पटना: एक तरफ जहां बिहार पुलिस कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन को अनुपालन करवाने में लगी है. वहीं दूसरी ओर बिहार में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. आगामी चुनाव के मद्देनजर चुनाव आयोग, पुलिस मुख्यालय और बिहार की सभी पार्टियां अपने-अपने स्तर से इसकी तैयारियों में जुट गई है.
दरअसल, आगामी चुनाव के मद्देनजर पुलिस मुख्यालय की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई है. चुनाव को सही तरीके से कराने की सबसे अहम भूमिका राज्य पुलिस की ही होती है. पुलिस मुख्यालय के साथ-साथ सभी जिलों में पुलिस चुनाव सेल का गठन किया गया है. यह सेल पुलिस केंद्र में बनाई गई है. यह इलेक्शन सेल अपने-अपने जिलों में चुनाव संबंधी डाटा का संकलन के साथ चुनावी कार्यों की देखरेख करेगा. वहीं इसको लेकर पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार ने सभी जिले के एसपी और एसएसपी को इस संबंध में दिशा निर्देश दिया है.
'पूरी तरह से तैयार है पुलिस मुख्यालय'
एडीजी जितेंद्र कुमार ने कहा कि चुनाव को स्वच्छ, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और सफल करवाने को लेकर हम कटिबद्ध हैं. इसको लेकर पुलिस मुख्यालय पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के दिशा निर्देश का पालन पुलिस मुख्यालय की तरफ से किया जा रहा है. कानून व्यवस्था और अपराध पर अंकुश लगाने के लिए सभी जिलों के एसपी और एसएसपी की जिम्मेदारी तय की गई है. पुलिस लगातार गांव में जाकर अपराधी किस्म के लोगों की पहचान करने का काम भी शुरू कर चुकी है. चुनाव करवाने में अहम भूमिका पुलिस की होती है.
'इस बार वोटिंग परसेंटेज बढ़ेगा'
एडीजी ने कहा कि मतदाताओं की सुरक्षा के साथ-साथ मतदाता के VVpat और EVM की सुरक्षा का जिम्मा भी पुलिस के कंधे पर होती है. पहले के दिनों में भी देखा गया है कि चुनाव के दौरान बाहर से अतिरिक्त फोर्सेज मंगवाए गए हैं. इस बार भी उम्मीद जताई जा रही है कि चुनाव आयोग निर्णय लेगा कि बाहर से अतिरिक्त फोर्स की जरूरत है या नहीं. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान बिहार के रहने वाले लोग जो कि बिहार वापस से आए हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार वोटिंग परसेंटेज भी बढ़ेगा.
अपराधी किस्म के लोगों को भेजा जाएगा जेल
गौरतलब हो कि चुनाव को लेकर पुलिस मुख्यालय लगातार सभी जिलों के एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मासिक अपराध समीक्षा के साथ-साथ चुनाव की तैयारियों को लेकर थानावार जानकारी जुटा रही है. गुंडा रजिस्टर के आधार पर जिलों के टॉप टेन अपराधियों की सूची की समीक्षा की जा रही है. चुनाव से पहले अपराधी किस्म के लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा.
सभी पार्टियां जीत का कर रही दावा
बता दें कि पुलिस मुख्यालय ने सभी थानों को अपने-अपने क्षेत्र के टॉप टेन अपराधियों का लिस्ट बनाने का निर्देश दिया है. पुलिस मुख्यालय का मानना है कि ऐसे लोग चुनाव के समय बाधा पहुंचाने का काम करते हैं. वहीं आगामी चुनाव को लेकर सभी पार्टियां अपने-अपने स्तर से दावा कर रही है कि चुनाव जीतकर इस बार सरकार बनाएंगे. अब देखना यह होगा कि चुनाव आयोग और पुलिस मुख्यालय बिहार में चुनाव करवाने में कितना सफल हो पाती है और किस गठबंधन की पार्टी की सरकार बन पाती है.