम्स पहुंचे थे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी दो बार एम्स का दौरा किया था. उन्होंने जेटली से मुलाकात की थी.

बीजेपी के संकटमोचक
जेटली बीजेपी के संसदीय बोर्ड के सदस्य थे और पीएम मोदी के करीबी माने जाते थे. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान जेटली ने कई मौकों पर सरकार का जोरदार बचाव किया था. पिछले काफी समय से बीमार चल रहे जेटली को भाजपा का संकटमोचक भी कहा जाता है.

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Last Updated : Aug 24, 2019, 1:20 PM IST
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