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सब्जी उत्पादन को लेकर बिहार सरकार का एक्शन प्लान तैयार, प्रखंड स्तर पर सहयोग समिति का होगा गठन

सब्जी उत्पादन में बिहार का तीसरा स्थान है, लेकिन किसानों को फसल की उचित कीमत नहीं मिल पाती है. कोरोना काल में किसानों को अपनी सब्जियां औने-पौने दाम में बेचना पड़ा. हालांकि अब सरकार ने सब्जी उत्पादक किसानों के लिए एक्शन प्लान तैयार कर लिया है.

कृषि रोड मैप
कृषि रोड मैप
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Published : Aug 17, 2021, 10:08 PM IST

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने सब्जी उत्पादन (Vegetable Production) के क्षेत्र में बिहार को पहले स्थान पर लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. कृषि रोड मैप (Agriculture Road Map) में भी सब्जी उत्पादन को प्राथमिकता दी गई है. फिलहाल सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश तीसरे स्थान पर है.

ये भी पढ़ें: थैले के सहारे बिहार के हर घर तक पहुंचेंगे PM मोदी , BJP का एक्शन प्लान तैयार

बिहार में कुल 835750 हेक्टेयर भूमि पर सब्जी की खेती होती है. जिसमें कुल 1 करोड़ 40 लाख 50 हजार 846 टन सब्जी की उत्पादन की जाती है. खरीफ और रबी फसल के लिए सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किए हैं, लेकिन सब्जी उत्पाद को लेकर ऐसी कोई नीति नहीं रही है.

देखें रिपोर्ट

अब बिहार सरकार ने सब्जी उत्पादन को लेकर एक्शन प्लान तैयार किया है और प्रखंड स्तर पर सब्जी उत्पादन केंद्र के साथ-साथ गोदाम बनाने की योजना है. सहयोग समिति के जरिए सब्जी उत्पादन की खरीद बिक्री और भंडारण की व्यवस्था की जाएगी. बिहार सरकार ने ऑनलाइन सब्जी बिक्री की व्यवस्था भी शुरू की है, जो कोरोना काल में प्रभावी साबित हो रही है.

सहकारिता विभाग ने एक्शन प्लान तैयार कर लिया है. 15 लाख रुपए की लागत से हर प्रखंड में कोल्ड स्टोरेज बनाए जाने की योजना है. इसके अलावा एक हजार वर्ग फीट जमीन में खरीद बिक्री केंद्र बनाया जाएगा, जिस का संचालन सहयोग समिति के जरिए होगा. ब्लॉक स्तर पर किसानों के उत्पाद खरीदे जाएंगे और वहीं से बिक्री भी होगी.

बिहार के हर प्रखंड मुख्यालय में सरकारी सब्जी मंडी होगी. प्रत्येक मंडी का क्षेत्र करीब दस हजार वर्गफीट का होगा और निर्माण पर 22.35 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. मंडी में खुदरा विक्रेता भी होंगे, ताकि लोग सब्जी की खरीदारी कर सकें.

सब्जी उत्पादक किसान व्यास जी किसानों के हालात को लेकर चिंतित हैं. वे कहते हैं कि सब्जी उत्पादक किसानों के लिए सरकार की कोई नीति नहीं है. हमारे खेतों तक ना ही पानी पहुंच पाता है ना ही उत्पाद की उचित कीमत मिल पाती है. किसानों की स्थिति बेहद दयनीय है.

ये भी पढ़ें: सब्जी किसानों पर लॉकडाउन की जबरदस्त मार, खेतों में सड़ रही हैं सब्जियां

वहीं, किसान नेता सरोज रंजन पटेल ने कहा है कि सब्जी उत्पादक किसानों को चौतरफा समस्याओं से जूझना पड़ता है. सब्जी उत्पादक किसानों को ना ही बाजार मिल पाता है और ना ही भंडारण की कोई व्यवस्था है. किसानों को उनके उत्पाद की उचित कीमत ही नहीं मिल पाती है.

हालांकि सहकारिता मंत्री सुभाष सिंह (Minister Subhash Singh) कहते हैं कि सब्जी उत्पादक किसानों की बेहतरी के लिए प्रखंड स्तर पर हम केंद्र विकसित करने जा रहे हैं. फिलहाल मिथिला तिरहुत और पटना प्रमंडल में प्रायोगिक तौर पर योजना की शुरुआत की गई है. भविष्य में प्रखंड स्तर पर सहयोग समिति के जरिए सब्जी उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा. आम लोगों को हम ऑनलाइन सब्जी उपलब्ध करा रहे हैं.

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने सब्जी उत्पादन (Vegetable Production) के क्षेत्र में बिहार को पहले स्थान पर लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. कृषि रोड मैप (Agriculture Road Map) में भी सब्जी उत्पादन को प्राथमिकता दी गई है. फिलहाल सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश तीसरे स्थान पर है.

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बिहार में कुल 835750 हेक्टेयर भूमि पर सब्जी की खेती होती है. जिसमें कुल 1 करोड़ 40 लाख 50 हजार 846 टन सब्जी की उत्पादन की जाती है. खरीफ और रबी फसल के लिए सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किए हैं, लेकिन सब्जी उत्पाद को लेकर ऐसी कोई नीति नहीं रही है.

देखें रिपोर्ट

अब बिहार सरकार ने सब्जी उत्पादन को लेकर एक्शन प्लान तैयार किया है और प्रखंड स्तर पर सब्जी उत्पादन केंद्र के साथ-साथ गोदाम बनाने की योजना है. सहयोग समिति के जरिए सब्जी उत्पादन की खरीद बिक्री और भंडारण की व्यवस्था की जाएगी. बिहार सरकार ने ऑनलाइन सब्जी बिक्री की व्यवस्था भी शुरू की है, जो कोरोना काल में प्रभावी साबित हो रही है.

सहकारिता विभाग ने एक्शन प्लान तैयार कर लिया है. 15 लाख रुपए की लागत से हर प्रखंड में कोल्ड स्टोरेज बनाए जाने की योजना है. इसके अलावा एक हजार वर्ग फीट जमीन में खरीद बिक्री केंद्र बनाया जाएगा, जिस का संचालन सहयोग समिति के जरिए होगा. ब्लॉक स्तर पर किसानों के उत्पाद खरीदे जाएंगे और वहीं से बिक्री भी होगी.

बिहार के हर प्रखंड मुख्यालय में सरकारी सब्जी मंडी होगी. प्रत्येक मंडी का क्षेत्र करीब दस हजार वर्गफीट का होगा और निर्माण पर 22.35 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. मंडी में खुदरा विक्रेता भी होंगे, ताकि लोग सब्जी की खरीदारी कर सकें.

सब्जी उत्पादक किसान व्यास जी किसानों के हालात को लेकर चिंतित हैं. वे कहते हैं कि सब्जी उत्पादक किसानों के लिए सरकार की कोई नीति नहीं है. हमारे खेतों तक ना ही पानी पहुंच पाता है ना ही उत्पाद की उचित कीमत मिल पाती है. किसानों की स्थिति बेहद दयनीय है.

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वहीं, किसान नेता सरोज रंजन पटेल ने कहा है कि सब्जी उत्पादक किसानों को चौतरफा समस्याओं से जूझना पड़ता है. सब्जी उत्पादक किसानों को ना ही बाजार मिल पाता है और ना ही भंडारण की कोई व्यवस्था है. किसानों को उनके उत्पाद की उचित कीमत ही नहीं मिल पाती है.

हालांकि सहकारिता मंत्री सुभाष सिंह (Minister Subhash Singh) कहते हैं कि सब्जी उत्पादक किसानों की बेहतरी के लिए प्रखंड स्तर पर हम केंद्र विकसित करने जा रहे हैं. फिलहाल मिथिला तिरहुत और पटना प्रमंडल में प्रायोगिक तौर पर योजना की शुरुआत की गई है. भविष्य में प्रखंड स्तर पर सहयोग समिति के जरिए सब्जी उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा. आम लोगों को हम ऑनलाइन सब्जी उपलब्ध करा रहे हैं.

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