पटना: बिहार विधान मंडल का शीतकालीन सत्र का आज पहला दिन है. सत्र का पहला दिन काफी ज्यादा हंगामेदार रहा. सत्र के पहले दिन विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया. विपक्षी दल सरकार को जातीय जनगणना, शिक्षक नियुक्ति सहित अन्य मुद्दों को लेकर घेरने का काम करने वाली है. वहीं एआईएमआईएम के विधायक अख्तरुल ईमान ने बिहार सरकार से ओबीसी आरक्षण के दायरे को बढ़ाने की मांग की.
ओबीसी आरक्षण 50% करने की मांग: अख्तरुल ईमान ने कहा कि अब बिहार में जातीय गणना हो गया है जिससे सब कुछ साफ है. निश्चित तौर पर अब बिहार सरकार को ओबीसी आरक्षण 50% करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके अंतर्गत हम यह मांग करेंगे कि अल्पसंख्यकों को भी आरक्षण दिया जाए. इसी मांग को लेकर आज हम सदन में आए हैं.
"सरकार से यह मांग करते हैं कि बिहार में केरल और कर्नाटक के तर्ज पर आरक्षण के दायरे को बढ़ाने का काम बिहार सरकार करे, तब हम समझेंगे कि बिहार सरकार ने जो जातीय गणना या आर्थिक सर्वेक्षण करवाया है, उसका फायदा आमजन को होगा"- अख्तरुल ईमान, विधायक, AIMIM
बिहार की कानून व्यवस्था पर उठाया सवाल: अख्तरुल ईमान ने आरोप लगाया कि बिहार में कानून व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ी हुई है. कहीं भी प्रशासन ठीक ढंग से काम नहीं कर रहा है, अपराध लगातार बढ़ रहा है. इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए साथ ही उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हो या शिक्षक अभ्यर्थी सभी परेशान हैं. सरकार को निश्चित तौर पर उनके सवालों का भी जवाब देना होगा.
उर्दू शिक्षकों की सीट खाली रहने पर मांगा जवाब: एआईएमआईएम के विधायक ने बीपीएससी शिक्षक नियुक्ति में उर्दू शिक्षकों की बहाली नहीं होने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि हम सदन में इसको लेकर सरकार से जवाब मांगा जाएगा कि जिस तरह से शिक्षक नियुक्ति का रिजल्ट आया और उसके बाद भी अभी तक 80 हजार से ज्यादा उर्दू शिक्षकों की सीट क्यों खाली रह गई है. वहीं बीपीएससी शिक्षक रिजल्ट में भारी गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है.