पटनाः अब बिहार में मुखिया और सरपंच अपने पास बंदूक रखेंगे. खबर पक्की है. बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. बिहार में मुखिया सरपंच को हथियार का लाइसेंस (Arms license to Mukhiya sarpanch in Bihar) दिया जाएगा. पंचायती राज व्यवस्था में जीत कर आए जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा को लेकर यह कदम अहम साबित होगा. हाल ही में पांच मुखिया की हत्या को लेकर यह फैसला लिया गया है. कोई भी मुखिया सरपंच सुरक्षा के लिए आवेदन करते हैं तो उन्हें तुरंत सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी.
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आवेदन करने पर दिया जाएगा लाइसेंसः इस संबंध में पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि जो लोग आवेदन करेंगे उन्हें आर्म्स लाइसेंस दिया जाएगा. इसके लिए गृह विभाग की तरफ से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश भी जारी कर दिया गया है. उन्हों कहा कि हमने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के निर्देश पर एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है कि जो भी प्रतिनिधि सुरक्षा की मांग करें, उन्हें सरकारी स्तर पर अंगरक्षक मुहैया कराई जाए.
डीएम लेंगे अंतिम निर्णयः नियम के तहत हथियार के लाइसेंस की स्वीकृति के लिए डीएम को ऑथोरिटी माना गया है. गृह विभाग के अवर सचिव ने अपने सभी डीएम को लिखे पत्र में इस बात की चर्चा की है कि हथियार के लाइसेंस की स्वीकृति संबंधी आयुध अधिनियम 2016 का दृढ़ता से पालन किया जाए. ऐसे पंचायती राज प्रतिनिधियों से प्राप्त आवेदन को नियमानुसार निष्पादित किया जाए. देखना होगा सरकार के इस आदेश के बाद मुखिया समेत सभी जनप्रतिनिधियों की हथियार का लाइसेंस देने की मांग किस हद तक पूरी होती है.
मुंगेर से शुरू हुआ मामलाः दरअसल, मुंगेर के धरहरा प्रखंड की अजीमगंज पंचायत के मथुरा गांव के मुखिया परमानंद टुड्डू की हत्या का मामला सुर्खियों में रहा. इसी तरह बिहार में कई ऐसे मामले सामने आए जब मुखिया और पंचायत प्रतिनिधियों के साथ लूट और मारपीट की वारदात को बंदूक के बल पर अंजाम दिया गया.
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