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नीतीश के समर्थन में उतरे अजय आलोक, पवन वर्मा पर लगाई आरोपों की झड़ी

जेडीयू महासचिव पवन वर्मा के बगावती तेवर पर पार्टी नेता डॉ. अजय आलोक ने ट्वीट कर सीएम नीतीश का बचाव किया. वहीं, वर्मा के पार्टी ज्वाइन करने से लेकर सांसद कार्यकाल खत्म होने तक का जिक्र करते हुए कई सवाल किये हैं.

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Published : Jan 22, 2020, 9:10 PM IST

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अजय आलोक

पटनाः जेडीयू में सीएए और एनआरसी को लेकर अलग-अलग सुर है. पार्टी प्रवक्ता और महासचिव पवन वर्मा ने इसका खुलकर विरोध किया है. जेडीयू महासचिव के विरोध पर पार्टी के कई नेताओ ने नसीहत तक दे डाली है. जेडीयू नेता और पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सीएम नीतीश कुमार का बचाव करते हुए पवन वर्मा पर कई आरोप लगाए हैं.

जेडीयू नेता डॉ. अजय आलोक ने ट्वीट कर पवन वर्मा पर जम कर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी पद से इस्तीफा देकर सीएम नीतीश के करीब आये और पार्टी में बड़े पद के साथ राज्यसभा सांसद तक बने. लेकिन कार्यकाल खत्म होते ही 2016 से उनकी समस्या शुरू हो गयी.

अजय आलोक का पवन वर्मा पर निशाना
अजय आलोक ने पहले ट्वीट में लिखा, 'भूटान के ऐम्बैसडर-नीतीश जी का जोररदार स्वागत-इस्तीफा देके नीतीश जी के पास आना. CM के सांस्कृतिक सलाहकार-2014 राज्य सभा- 2015 राष्ट्रीय प्रवक्ता सह महासचिव. 2016- राज्य सभा खत्म समस्या शुरू. 2017 भाजपा के साथ गठबन्धन लेकिन 2018 में राज्य सभा की उम्मीद. बेचारे अरमान.'

  • भूटान के ऐम्बैसडर - नीतीश जी का ज़ोरदार स्वागत - इस्तीफ़ा देके नीतीश जी के पास आना - CM के सांस्कृतिक सलाहकार - 2014 राज्य सभा - 2015 राष्ट्रीय प्रवक्ता सह महासचिव -2016- राज्य सभा ख़त्म समस्या शुरू - 2017 भाजपा के साथ गठबन्धन लेकिन 2018 में राज्य सभा की उम्मीद । बेचारे अरमान —2

    — Dr Ajay Alok (@alok_ajay) January 22, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आलोक का ट्वीट
वहीं, दूसरे ट्वीट में जेडीयू नेता अजय आलोक ने लिखा- जेडीयू ने आज तक सभी की बात सुनी और सम्मान दिया और निर्णय लिए सिर्फ “ बिहार हित “ में , भाजपा के साथ गठबन्धन बिहार हित में हैं लेकिन जो कभी बिहार से मतलब नहीं, बिहारी नहीं उनको बिहार से सिर्फ लाभ लेना हैं और जब लाभ नहीं मिले तो नेतृत्व को गाली दो, बुद्धिमता धृष्टता नहीं हो.

  • —2 ——- Jdu ने आज तक सभी की बात सुनी और सम्मान दिया और निर्णय लिए सिर्फ़ “ बिहार हित “ में , भाजपा के साथ गठबन्धन बिहार हित में हैं लेकिन जो कभी बिहार से मतलब नहीं , बिहारी नहीं उनको बिहार से सिर्फ़ लाभ लेना हैं और जब लाभ नहीं मिले तो नेतृत्व को गाली दो , बुद्धिमता धृष्टता नहीं हो

    — Dr Ajay Alok (@alok_ajay) January 22, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

नीतीश से स्टैंड क्लियर करने की मांग
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र के दौरान ये बात साफ की थी कि उन्होंने सीएए का समर्थन किया है लेकिन बिहार में एनआरसी नहीं लागू होने देंगे. इसके बाद से नीतीश ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. वहीं, पवन वर्मा ने चिट्ठी लिख कर नीतीश कुमार से इस पर स्टैंड क्लियर करने की मांग की है.

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पवन कुमार वर्मा

कौन हैं पवन कुमार वर्मा
बता दें कि पूर्व राजनयिक और जेडीयू के महासचिव पवन कुमार वर्मा लेखक एवं राजनीतिज्ञ हैं. वो भूटान में भारत के राजदूत और भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद के निदेशक भी रह चुके हैं. जेडीयू महासचिव पवन कुमार वर्मा 1976 बैच के भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रह चुके हैं. इसके पहले वे भारत के राष्ट्रपति के प्रेस सचिव, साइप्रस के उच्चायुक्त, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता आदि महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं.

ये भी पढ़ेंः 'पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं pk अगर वे कुछ कहते हैं तो उसे सुनना चाहिए'

इसके अलावा पवन कुमार वर्मा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार भी रह चुके हैं. वर्मा एक दर्जन से भी ज्यादा बेस्टसेलिंग किताबें भी लिख चुके हैं. गालिब द मैन, द टाइम्स, द ग्रेट इंडियन मिडिल क्लास, द बुक ऑफ कृष्ण, बीइंग इंडियन, बिकमिंग इंडियन और चाणक्याज न्यू मैनिफैस्टो किताब मुख्य रूप से शामिल है.

पटनाः जेडीयू में सीएए और एनआरसी को लेकर अलग-अलग सुर है. पार्टी प्रवक्ता और महासचिव पवन वर्मा ने इसका खुलकर विरोध किया है. जेडीयू महासचिव के विरोध पर पार्टी के कई नेताओ ने नसीहत तक दे डाली है. जेडीयू नेता और पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सीएम नीतीश कुमार का बचाव करते हुए पवन वर्मा पर कई आरोप लगाए हैं.

जेडीयू नेता डॉ. अजय आलोक ने ट्वीट कर पवन वर्मा पर जम कर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी पद से इस्तीफा देकर सीएम नीतीश के करीब आये और पार्टी में बड़े पद के साथ राज्यसभा सांसद तक बने. लेकिन कार्यकाल खत्म होते ही 2016 से उनकी समस्या शुरू हो गयी.

अजय आलोक का पवन वर्मा पर निशाना
अजय आलोक ने पहले ट्वीट में लिखा, 'भूटान के ऐम्बैसडर-नीतीश जी का जोररदार स्वागत-इस्तीफा देके नीतीश जी के पास आना. CM के सांस्कृतिक सलाहकार-2014 राज्य सभा- 2015 राष्ट्रीय प्रवक्ता सह महासचिव. 2016- राज्य सभा खत्म समस्या शुरू. 2017 भाजपा के साथ गठबन्धन लेकिन 2018 में राज्य सभा की उम्मीद. बेचारे अरमान.'

  • भूटान के ऐम्बैसडर - नीतीश जी का ज़ोरदार स्वागत - इस्तीफ़ा देके नीतीश जी के पास आना - CM के सांस्कृतिक सलाहकार - 2014 राज्य सभा - 2015 राष्ट्रीय प्रवक्ता सह महासचिव -2016- राज्य सभा ख़त्म समस्या शुरू - 2017 भाजपा के साथ गठबन्धन लेकिन 2018 में राज्य सभा की उम्मीद । बेचारे अरमान —2

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आलोक का ट्वीट
वहीं, दूसरे ट्वीट में जेडीयू नेता अजय आलोक ने लिखा- जेडीयू ने आज तक सभी की बात सुनी और सम्मान दिया और निर्णय लिए सिर्फ “ बिहार हित “ में , भाजपा के साथ गठबन्धन बिहार हित में हैं लेकिन जो कभी बिहार से मतलब नहीं, बिहारी नहीं उनको बिहार से सिर्फ लाभ लेना हैं और जब लाभ नहीं मिले तो नेतृत्व को गाली दो, बुद्धिमता धृष्टता नहीं हो.

  • —2 ——- Jdu ने आज तक सभी की बात सुनी और सम्मान दिया और निर्णय लिए सिर्फ़ “ बिहार हित “ में , भाजपा के साथ गठबन्धन बिहार हित में हैं लेकिन जो कभी बिहार से मतलब नहीं , बिहारी नहीं उनको बिहार से सिर्फ़ लाभ लेना हैं और जब लाभ नहीं मिले तो नेतृत्व को गाली दो , बुद्धिमता धृष्टता नहीं हो

    — Dr Ajay Alok (@alok_ajay) January 22, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

नीतीश से स्टैंड क्लियर करने की मांग
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र के दौरान ये बात साफ की थी कि उन्होंने सीएए का समर्थन किया है लेकिन बिहार में एनआरसी नहीं लागू होने देंगे. इसके बाद से नीतीश ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. वहीं, पवन वर्मा ने चिट्ठी लिख कर नीतीश कुमार से इस पर स्टैंड क्लियर करने की मांग की है.

patna
पवन कुमार वर्मा

कौन हैं पवन कुमार वर्मा
बता दें कि पूर्व राजनयिक और जेडीयू के महासचिव पवन कुमार वर्मा लेखक एवं राजनीतिज्ञ हैं. वो भूटान में भारत के राजदूत और भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद के निदेशक भी रह चुके हैं. जेडीयू महासचिव पवन कुमार वर्मा 1976 बैच के भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रह चुके हैं. इसके पहले वे भारत के राष्ट्रपति के प्रेस सचिव, साइप्रस के उच्चायुक्त, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता आदि महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं.

ये भी पढ़ेंः 'पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं pk अगर वे कुछ कहते हैं तो उसे सुनना चाहिए'

इसके अलावा पवन कुमार वर्मा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार भी रह चुके हैं. वर्मा एक दर्जन से भी ज्यादा बेस्टसेलिंग किताबें भी लिख चुके हैं. गालिब द मैन, द टाइम्स, द ग्रेट इंडियन मिडिल क्लास, द बुक ऑफ कृष्ण, बीइंग इंडियन, बिकमिंग इंडियन और चाणक्याज न्यू मैनिफैस्टो किताब मुख्य रूप से शामिल है.

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