पटना: बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती को लेकर जदयू कार्यालय का चेहरा पूरी तरह से बदल दिया गया है. नए पोस्टर नए स्लोगन के साथ लगाये गये हैं. इसके साथ ही जदयू कार्यालय के दोनों गेट पर बाबा साहब का पोस्टर संविधान लिए लगाये गये हैं. तस्वीर के पीछे संसद भी दिखाई दे रहा है. बाबा साहब की तस्वीर के सहारे भी जदयू की तरफ से एक मैसेज देने की कोशिश हो रही है.
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जदयू की तैयारी: जदयू की तरफ से पहली बार पटना से लेकर पूरे बिहार में पंचायत स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. भीम चौपाल के माध्यम से दलित वर्ग के लिए नीतीश कुमार द्वारा किए गए कार्यों की चर्चा की गयी. पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे. मिशन 2024 के तहत नीतीश कुमार कई मोर्चे पर काम कर रहे हैं.
पूरी ताकत लगा रहीः नीतीश कुमार एक तरफ विपक्ष को एकजुट करने में लगे हैं तो वहीं अलग-अलग वोट बैंक को साधने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं. इसलिए पहली बार बाबा साहब की जयंती इतने बड़े पैमाने पर पार्टी की ओर से बिहार में मनायी जा रही है. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए नीतीश कुमार ने मंत्री अशोक चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को भी लगाया है. पार्टी पूरी ताकत लगा रही है.
दलित वोट की स्थिति: बिहार में 16% के करीब दलित वोट बैंक है. 243 विधानसभा सीटों में 40 सीट इनके लिए रिजर्व है तो वहीं 40 लोकसभा सीटों में 6 सीट रिजर्व है. दलित वोट बैंक पर एक तरफ चिराग पासवान और पशुपति पारस अपनी दावेदारी कर रहे हैं तो दूसरी तरफ जीतन राम मांझी भी अपनी दावेदारी कर रहे हैं. जदयू, आरजेडी और बीजेपी भी इस वोट बैंक को साधने में अपनी पूरी ताकत लगाई हुई है.