पटना: बिहार में कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के कारण राज्य सरकार ने 15 मई तक लॉकडाउन लगा दिया है. प्रतिदिन हजारों की संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग कोरोना मरीजों के इलाज की व्यवस्था को लेकर तत्पर है. अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ती की जा रही है. वहीं, बिहार के बड़े-बड़े उद्योग जहां ऑक्सीजन से मशीनें चलती है. वो सभी अस्पतालों को ऑक्सीजन उपलब्ध करवा रहे हैं.
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बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने बताया कि पटना में करीब 25 से 30 ऐसे बड़े उद्योग हैं, जहां ऑक्सीजन का इस्तेमाल होता है. लेकिन अभी सबसे ज्यादा जरूरी है कि लोगों की जान बचाई जाए. इसलिए हम उद्योगों में इस्तेमाल होने वाले ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति मेडिकल इमरजेंसी के लिए कर रहे हैं. ताकि अधिक से अधिक मरीजों की जान बचाई जा सके.
25 से 50 फीसदी तक गिरावट
अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ती के कारण उद्योग से होने वाले उत्पादन में करीब 25 से 50 फीसदी तक गिरावट आई है. हालांकि इससे कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि अभी लोगों की जान बचाना प्राथमिकता है.
मानवता के नाते अस्पतालों को दी जा रही ऑक्सीजन
इसके अलावा रामलाल खेतान ने बताया कि रोलिंग मिलों में ऑक्सीजन की सबसे अधिक जरूरत होती है. स्टील यूनिट के उत्पादन में भी ऑक्सीजन की काफी आवश्यकता होती है. कई कारखानों में ऑक्सीजन से ही कई मशीनें और उपकरण चलते हैं, लेकिन फिलहाल इन उद्योगों में ऑक्सीजन की सप्लाई बंद कर दी गई है. ऑक्सीजन की बढ़ती मांग और मानवता के नाते प्राथमिकता अस्पतालों को दी जा रही. हालांकि जैसे-जैसे स्थिति में सुधार होगी और ऑक्सीजन की आपूर्ति होने लगेगी फिर से इन उद्योगों में काम शुरू कर दिया जाएगा. लेकिन जब तक कमी रहेगी फिलहाल इन उद्योगों में उत्पादन कम ही होगा.