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पटना यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव को लेकर बढ़ी सरगर्मी, कैंपेनिंग में जुटे छात्र

कॉलेज में अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर हो, शिक्षकों की बहाली हो, कॉलेज के माहौल को सुधारा जाए, जेंडर सेल बनाया जाए ताकि पटना विश्वविद्यालय में लड़कियों का अनुपात बढ़े. साथ ही स्पोर्ट्स और कल्चरल एक्टिविटीज को बढ़ावा दिया जाए. इन मुद्दों को लेकर आईसा पीयू में कैंपेन कर रहा है.

पटना यूनिवर्सिटी
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Published : Nov 18, 2019, 11:28 PM IST

पटना: पटना विश्वविद्यालय (पीयू) में 7 दिसंबर को होने वाले छात्रसंघ चुनाव को लेकर कैंपेन का दौर शुरू हो गया है. पटना विश्वविद्यालय में चुनाव को लेकर काफी सरगर्मी देखी जा रही है. छात्र संगठन के चुनाव में भाग लेने वाले सभी छात्र संगठन विश्वविद्यालय के माहौल को भांपने की कोशिश में लगे हैं. अभी किसी भी संगठन ने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है. लेकिन धीरे-धीरे पीयू के कॉलेजों में कैंपेनिंग का दौर शुरू हो गया है.

सोमवार को पटना कॉलेज के कैंपस में ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आईसा) छात्र संगठन के छात्र छात्रों के बीच कैंपेनिंग करते हुए दिखाई पड़े. आईसा के चुनाव कैंपेन में शामिल पटना कॉलेज की पूर्व काउंसलर प्राची ने कहा कि आईसा हमेशा से मुखर होकर चुनाव लड़ती है. इस बार का चुनाव का मुद्दा होगा कि विश्वविद्यालय को कैसे बेहतर बनाया जाए.

जानकारी देते आईसा के छात्र नेता

प्राची ने कहा कि हाल ही में नैक की टीम पटना विश्वविद्यालय का दौरा किया था. इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने के लिए काफी पैसे दिए मगर इसका सही यूटिलाइजेशन अभी तक दिख नहीं रहा है. उन्होंने कहा कि उनका मुख्य मुद्दा होगा कि कॉलेज में अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर हो, शिक्षकों की बहाली हो, कॉलेज के माहौल को सुधारा जाए, जेंडर सेल बनाया जाए ताकि पटना विश्वविद्यालय में लड़कियों का अनुपात बढ़े. साथ ही स्पोर्ट्स और कल्चरल एक्टिविटीज को बढ़ावा दिया जाए.

प्राची, पूर्व काउंसलर, पीयू
प्राची, पूर्व काउंसलर, पीयू

'सरकारी नहीं संघर्षकारी चाहिए'
आईसा छात्र संगठन के मृणाल राज ने बताया कि इस बार आईसा का चुनाव में प्रमुख नारा है सरकारी नहीं संघर्षकारी चाहिए. पिछले छात्र संगठन चुनाव में जदयू और एबीवीपी के छात्र जीत कर आए. लेकिन उन्होंने विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी को लेकर आवाज नहीं उठाया. उन्होंने बताया कि वह कैंपेन में छात्रों के बीच यह समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि कितना जरूरी है सरकारी संगठनों को नकारना.

मुख्तार, प्रदेश अध्यक्ष, आईसा
मुख्तार, प्रदेश अध्यक्ष, आईसा

'छात्रों में दिख रहा सकरात्मक रुझान'
आईसा के स्टेट प्रेसिडेंट मुख्तार ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाए. इस मांग को लेकर वह छात्रों के बीच जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि छात्र संघ के चुनाव में पिछले 2 वर्षों से काबीज एबीवीपी और जदयू ने केंद्रीय विश्वविद्यालय की मांग पर भी अभी तक कुछ नहीं किया है. उन्होंने कहा कि इन सब बातों को एक्सपोज करते हुए पटना विश्वविद्यालय में बेहतर अकादमिक माहौल बने इन मुद्दों के साथ वह छात्रों के बीच जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि कैंपेन के दौरान छात्रों का आईसा के प्रति सकारात्मक रुझान देखने को मिल रहा है.

पटना: पटना विश्वविद्यालय (पीयू) में 7 दिसंबर को होने वाले छात्रसंघ चुनाव को लेकर कैंपेन का दौर शुरू हो गया है. पटना विश्वविद्यालय में चुनाव को लेकर काफी सरगर्मी देखी जा रही है. छात्र संगठन के चुनाव में भाग लेने वाले सभी छात्र संगठन विश्वविद्यालय के माहौल को भांपने की कोशिश में लगे हैं. अभी किसी भी संगठन ने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है. लेकिन धीरे-धीरे पीयू के कॉलेजों में कैंपेनिंग का दौर शुरू हो गया है.

सोमवार को पटना कॉलेज के कैंपस में ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आईसा) छात्र संगठन के छात्र छात्रों के बीच कैंपेनिंग करते हुए दिखाई पड़े. आईसा के चुनाव कैंपेन में शामिल पटना कॉलेज की पूर्व काउंसलर प्राची ने कहा कि आईसा हमेशा से मुखर होकर चुनाव लड़ती है. इस बार का चुनाव का मुद्दा होगा कि विश्वविद्यालय को कैसे बेहतर बनाया जाए.

जानकारी देते आईसा के छात्र नेता

प्राची ने कहा कि हाल ही में नैक की टीम पटना विश्वविद्यालय का दौरा किया था. इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने के लिए काफी पैसे दिए मगर इसका सही यूटिलाइजेशन अभी तक दिख नहीं रहा है. उन्होंने कहा कि उनका मुख्य मुद्दा होगा कि कॉलेज में अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर हो, शिक्षकों की बहाली हो, कॉलेज के माहौल को सुधारा जाए, जेंडर सेल बनाया जाए ताकि पटना विश्वविद्यालय में लड़कियों का अनुपात बढ़े. साथ ही स्पोर्ट्स और कल्चरल एक्टिविटीज को बढ़ावा दिया जाए.

प्राची, पूर्व काउंसलर, पीयू
प्राची, पूर्व काउंसलर, पीयू

'सरकारी नहीं संघर्षकारी चाहिए'
आईसा छात्र संगठन के मृणाल राज ने बताया कि इस बार आईसा का चुनाव में प्रमुख नारा है सरकारी नहीं संघर्षकारी चाहिए. पिछले छात्र संगठन चुनाव में जदयू और एबीवीपी के छात्र जीत कर आए. लेकिन उन्होंने विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी को लेकर आवाज नहीं उठाया. उन्होंने बताया कि वह कैंपेन में छात्रों के बीच यह समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि कितना जरूरी है सरकारी संगठनों को नकारना.

मुख्तार, प्रदेश अध्यक्ष, आईसा
मुख्तार, प्रदेश अध्यक्ष, आईसा

'छात्रों में दिख रहा सकरात्मक रुझान'
आईसा के स्टेट प्रेसिडेंट मुख्तार ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाए. इस मांग को लेकर वह छात्रों के बीच जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि छात्र संघ के चुनाव में पिछले 2 वर्षों से काबीज एबीवीपी और जदयू ने केंद्रीय विश्वविद्यालय की मांग पर भी अभी तक कुछ नहीं किया है. उन्होंने कहा कि इन सब बातों को एक्सपोज करते हुए पटना विश्वविद्यालय में बेहतर अकादमिक माहौल बने इन मुद्दों के साथ वह छात्रों के बीच जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि कैंपेन के दौरान छात्रों का आईसा के प्रति सकारात्मक रुझान देखने को मिल रहा है.

Intro:पटना विश्वविद्यालय में 7 दिसंबर को होने वाले छात्रसंघ चुनाव को लेकर कैंपेन का दौर शुरू हो गया है. पटना विश्वविद्यालय में चुनाव को लेकर काफी सरगर्मी देखी जा रही है. छात्र संगठन के चुनाव में भाग लेने वाले सभी छात्र संगठन विश्वविद्यालय के माहौल को भांपने की कोशिश में लगे हैं. अभी किसी भी संगठन ने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है मगर धीरे-धीरे पटना विश्वविद्यालय के कॉलेजों में कैंपेनिंग का दौर शुरू हो गया है. सोमवार को पटना कॉलेज के कैंपस में आईसा छात्र संगठन के छात्र छात्रों के बीच कैंपेनिंग करते हुए दिखाई पड़े.


Body:आईसा के चुनाव कैंपेन में शामिल पटना कॉलेज की पूर्व काउंसलर प्राची ने कहा कि आईसा हमेशा से मुखर होकर चुनाव लड़ती है और इस बार का चुनाव का मुद्दा होगा कि विश्वविद्यालय को कैसे बेहतर बनाया जाए. उन्होंने कहा कि हाल में नैक की टीम पटना विश्वविद्यालय का दौरा किया था. इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने के लिए काफी पैसे दिए मगर इसका सही यूटिलाइजेशन अभी तक दिख नहीं रहा है. उन्होंने कहा कि उनका मुख्य मुद्दा होगा कि कॉलेज में अच्छी इंफ्रास्ट्रक्चर हो, शिक्षकों की बहाली हो, कॉलेज के माहौल को सुधारा जाए, जेंडर सेल बनाया जाए ताकि पटना विश्वविद्यालय में लड़कियों का अनुपात बढ़े और साथ ही स्पोर्ट्स और कल्चरल एक्टिविटीज को बढ़ावा दिया जाए.


Conclusion:आईसा छात्र संगठन के मृणाल राज ने बताया कि इस बार आईसा का चुनाव में प्रमुख नारा है सरकारी नहीं संघर्षकारी चाहिए. पिछले छात्र संगठन चुनाव में जदयू और एबीवीपी के छात्र जीत कर आए मगर उन्होंने विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी को लेकर आवाज नहीं उठाया. उन्होंने बताया कि वह कैंपेन में छात्रों के बीच यह समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि कितना जरूरी है सरकारी संगठनों को नकारना.

आईसा के स्टेट प्रेसिडेंट मुख्तार ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाए इस मांग को लेकर वह छात्रों के बीच जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि छात्र संघ के चुनाव में पिछले 2 वर्षों से काबीज एबीवीपी और जदयू ने केंद्रीय विश्वविद्यालय की मांग पर भी अभी तक कुछ नहीं किया है. उन्होंने कहा कि इन सब बातों को एक्सपोज करते हुए पटना विश्वविद्यालय में बेहतर अकादमिक माहौल बने इन मुद्दों के साथ वह छात्रों के बीच जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि कैंपेन के दौरान छात्रों का आईसा के प्रति सकारात्मक रुझान देखने को मिल रहा है.
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