पटना: बिहार पुलिस लगातार अपडेट हो रही है. इसी कड़ी में बिहार पुलिस (Bihar Police) के जवानों और अधिकारियों की ट्रेनिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. बिहार पुलिस की प्रशिक्षण शाखा द्वारा सिपाही से लेकर डीएसपी तक के अधिकारियों की इनडोर-आउटडोर ट्रेनिंग कराई जा रही है. डीजी ट्रेनिंग आलोक राज के मुताबिक पुलिस सब इंस्पेक्टर और उसके ऊपर के पुलिस अधिकारियों को सेवाकालीन प्रशिक्षण पुलिस अकेडमी राजगीर में होगा.
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'सब इंस्पेक्टर और उसके ऊपर के पुलिस अधिकारियों की ट्रेनिंग राजगीर में होगी. दरअसल बिहार में पिछले वर्ष ही प्रमोशन के लिए सेवाकालीन प्रशिक्षण अनिवार्य कर दिया गया है. प्रशिक्षण पास करने पर ही उन्हें प्रमोशन और दूसरे लाभ दिए जाएंगे. इसके अलावा बिहार राज्य में ही पुलिसकर्मियों की एडवांस ट्रेनिंग करवाने को लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के लिए योजना तैयार की जा रही है.' -आलोक राज, डीजी ट्रेनिंग
दरअसल, पहले की तुलना में बिहार पुलिस मुख्यालय बिहार पुलिस के कर्मियों की ट्रेनिंग पर विशेष ध्यान दे रही है. पहले सिपाही की ट्रेनिंग हेतु बिहार में सिर्फ एक नाथनगर ट्रेनिंग सेंटर हुआ करता था. जिसके बाद मिलिट्री ट्रेनिंग सेंटर डुमरांव को विकसित किया गया. बिहार पुलिस को बुनियादी ट्रेनिंग दिलाई जा सके, जिसको लेकर बिहार सशस्त्र पुलिस की 9 वाहिनियों में पुलिस कर्मियों को बुनियादी प्रशिक्षण हेतु तैयार कराया गया है.
वहीं इसके अतिरिक्त विशेष और अत्याधुनिक प्रशिक्षण के लिए बिहार पुलिस के कर्मियों को बाहर भी भेजा जा रहा है. हाल ही में बिहार पुलिस की महिला बटालियन कमांडो की ट्रेनिंग लेकर सीआरपीएफ के कैंप से वापस लौटी हैं.
दरअसल नाथ नगर के सिपाही प्रशिक्षण स्कूल और डुमराव स्थित सैन्य पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में प्रमोशन पाने वाले कोर्स कराए जाएंगे. इनमें प्रमुख रूप से सिपाही से एएसआई बनने के लिए जरूरी पीटीसी और सिपाही से हवलदार में प्रमोशन हेतु आवश्यक एसएलसी कोर्स शामिल हैं. वहीं पुलिस सब इंस्पेक्टर और उसके ऊपर के पुलिस पदाधिकारियों को सेवाकालीन प्रशिक्षण पुलिस अकेडमी राजगीर में दिया जा रहा है.
पुलिस मुख्यालय द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार सिपाहियों की बुनियादी प्रशिक्षण के लिए फिलहाल 9 केंद्र तय किए गए हैं. रिजनल ट्रेनिंग सेंटर के अलावा कांस्टेबल ट्रेनिंग स्कूल सीटीएस सिमुलतला का चयन किया गया है. फिलहाल यह BMP 11 जमुई में रिजनल ट्रेनिंग सेंटर के तौर पर काम कर रहा है. इसके अलावा सिपाही को बुनियादी प्रशिक्षण डेहरी, जमालपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सुपौल, डुमराव और कटिहार स्थित बीएमपी बटालियन में करायी जा रही है. जो अब सशस्त्र पुलिस बल हो गया है.
बिहार पुलिसकर्मियों को अपडेट करने हेतु आधुनिक हथियार से गोली चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. सेवा के दौरान भी बीच में ट्रेनिंग दी जाएगी. दरअसल, केवल कुछ राउंड की फायरिंग के बाद यह नहीं माना जा सकता है कि पुलिसकर्मी गोली चलाने में माहिर हो गई है. जिस वजह से ट्रेनिंग में फायर राउंड को दोगुना किया गया है. उसके साथ-साथ अब होने वाली बिहार सिपाही परीक्षा के पद पर सीधी भर्ती प्रक्रिया के लिए भी लिखित परीक्षा के पाठ्यक्रम में संशोधन किया गया है. पुलिस विभाग द्वारा ट्रेनिंग के लिए उपकरणों की खरीदारी की गई है. पुलिस ट्रेनिंग के लिए 9mm, 5.56 इंसास, 7.62 एसएलआर, एके-47 और 5.56 एलएमजी की 10 हजार गोलियां सहित कुल 50 हजार गोलियों की खरीदारी की गई है.
डीजी ट्रेनिंग आलोक राज के मुताबिक बिहार पुलिस के कर्मियों को स्किल डेवलपमेंट कराने हेतु लगातार बिहार पुलिस मुख्यालय अपग्रेडेशन कर रहा है. इनडोर-आउटडोर के साथ-साथ पुलिस कर्मियों को साइबर क्राइम, FSL के साथ-साथ नए-नए तरीके से अनुसंधान करने के गुण भी सिखाए जा रहे हैं. पुलिस मुख्यालय द्वारा पुलिस कर्मियों को एडवांस ट्रेनिंग प्रोग्राम बिहार में तैयार करने की योजना भी बनाई जा रही है.
दरअसल विशेष ट्रेनिंग हेतु अभी भी पुलिस कर्मियों को दूसरे राज्यों में भेजकर ट्रेनिंग दिलवाई जाती है. पहली बार बिहार पुलिस की महिला बटालियन को एटीएस और एसएसजी में शामिल किया गया है. महिला बटालियन अर्धसैनिक बल की सीआरपीएफ कैंप से ट्रेनिंग लेकर वापस लौटी हैं.
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