पटना: राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी सिविल कोर्ट में उत्पाद न्यायालय चालू कराने की मांग काफी लंबे समय से चली आ रही है. अब इसे लेकर मसौढ़ी में अधिवक्ताओं में खासी नाराजगी दिख रही है. ऐसे में लगातार विरोध प्रदर्शन भी चल रहा है. एक बार फिर से अधिवक्ताओं ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि अगर 17 जुलाई से पहले उत्पाद न्यायालय मसौढ़ी में चालू नहीं होता है, तो 17 जुलाई से अनिश्चितकालीन धरना शुरू होगा और इसके लिए बिहार सरकार जिम्मेवार होगी.
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5 एडीजे कोर्ट और 5 सब जज: दरअसल बताया जा रहा है कि मसौढ़ी व्यवहार न्यायालय की स्थापना 14 दिसंबर, 1998 को हुई थी. इस न्यायालय के अपने भवन का विधिवत 29 दिसंबर, 2019 को शुरुआत हुई थी. उसका तत्कालीन हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति संजय करोल ने उद्घाटन किया था. वहीं उद्घाटन के वक्त अधिवक्ताओं को आश्वासन दिया गया था कि मसौढ़ी में 5 एडीजे कोर्ट और 5 सब जज कोर्ट को चालू कराया जाएगा. बावजूद इसके आज तक आश्वासन लटका पड़ा हुआ है.
"उद्घाटन के वक्त अधिवक्ताओं को आश्वासन दिया गया था कि मसौढ़ी में 5 एडीजे कोर्ट और 5 सब जज कोर्ट को चालू कराया जाएगा. बावजूद इसके आज तक आश्वासन लटका पड़ा हुआ है. "-महेंद्र सिंह अशोक, पूर्व अध्यक्ष, मसौढ़ी अधिवक्ता संघ
अनिश्चितकाल तक के लिए अधिवक्ताओं का धरना: ऐसे में मसौढ़ी सिविल कोर्ट में फैमिली कोर्ट, उत्पाद कोर्ट लंबित मांगों को लेकर लगातार सभी अधिवक्ता अपनी मांग कर रख रहे हैं. मसौढ़ी सिविल कोर्ट के अधिवक्ताओं ने सरकार को 17 जुलाई तक का अल्टीमेटम दिया है. वहीं चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर 17 जुलाई तक उत्पाद कोर्ट चालू नहीं होता है तो अनिश्चितकालीन धरना होगा और इसके लिए जिम्मेदार बिहार सरकार होगी.