पटनाः महाशिवरात्रि को लेकर चार प्रहर का मुहूर्त और पूजा की विधी पर आचार्य मनोज मिश्रा ने बताया कि महाशिवरात्रि का व्रत भगवान महादेव और माता पार्वती से जुड़ा हुआ है. इसी दिन भगवान महादेव और माता पार्वती की शादी हुई थी. यह तिथि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. इस बार ये शनिवार 18 फरवरी को मनाया जाएगा. हर साधु संत ऋषि मुनि गृहस्थ अर्थात सभी को इस शुभ दिन का इंतजार रहता है क्योंकि इस दिन जो जो मन्नत माना जाता है वह निश्चित ही भगवान महादेव कृपा से पूरा होता है.
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क्या है अभिषेक के चारों प्रहर का मुहूर्तः शिवरात्रि की रात्रि में अभिषेक चारों प्रहर शुभ होता है. अभिषेक का जो प्रथम प्रधान का मुहूर्त है वह 6:41 संध्या से लेकर रात्रि 9:47 तक है . द्वितीय प्रहर 9:47 रात्रि से लेकर रात्रि 12:53 तक और तीसरा प्रहर का मुहूर्त रात्रि 12:53 से लेकर रात्रि 3:58 तक और चौथा प्रहर का मुहूर्त है. रात्रि 3:58 से लेकर 7:06 सुबह तक है.आचार्य मनोज मिश्रा ने कहा कि 19 तारीख तक इस मुहूर्त में अवश्य ही भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए और निशिथ काल का जो मुहूर्त है रात्रि 12:08 से लेकर रात्रि 12:58 तक है बहुत ही साधक इस मुहूर्त में भी पूजा-पाठ अर्चना अभिषेक भगवान शिव का करते हैं.
अभिषेक करने से मनोकामना पूर्ण होती हैः चारों पहर में भगवान भोलेनाथ को अलग अलग चीजो से अभिषेक करने का विशेष महत्त्व है. पहले प्रहर में दूध से भगवान भोलेनाथ पर अभिषेक करने से मनोकामना पूर्ण होती है. दूसरे प्रहर में दही से अभिषेक करने से भगवान भोलेनाथ की कृपा से घर परिवार में सुख शांति बना रहता है. तीसरे प्रहर में श्रद्धालु भक्त घी भगवान भोलेनाथ को लगाएं जिससे नौकरी पदोन्नति होगा मन प्रसन्न रहेगा. और चौथे प्रहर में भगवान भोलेनाथ से जो भी श्रद्धालु भक्त अपने विवाहित जीवन में लाने के लिए और प्रेम के लिए मन से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करें जिससे कि मनोकामना पूर्ण होगी.
लड़कियां विशेष रूप से करती हैं उपवासः मनोज मिश्रा ने बताया कि महाशिवरात्रि की रात्रि में जो भी पूजा-पाठ अभिषेक मंत्र जाप जागरण इत्यादि किया जाता है उसका पुण्य कभी भी समाप्त नहीं होता है. इसका पुण्य हमेशा अक्षय होता है और इस दिन किसी भी प्रकार का मन्नत हो वह निश्चित ही पूरा होता है. महाशिवरात्रि के दिन लड़कियां विशेष रूप से उपवास रखकर भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा अर्चना कर मन्नत मांगती है उपवास के बाद दूसरे दिन पारण करती हैं.
भोलेनाथ को 108 नामों से जाना जाता हैः भगवान भोलेनाथ महेश्वर यानी भोलेनाथ को 108 नामों से जाता है. भगवान भोलेनाथ ऐसे हैं कि श्रद्धा भक्ति से जो भी श्रद्धालु भक्त उनको पूजते हैं उनकी मनोकामना पूर्ण करते हैं, भगवान को भांग धतूर बेल पत्र चंदन रोल फूल दूध दही गन्ना का रूट दही घी पूजा किया जा सकता है. और भक्तों को जलाभिषेक के समय ओम नमः शिवाय ओम नमः शिवाय और महामृत्युंजय मंत्र का का जाप करके जलाभिषेक करने से भगवान भोलेनाथ की मनोवांछित वर देते हैं.