पटना: जिले के मसौढ़ी में अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा विभिन्न पंचायतों में लगातार किसान पंचायत का आयोजन किया जा रहा है. जहां इन दिनों देश में चल रहे कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
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अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा पंचायतों में घूम-घूम कर पंचायत लगाकर किसानों के बीच मोदी सरकार द्वारा पास कराए गए तीनों कृषि कानूनों को किसानों को गुलाम बनाने वाला कानून बताते हुए आंदोलन को आगे बढ़ाने को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. आंदोलनकारियों की माने तो किसानों का यह आंदोलन सिर्फ कृषि कानूनों के खिलाफ ही नहीं बल्कि लोकतंत्र, संविधान और देश को बचाने के साथ-साथ अस्तित्व बचाने का संघर्ष है.
पूंजीपतियों के हाथों सार्वजनिक प्रतिष्ठान बेच रही सरकार
किसान महासभा के कार्यकर्ताओं का कहना है कि आपदा की घड़ी में मोदी सरकार ने देश के सार्वजनिक प्रतिष्ठानों को पूंजीपतियों के हाथों बेचना शुरू कर दिया है. रेल, एयरपोर्ट, अस्पताल आदि का निजीकरण करने के बाद खेती को भी मोदी सरकार ने अंबानी, अडानी जैसे कॉर्पोरेट घराने को बेचने की तैयारी कर ली है. आनन-फानन में संसद से नया कृषि फॉर्म कानून पारित करवा दिया है.
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'लोकतंत्र को समाप्त करने पर आमदा है मोदी सरकार'
वहीं अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य महासचिव कामरेड उमेश सिंह ने महापंचायत में किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार इस देश के संविधान को नकारते हुए लोकतंत्र को समाप्त करने पर आमदा है. मसौढ़ी के बेदौली में आयोजित किसान पंचायत कार्यक्रम में भगवान सिंह, किसान नेता शशि यादव, श्याम नारायण सिंह, श्याम सुंदर, कामेश्वर यादव, शिव नंदन ठाकुर, आदित्य यादव, लवकुश प्रसाद, सुशील यादव, राजमती देवी, चिंता देवी, उषा देवी, समेत सैकडों किसान शामिल रहे.