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शिक्षकों को भी फ्रंटलाइन वॉरियर्स मानते हुए कोविड योद्धा घोषित करे सरकार- AIFEA

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Published : May 14, 2021, 4:10 PM IST

ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ एजुकेशनल एसोसिएशन ने सरकार से शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्षों और शिक्षकेत्तर कर्मियों को फ्रंटलाइन वारियर्स की तरह कोविड योद्धा घोषित करने की मांग की है. इसके साथ ही इन्हें सभी तरह की सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही है.

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पटना: ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ एजुकेशनल एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव शैलेन्द्र कुमार शर्मा और राज्यपार्षद जयनंदन यादव ने सरकार से राज्य के शिक्षकों, पुस्तकालयाध्यक्षों और शिक्षकेत्तर कर्मियों को फ्रंटलाइन वारियर्स की तरह कोविड योद्धा घोषित करने की मांग की है. इसके साथ ही उन्हें प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन लगाने, राज्य के अन्य कोरोना योद्धा की तरह 50 लाख का बीमा कराने, सरकार के माध्यम से घोषित प्रोत्साहन राशि देने के साथ-साथ सुरक्षा के लिए पीपीई कीट, सैनिटाइजर, ग्लव्स, मास्क आदि उपलब्ध कराने की मांग की है.

इसे भी पढ़ें: पटनाः बिहार इलेक्ट्रिक ट्रेडर्स एसोसिएशन ने कोरोना वॉरियर्स को किया सम्मानित

आपदा में शिक्षक समाज ने हमेशा निभाई अपनी भूमिका
शैलेन्द्र कुमार शर्मा और जयनंदन यादव ने कहा कि सभी का दायित्व है कि वैश्विक महामारी कोरोना की लड़ाई में अपनी-अपनी भूमिका और दायित्वों का निर्वहन करें. शिक्षक समाज आपदा की परंपरा रही है कि वह हर आपदा में अपने तन, मन और धन से सहयोग किया है. यहां तक कि सरकार के आपदा राहत कोष में भी अपने वेतन का हिस्सा दिया है.

कोरोना में भी निष्ठा और ईमानदारी से ड्यूटी पर तैनात
आज सरकार के माध्यम से कोरोना संक्रमण काल में राज्य के शिक्षकों, पुस्तकालयाध्यक्षों और शिक्षकेत्तर कर्मियों को कोविड केयर सेंटर से लेकर वैक्सीनेशन सेंटर पर तैनात किया गया है. जहां पूरी निष्ठा और ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन भी कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: कैमूर: 5 स्वास्थ्य कर्मियों को लगा पहला वैक्सीन, होंगे कोरोना वॉरियर्स के रुप में सम्मानित

सरकार कर रही है भेदभाव
शिक्षकों के कर्तव्यों के निर्वहन के बावजूद भी राज्य सरकार उनके साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपना रही है. उन्हें न तो कोविड योद्धा घोषित किया और न ही 50 लाख की बीमा योजना से आच्छादित किया. यहां तक कि उन्हें राज्य के अन्य कर्मियों की तरह प्रोत्साहन राशि भी नहीं दी जा रही है.

अविलंब प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन कराएं
शिक्षक समाज के वैक्सीनेशन नहीं कराने और उन्हें हमेशा फ्रंटलाइन वॉरियर्स की तरह हर जगह ड्यूटी पर लगाने से हमेशा उनमें संक्रमण का डर रहता है. हजारों शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष और शिक्षकेत्तर संक्रमित हो गये हैं. उनमें से सैकड़ों ने अपनी जांन भी गंवाई है. सरकार के माध्यम से शिक्षकों, पुस्तकालयाध्यक्षों और शिक्षकेत्तर कर्मियों को भी कोविड योद्धा की तरह प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन दिलवाने की व्यवस्था करें.

सुरक्षा संसाधन की जाए व्यवस्था
कोरोना संक्रमण काल में लागातार शिक्षकों, पुस्तकालयाध्यक्षों और शिक्षकेत्तर कर्मियों को कोविड केयर सेंटर, वैक्सीनेशन सेंटर, कम्यूनिटी किचेन, कोरोना हेल्प लाइन डेस्क आदि सहित विभिन्न स्थानों पर बिना किसी सुरक्षा संसाधनों यथा पीपीई कीट, सैनिटाइजर, ग्लव्स, मास्क आदि के तैनात किया जा रहा है, जो काफी घातक है. शिक्षक समाज को भी अन्य फ्रंटलाइन वॉरियर्स की तरह सभी सुरक्षा संसाधन भी उपलब्ध कराई जाए. जिससे सभी शिक्षक भयमुक्त होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें.

पटना: ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ एजुकेशनल एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव शैलेन्द्र कुमार शर्मा और राज्यपार्षद जयनंदन यादव ने सरकार से राज्य के शिक्षकों, पुस्तकालयाध्यक्षों और शिक्षकेत्तर कर्मियों को फ्रंटलाइन वारियर्स की तरह कोविड योद्धा घोषित करने की मांग की है. इसके साथ ही उन्हें प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन लगाने, राज्य के अन्य कोरोना योद्धा की तरह 50 लाख का बीमा कराने, सरकार के माध्यम से घोषित प्रोत्साहन राशि देने के साथ-साथ सुरक्षा के लिए पीपीई कीट, सैनिटाइजर, ग्लव्स, मास्क आदि उपलब्ध कराने की मांग की है.

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आपदा में शिक्षक समाज ने हमेशा निभाई अपनी भूमिका
शैलेन्द्र कुमार शर्मा और जयनंदन यादव ने कहा कि सभी का दायित्व है कि वैश्विक महामारी कोरोना की लड़ाई में अपनी-अपनी भूमिका और दायित्वों का निर्वहन करें. शिक्षक समाज आपदा की परंपरा रही है कि वह हर आपदा में अपने तन, मन और धन से सहयोग किया है. यहां तक कि सरकार के आपदा राहत कोष में भी अपने वेतन का हिस्सा दिया है.

कोरोना में भी निष्ठा और ईमानदारी से ड्यूटी पर तैनात
आज सरकार के माध्यम से कोरोना संक्रमण काल में राज्य के शिक्षकों, पुस्तकालयाध्यक्षों और शिक्षकेत्तर कर्मियों को कोविड केयर सेंटर से लेकर वैक्सीनेशन सेंटर पर तैनात किया गया है. जहां पूरी निष्ठा और ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन भी कर रहे हैं.

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सरकार कर रही है भेदभाव
शिक्षकों के कर्तव्यों के निर्वहन के बावजूद भी राज्य सरकार उनके साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपना रही है. उन्हें न तो कोविड योद्धा घोषित किया और न ही 50 लाख की बीमा योजना से आच्छादित किया. यहां तक कि उन्हें राज्य के अन्य कर्मियों की तरह प्रोत्साहन राशि भी नहीं दी जा रही है.

अविलंब प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन कराएं
शिक्षक समाज के वैक्सीनेशन नहीं कराने और उन्हें हमेशा फ्रंटलाइन वॉरियर्स की तरह हर जगह ड्यूटी पर लगाने से हमेशा उनमें संक्रमण का डर रहता है. हजारों शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष और शिक्षकेत्तर संक्रमित हो गये हैं. उनमें से सैकड़ों ने अपनी जांन भी गंवाई है. सरकार के माध्यम से शिक्षकों, पुस्तकालयाध्यक्षों और शिक्षकेत्तर कर्मियों को भी कोविड योद्धा की तरह प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन दिलवाने की व्यवस्था करें.

सुरक्षा संसाधन की जाए व्यवस्था
कोरोना संक्रमण काल में लागातार शिक्षकों, पुस्तकालयाध्यक्षों और शिक्षकेत्तर कर्मियों को कोविड केयर सेंटर, वैक्सीनेशन सेंटर, कम्यूनिटी किचेन, कोरोना हेल्प लाइन डेस्क आदि सहित विभिन्न स्थानों पर बिना किसी सुरक्षा संसाधनों यथा पीपीई कीट, सैनिटाइजर, ग्लव्स, मास्क आदि के तैनात किया जा रहा है, जो काफी घातक है. शिक्षक समाज को भी अन्य फ्रंटलाइन वॉरियर्स की तरह सभी सुरक्षा संसाधन भी उपलब्ध कराई जाए. जिससे सभी शिक्षक भयमुक्त होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें.

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