पटना: बिहार में राज्यपाल कोटे से एनडीए के 12 एमएलसी बनाए गए. जेडीयू और भाजपा के 6-6 एमएलसी बनाए गए. जीतन राम मांझी के हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और मुकेश सहनी के विकासशील इंसान पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली, जिससे नाराज दोनों नेताओं ने भाजपा और जेडीयू पर गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है.
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एनडीए के दोनों नाराज नेताओं को कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया है. अजीत शर्मा ने कहा "दोनों नेता महागठबंधन में शामिल होकर बिहार का विकास करने में आगे आएं. दोनों अपने आप को बड़े नेता समझते हैं. अब उन्हें निर्णय लेना है. सरकार ज्यादा दिन तक नहीं चलेगी. 12 एमएलसी का चयन किया गया. भाजपा और जदयू ने अपनी ही पार्टी के नेताओं को एमएलसी बनाया जबकि हम और वीआईपी को भी 1-1 सीट दिया जाना चाहिए था तभी गठबंधन धर्म का पालन होता."
मांझी और सहनी का महागठबंधन में स्वागत है
अजीत शर्मा ने कहा "जनता ने महागठबंधन को अपना मत दिया था, लेकिन वोटों की चोरी और हेराफेरी कर एनडीए ने जीत हासिल की है. इसलिए अधिक दिनों तक सरकार नहीं चलने वाली है. ऐसे में अगर मांझी और सहनी आना चाहें तो दोनों नेताओं का महागठबंधन में स्वागत है. यह सरकार जनहित के लिए काम नहीं कर रही है."
"नीतीश कैबिनेट में 64% मंत्री दागी हैं. प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने डॉक्यूमेंट प्रस्तुत किया है. इसमें साफ तौर से देखा जा सकता है कि मंत्री दागी हैं. विधायकों ने चुनाव के वक्त जो शपथ पत्र जमा किया है उनमें कई के ऊपर चार्जेज हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ऐसे नेताओं को अपने कैबिनेट में मंत्री बनाने के दौरान ध्यान देना चाहिए था. यही वजह है कि मुख्यमंत्री का पहले के कार्यकाल में जिस तरह पुलिस प्रशासन पर प्रभाव और दबाव रहता था वह अब ढीला हुआ है. वह कहीं न कहीं बीजेपी से सहमे हुए हैं. इसी के चलते दागी मंत्री कैबिनेट में शामिल हुए हैं."- अजीत शर्मा, नेता, कांग्रेस विधायक दल