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भागलपुर : 30 घंटे के बाद मिला पटना के सॉफ्टवेयर इंजीनियर का शव

अपने भाई और दोस्त को बचाने में खुद डूबे सॉफ्टवेयर इंजिनियर सोमेन कुमार का शव हादसे के 30 घंटे बाद मंगलवार को बरामद किया. इसके लिए एसडीआरएफ की टीम ने 2 दिन से रेस्क्यू ऑपरेशन चला रखा था.

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Published : Apr 17, 2019, 10:24 AM IST

सोमेन कुमार (फाइल फोटो)

भागलपुर : 15 अप्रैल को सुल्तानगंज के अजगैबीनाथ गंगा घाट पर नहाने के दौरान अपने भाई और दोस्त को बचाने में खुद डूबे सॉफ्टवेयर इंजीनियर सोमेन कुमार का शव हादसे के 30 घंटे बाद बरामद किया गया. इसके लिए एसडीआरएफ की टीम ने 2 दिन से रेस्क्यू ऑपरेशन चला रखा था.

एसडीआरएफ के एसआई प्रह्लाद सिंह के नेतृत्व में किए गए रेस्क्यू के दौरान जहाज घाट और निर्माणाधीन पुल के बीच श्मशान घाट के पास गंगा नदी में बहते हुए सोमेन का शव बरामद हुआ. इससे पहले सोमवार को साढ़े नौ बजे के करीब हुए इस हादसे की दोपहर एसडीआरएफ की कार्रवाई शुरू हो गई थी.

30 घंटे बाद मिला शव

कड़ी मशक्कत के बाद मिला शव
सोमवार दोपहर करीब 3 बजे शव की तलाश शुरू कर दी गई थी, जो की देर शाम तक चली. फिर से मंगलवार की सुबह 6:45 में रेस्क्यू कार्रवाई शुरू की गई, और शाम पांच बजे तक शव बरामद कर लिया गया. एसआई ने बताया कि सोमेन के शरीर पर कपड़ा नहीं होने के कारण ढूंढने में परेशानी हो रही थी.

patna
2 दिन से चल रहा था रेस्क्यू ऑपरेशन

बुझा घर का इकलौता चिराग
सोमेन का शव मिलते ही गंगा किनारे लोगों की काफी भीड़ इकट्ठा हो गई. उधर पटना से आए मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. मां अंजलि रानी और बहन मून को विश्वास नहीं हो रहा था कि उसके घर का इकलौता चिराग हमेशा-हमेशा के लिए बूझ गया. इकलौते बेटे की मौत से परिवार का रो-रोकर बूरा हाल हो गया. वहीं, शव के पोस्टमार्टम और कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद घरवालों को सौंप दिया गया.

भागलपुर : 15 अप्रैल को सुल्तानगंज के अजगैबीनाथ गंगा घाट पर नहाने के दौरान अपने भाई और दोस्त को बचाने में खुद डूबे सॉफ्टवेयर इंजीनियर सोमेन कुमार का शव हादसे के 30 घंटे बाद बरामद किया गया. इसके लिए एसडीआरएफ की टीम ने 2 दिन से रेस्क्यू ऑपरेशन चला रखा था.

एसडीआरएफ के एसआई प्रह्लाद सिंह के नेतृत्व में किए गए रेस्क्यू के दौरान जहाज घाट और निर्माणाधीन पुल के बीच श्मशान घाट के पास गंगा नदी में बहते हुए सोमेन का शव बरामद हुआ. इससे पहले सोमवार को साढ़े नौ बजे के करीब हुए इस हादसे की दोपहर एसडीआरएफ की कार्रवाई शुरू हो गई थी.

30 घंटे बाद मिला शव

कड़ी मशक्कत के बाद मिला शव
सोमवार दोपहर करीब 3 बजे शव की तलाश शुरू कर दी गई थी, जो की देर शाम तक चली. फिर से मंगलवार की सुबह 6:45 में रेस्क्यू कार्रवाई शुरू की गई, और शाम पांच बजे तक शव बरामद कर लिया गया. एसआई ने बताया कि सोमेन के शरीर पर कपड़ा नहीं होने के कारण ढूंढने में परेशानी हो रही थी.

patna
2 दिन से चल रहा था रेस्क्यू ऑपरेशन

बुझा घर का इकलौता चिराग
सोमेन का शव मिलते ही गंगा किनारे लोगों की काफी भीड़ इकट्ठा हो गई. उधर पटना से आए मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. मां अंजलि रानी और बहन मून को विश्वास नहीं हो रहा था कि उसके घर का इकलौता चिराग हमेशा-हमेशा के लिए बूझ गया. इकलौते बेटे की मौत से परिवार का रो-रोकर बूरा हाल हो गया. वहीं, शव के पोस्टमार्टम और कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद घरवालों को सौंप दिया गया.

Intro:एकंर - 15 अप्रैल को सुल्तानगंज के अजगैबीनाथ मंदिर गंगा घाट पर स्नान के क्रम में नदी में डूब रहे अपने दोस्त विनित आनंद एवं उसके फुफेरे भाई अंकेश कुमार को बचाने में खुद डूब गए पटना के सोफ्टवेयर इंजिनियर सोमेन कुमार का शव हादसे के 30 घंटे बाद मंगलवार को बरामद कर लिया गया।एसडीआरएफ के एसआई प्रह्लाद सिंह के नेतृत्व में किए गए रेस्क्यू के दौरान जहाज घाट व निर्माणाधीन पुल के बीच श्मशान घाट के समीप गंगा नदी में उपलाते सोमेन का शव बरामद हुआ।इससे पूर्व सोमवार को साढ़े नौ बजे के करीब हुए उक्त हादसे के दोपहर बाद करीब तीन बजे एसडीआरएफ की कार्रवाई शुरू हुआ।जो देरशाम तक चला।फिर मंगलवार की सुबह 6:45 में रेस्क्यू की कार्रवाई शुरू की गई।और फिर शाम पांच बजे शव बरामद कर लिया गया।पिछले तीस घंटे से परेशान एसडीआरएफ टीम सदस्यों द्वारा पुनः प्रयास किया गया।जब लोहे का खंजर शाम पानी में डालकर एसडीआरएफ कि टीम उसे ढूंढने एक बार फिर से पानी में निकली।एसआई ने बताया कि इनके बदन पर कपड़ा नहीं होने के कारण ढूंढने में परेशानी हो रही थी।इधर गंगा घाट पर मौजूद लोगों ने बताया कि डूबे व्यक्ति का शव पानी के ऊपर डूबने के चौबीस घंटे के बाद आ जाता है।इधर डूबे सोमेन का शव मिलते ही गंगा किनारे लोगों की काफी भीड़ इकट्ठा हो गई।उधर पटना से आए मृतक के परिजनों का रो रो कर बुरा हाल था।उसकी मां अंजलि रानी व बहन प्रो मून को विश्वास नहीं हो रहा था कि उसके घर का इकलौता चिराग हमेशा-हमेशा के लिए बूझ गया।इधर शव बरामद होने की सूचना पर पहुंचे सुल्तानगंज थानाध्यक्ष अमर विश्वास मृतक के परिजनों से मिले।एंबुलेंस से शव को थाना लाया गया जहां पर कानूनी प्रक्रिया पूरी की गई।परिजन शव का पोस्टमार्टम नहीं कराना चाह रहा था।लिहाजा थानाध्यक्ष के समझाने-बुझाने पर परिजन पोस्टमार्टम कराने को तैयार हुए।इससे पूर्व सोमवार की देरशाम मृतक की मां ने थाना में आवेदन देकर सनहा दर्ज कराई थी।जिसमें शनिवार को पुत्र सोमेन के सुल्तानगंज आने एवं सोमवार को स्नान के क्रम में डूबने की बात कहते हुए आवश्यक जांच-पड़ताल करने को लेकर आवेदन दिया है ।Body:एकलौते बेटे के मौत से परिवार का हुआ बुरा हाल चित्कार देख गमगीन हुआ पुरा घाट Conclusion:गंगा के तैज लहर और हवा के कारण एसडीआरएफ टीम को रेस्क्यू ऑपरेशन में हुई परेशानी परिवार वालो का रह रह कर फुटता रहा गुस्सा
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