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स्वामी सहजानंद सरस्वती की जीवनी पर इस अमेरिकी इतिहासकार का ज्ञान है अदभुत, VIDEO देखकर दंग रह जाएंगे आप

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Published : Nov 4, 2022, 7:23 PM IST

अमेरिकी इतिहासकार प्रोफेसर विलियम विजय आर पिंच (American historian William R Pinch) बिहटा के स्वामी सहजानंद सरस्वती आश्रम पहुंचे. उन्होंने स्वामी जी की जीवनी और शोध पर व्याख्यान कार्यक्रम में हिस्सा लिया.

अमेरिकी इतिहासकार
अमेरिकी इतिहासकार

पटना: राजधानी पटना से सटे बिहटा के राघोपुर स्थित स्वामी सहजानंद सरस्वती आश्रम में स्वामी जी की जीवनी और शोध पर व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में शामिल होने अमेरिकी इतिहासकार प्रोफेसर विलियम आर पिंच (American historian reached Sahajanand Ashram ) पहुंचे. प्रोफेसर विलियम ने सबसे पहले स्वामी जी के समाधि स्थल पर पुष्प चढ़ाकर उन्हें नमन किया. स्वामी जी के आश्रम में बने नए प्रवेश द्वार का फीता काटकर उद्घाटन किया. मौके पर स्वामी सहजानंद सरस्वती आश्रम के सचिव डॉ. सत्यजीत सिंह भी मौजूद थे. कार्यक्रम में पटना विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के कई प्रोफेसर के अलावा किसान आंदोलन से जुड़े तमाम नेता एवं कार्यकर्ता भी मौजूद रहे.

इसे भी पढ़ेंः स्वामी सहजानंद सरस्वती खेल एवं शिक्षण केंद्र का शुभारंभ, तमिलनाडु के राज्यपाल रविन्द्र नारायण रवि ने किया उद्घाटन

सहजानंद सरस्वती आश्रम पहुंचे अमेरिकी इतिहासकार.

सन्यासी के तौर पर जिया जीवनः आश्रम के सचिव डॉ सत्यजीत कुमार सिंह ने कहा कि स्वामी जी सभी धर्मों से ऊपर थे. पूरा जीवन सन्यासी के तौर पर जिया. हमेशा से किसान मजदूरों का हक के लिए आंदोलन करते रहे. यहां तक कि स्वामी जी के बारे में अमेरिकी इतिहासकार ने शोध किया है, जिसको लेकर आज एक बार फिर उनके कर्मभूमि आश्रम में अमेरिकी इतिहासकार प्रोफेसर विलियम आर पिंच पहुंचे हैं. वो स्वामी जी की जीवनी और सोच की जानकारी लेंगे. अमेरिका के नजर में स्वामी जी के बारे में क्या लिखा गया है उसकी जानकारी देंगे.



किसान आंदोलन के जननायकः अमेरिका स्थित वेसलियन विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर विलियम विजय आर पिंच ने कहा कि स्वामी जी किसान आंदोलन के जननायक माने जाते हैं. उन्होंने हमेशा से किसानों मजदूरों के लिए आंदोलन किया है. उन्होंने कहा कि उनके आश्रम में पहली बार पहुंचा हूं. काफी अच्छा लग रहा है. स्वामी जी मूल रूप से गाजीपुर के रहने वाले थे, लेकिन उनकी कर्मभूमि आश्रम रहा है. स्वामी जी शुरू से ही सन्यासी के रूप में रहे. यहां पर आकर उनके बारे में और जानने का मौका मिला. उनके तमाम आंदोलन के बारे में जाना. लोगों से भी इसको लेकर बातचीत की.

कार्यक्रम में पहुंचे अतिथि.
कार्यक्रम में पहुंचे अतिथि.

इसे भी पढ़ेंः सहजानंद सरस्वती की 71वीं पुण्यतिथि: 'आरा में स्वामी जी के नाम से बनेगा कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय'

"स्वामी जी सभी धर्मों से ऊपर थे. पूरा जीवनकाल सन्यासी के तौर पर जिया. हमेशा से किसान मजदूरों का हक के लिए आंदोलन करते रहे. यहां तक कि स्वामी जी के बारे में अमेरिका इतिहासकार ने शोध किया है"- डॉ.सत्यजीत सिंह, सचिव, स्वामी सहजानंद सरस्वती आश्रम

कार्यक्रम में मौजूद अमेरिकन इतिहासकार.
कार्यक्रम में मौजूद अमेरिकन इतिहासकार.


"स्वामी जी किसान आंदोलन के जननायक माने जाते हैं. उन्होंने हमेशा से किसानों मजदूरों के लिए आंदोलन किया है. उनके आश्रम में पहली बार आया हूं. काफी अच्छा लग रहा है. यहां आकर उनके बारे में और जानने का मौका मिला. उनके तमाम आंदोलन के बारे में जाना"- विलियम आर पिंच, इतिहासकार

पटना: राजधानी पटना से सटे बिहटा के राघोपुर स्थित स्वामी सहजानंद सरस्वती आश्रम में स्वामी जी की जीवनी और शोध पर व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में शामिल होने अमेरिकी इतिहासकार प्रोफेसर विलियम आर पिंच (American historian reached Sahajanand Ashram ) पहुंचे. प्रोफेसर विलियम ने सबसे पहले स्वामी जी के समाधि स्थल पर पुष्प चढ़ाकर उन्हें नमन किया. स्वामी जी के आश्रम में बने नए प्रवेश द्वार का फीता काटकर उद्घाटन किया. मौके पर स्वामी सहजानंद सरस्वती आश्रम के सचिव डॉ. सत्यजीत सिंह भी मौजूद थे. कार्यक्रम में पटना विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के कई प्रोफेसर के अलावा किसान आंदोलन से जुड़े तमाम नेता एवं कार्यकर्ता भी मौजूद रहे.

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सहजानंद सरस्वती आश्रम पहुंचे अमेरिकी इतिहासकार.

सन्यासी के तौर पर जिया जीवनः आश्रम के सचिव डॉ सत्यजीत कुमार सिंह ने कहा कि स्वामी जी सभी धर्मों से ऊपर थे. पूरा जीवन सन्यासी के तौर पर जिया. हमेशा से किसान मजदूरों का हक के लिए आंदोलन करते रहे. यहां तक कि स्वामी जी के बारे में अमेरिकी इतिहासकार ने शोध किया है, जिसको लेकर आज एक बार फिर उनके कर्मभूमि आश्रम में अमेरिकी इतिहासकार प्रोफेसर विलियम आर पिंच पहुंचे हैं. वो स्वामी जी की जीवनी और सोच की जानकारी लेंगे. अमेरिका के नजर में स्वामी जी के बारे में क्या लिखा गया है उसकी जानकारी देंगे.



किसान आंदोलन के जननायकः अमेरिका स्थित वेसलियन विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर विलियम विजय आर पिंच ने कहा कि स्वामी जी किसान आंदोलन के जननायक माने जाते हैं. उन्होंने हमेशा से किसानों मजदूरों के लिए आंदोलन किया है. उन्होंने कहा कि उनके आश्रम में पहली बार पहुंचा हूं. काफी अच्छा लग रहा है. स्वामी जी मूल रूप से गाजीपुर के रहने वाले थे, लेकिन उनकी कर्मभूमि आश्रम रहा है. स्वामी जी शुरू से ही सन्यासी के रूप में रहे. यहां पर आकर उनके बारे में और जानने का मौका मिला. उनके तमाम आंदोलन के बारे में जाना. लोगों से भी इसको लेकर बातचीत की.

कार्यक्रम में पहुंचे अतिथि.
कार्यक्रम में पहुंचे अतिथि.

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"स्वामी जी सभी धर्मों से ऊपर थे. पूरा जीवनकाल सन्यासी के तौर पर जिया. हमेशा से किसान मजदूरों का हक के लिए आंदोलन करते रहे. यहां तक कि स्वामी जी के बारे में अमेरिका इतिहासकार ने शोध किया है"- डॉ.सत्यजीत सिंह, सचिव, स्वामी सहजानंद सरस्वती आश्रम

कार्यक्रम में मौजूद अमेरिकन इतिहासकार.
कार्यक्रम में मौजूद अमेरिकन इतिहासकार.


"स्वामी जी किसान आंदोलन के जननायक माने जाते हैं. उन्होंने हमेशा से किसानों मजदूरों के लिए आंदोलन किया है. उनके आश्रम में पहली बार आया हूं. काफी अच्छा लग रहा है. यहां आकर उनके बारे में और जानने का मौका मिला. उनके तमाम आंदोलन के बारे में जाना"- विलियम आर पिंच, इतिहासकार

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