पटनाः बिहार में विपक्ष लगातार सरकार से खाद की किल्लत (Fertilizer Shortage In Bihar) को लेकर सवाल खड़े कर रहा है. सोशल मीडिया के जरिए आरजेडी ने सरकार से किसानों की परेशानी (Farmer Upset In Bihar) का जिक्र करते हुए पूछा है कि खाद की किल्लत कब दूर होगी. इसका जवाब देते हुए बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र सिंह ने कहा है कि बहुत जल्द ही खाद की कमी दूर हो जाएगी. लेकिन किसानों को भी पारंपरिक खेती पर ध्यान देना चाहिए.
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कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने स्वीकार किया है कि बिहार में खाद की किल्लत है. उन्होंने कहा कि एनपीके को लेकर ज्यादा परेशानी नहीं है. लेकिन डीएपी की उपलब्धता में कमी है और हम कोशिश में हैं कि अगले एक हफ्ते में खाद की किल्लत दूर हो जाए.
कृषि मंत्री ने कहा कि गेहूं, आलू और मक्के की खेती की वजह से फिलहाल खाद की डिमांड ज्यादा है और यही वजह है कि खाद की कमी महसूस हो रही है. खाद की कमी को लेकर पूछे गए एक सवाल पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा कि आप मीडिया के लोग हैं, बार-बार यही सवाल करते हैं. यह तो पूरे देश को पता है की खाद की कमी क्यों है.
'देश में कुल खाद का 40 फीसदी आयात होता है. पिछले 2 साल से कोविड की वजह से आयात में कमी हुई है और इसीलिए खाद की किल्लत पूरे देश में है. लेकिन हमने केंद्र सरकार से अपनी जरूरत के हिसाब से खाद की डिमांड की है और उम्मीद है कि अगले हफ्ते में यह परेशानी दूर हो जाएगी'- अमरेंद्र प्रताप सिंह, कृषि मंत्री
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मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने बिहार के किसानों से अपील की है कि वे केमिकल खाद के बजाय जैविक खेती करें तो स्वास्थ्य के लिए अच्छा होगा. उन्होंने पंजाब का उदाहरण देते हुए कहा कि पंजाब में ज्यादा केमिकल के इस्तेमाल की वजह से कैंसर की समस्या बढ़ रही है.
बता दें कि किसानों की समस्या को लेकर राष्ट्रीय जनता दल लगातार सवाल खड़े कर रहा है. राजद ने बिहार में किसानों की बदहाली का जिक्र करते हुए कहा है कि एक तो किसान पहले से परेशान हैं, दूसरे खाद की कमी की वजह से उनकी फसल बर्बाद हो रही है. इसी के जवाब में बिहार के कृषि मंत्री ने कहा है कि अगले हफ्ते में खाद की किल्लत दूर हो जाएगी, उत्पादन प्राभावित नहीं होगा.
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