पटना: पटना हाईकोर्ट की फटकार के बाद प्रशासन सकते में आ गया है. जिसके बाद से प्रशासन उन बच्चों के आंकड़े जुटाने में लग गया है, जिन अधिकारियों के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं. विश्वस्त सूत्रों के अनुसार जिला अधिकारियों को डाटा कलेक्ट करने का आदेश दिया गया है. कई लोग तो कहते हैं राज्य में शिक्षा व्यवस्था (Education System In Bihar) तभी सुधर पाएगी, जब अफसरों के बच्चे सरकारी स्कूलों में ही पढ़ेंगे.
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बीते बुधवार को पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने राज्य में सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर गहरा असंतोष जाहिर किया था. जस्टिस अनिल कुमार उपाध्याय ने मामले पर सुनवाई करते हुए यह बताने को निर्देश दिया था कि कितने आईएएस, आईपीएस और अन्य बड़े अधिकारियों के बच्चे सरकारी स्कूलों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं इसकी जानकारी उपलब्ध कराएं.
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राज्य के मुख्य सचिव से कोर्ट ने सभी जिलों के डीएम से आंकड़ा एकत्र करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही अगली सुनवाई में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है. इससे पूर्व की सुनवाई में हाईकोर्ट ने अतिथि अध्यापकों के हटाए जाने पर काफी गंभीरता से लेते हुए रोक लगा दिया था.
कोर्ट ने कहा था कि कानून का राज महज एक नारा बनकर रह गया है. कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की थी कि सरकारी स्कूलों और शिक्षा में तब तक सुधार नहीं हो सकता है, जब तक बड़े अधिकारियों के बच्चे सरकारी स्कूलों में न पढ़ें. इस मामले पर कोर्ट आगे भी सुनवाई करेगा.