पटनाः बिहार की राजधानी पटना में सरकार के एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने (Advocate General Lalit Kishore) अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उनके स्थान पर नए महाधिवक्ता के रूप में पीके शाही (Advocate General PK Shahi) ने योगदान दिया है. बिहार सरकार के पूर्व मंत्री व वरीय अधिवक्ता प्रशांत कुमार शाही राज्य के एडवोकेट जनरल बनाए गए. वरीय अधिवक्ता पी के शाही इससे पूर्व 2005 से 2010 बिहार सरकार के एडवोकेट जनरल रहे. उसके बाद बिहार सरकार में उन्होंने शिक्षा मंत्री के पद पर कार्य किया.
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पहले ही सरकार को इस्तीफा देने की बात बता चुके थे ललित किशोरः वरीय अधिवक्ता ललित किशोर ने एडवोकेट जनरल के पद से त्यागपत्र दे दिया हैं. इस सन्दर्भ में ललित किशोर ने अपनी भावनाओं से राज्य सरकार को पहले ही अवगत करा दिया था. मिली जानकारियों के अनुसार उन्होंने कहा कि अब वे इस पद पर रह कर काम करना नहीं चाहते हैं. ललित किशोर पिछले करीब 17 वर्षों से किसी न किसी रूप में सरकार का पक्ष पटना हाईकोर्ट में रखते आए हैं. पिछले 5 वर्षों से वे लगातार बिहार सरकार के एडवोकेट जनरल के पद पर कार्यरत रहे हैं.
शिक्षा मंत्री रह चुके हैं पीके शाहीः वरीय अधिवक्ता पी के शाही 2005 से 2010 तक भी बिहार सरकार के एडवोकेट जनरल की जिम्मेवारी संभाल चुके हैं. उसके बाद बिहार सरकार में उन्होंने शिक्षा मंत्री के पद पर कार्य किया. फिर उन्होंने पटना हाईकोर्ट में वकालत शुरू कर दी थी. एडवोकेट जनरल ललित किशोर के पद से इस्तीफा देने के बाद वरीय अधिवक्ता पीके शाही को राज्य सरकार का कोर्ट में पक्ष प्रस्तुत करने के लिए एडवोकेट जनरल के पद नियुक्त किया गया है.
नई सरकार बनने के साथ ही शुरू हो गई थी बदलाव की चर्चाः 21वें महाधिवक्ता के तौर पर ललित किशोर ने जुलाई 2017 में जिम्मेदारी संभाली थी. उन्हें यह पद पांच बार महाधिवक्ता रहे रामबालक महतो के इस्तीफा देने के बाद मिला था. महागठबंधन की नई सरकार बनने के बाद ही कयास लगने शुरू हो गए थे कि कैबिनेट के अलावा अन्य जगहों में भी बदलाव होगा. इसमें महाधिवक्ता पद की जिम्मेवारी भी नए व्यक्ति को देने की चर्चा हो रही थी.