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पटना: JDU छात्र संघ प्रभारी रणवीर नंदन पर छात्र जदयू सदस्यों ने फर्जीवाड़े का लगाया आरोप

छात्रनेता अजीत ने प्रमाणों के माध्मय से बताया कि विश्वविद्यालय संघ से एमएलसी बनने के लिए शैक्षणिक कार्य से जुड़ा होना अनिवार्य है. जबकि डॉ. रणवीर नंदन पटना विश्वविद्यालय में गैर शैक्षणिक पद पर थे.

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Published : Aug 31, 2020, 10:35 PM IST

पटना
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पटना: जदयू के पूर्व एमएलसी और वर्तमान में छात्र जदयू के प्रभारी डॉ. रणवीर नंदन पर छात्र जदयू के नेताओं ने ही फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है. छात्र जदयू नेता अजीत पटेल के नेतृत्व में सोमवार को पटना विवि में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान छात्र नेता ने कहा कि डॉ. रणवीर नंदन गलत तरीके से एक फर्जीवाड़े के तहत एमएलसी बने हैं.

पटना
छात्र जदयू सदस्यों का शिकायत पत्र

अजीत ने प्रमाणों के माध्मय से बताया कि विश्वविद्यालय संघ से एमएलसी बनने के लिए शैक्षणिक कार्य से जुड़ा होना अनिवार्य है. जबकि डॉ. रणवीर नंदन पटना विश्वविद्यालय में गैर शैक्षणिक पद पर थे. साथ ही उन्होंने विधान परिषद के लिए जानकारी दी थी कि वह पटना विश्वविद्यालय के बीएन कॉलेज में भूगर्भ शास्त्र के सहायक प्रोफेसर हैं. जबकि हकीकत यह है कि वह विश्वविद्यालय में एक गैर शैक्षणिक स्टॉफ हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'हाईकोर्ट ने प्रमोशन को ठहराया गलत'
अजीत ने कहा कि रणवीर नंदन ने सभी को धोखे में रखकर एमएलसी का पद हासिल किया है. साल 2013 में पीयू में डॉ. अरुण कुमार सिन्हा वाइस चांसलर बने थे. उन्होंने डॉ. रणवीर नंदन का प्रोमोशन एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर गलत तरीके से कर दिया. इसी समय डॉ. रणवीर नंदन के अलावा 142 लोगों का प्रमोशन किया गया था. जिसके विरोध में विश्वविद्यालय के कुछ प्रोफेसर हाईकोर्ट चले गए. जहां हाईकोर्ट ने अपने जजमेंट में इस प्रमोशन को अवैध ठहराया.

पटना: जदयू के पूर्व एमएलसी और वर्तमान में छात्र जदयू के प्रभारी डॉ. रणवीर नंदन पर छात्र जदयू के नेताओं ने ही फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है. छात्र जदयू नेता अजीत पटेल के नेतृत्व में सोमवार को पटना विवि में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान छात्र नेता ने कहा कि डॉ. रणवीर नंदन गलत तरीके से एक फर्जीवाड़े के तहत एमएलसी बने हैं.

पटना
छात्र जदयू सदस्यों का शिकायत पत्र

अजीत ने प्रमाणों के माध्मय से बताया कि विश्वविद्यालय संघ से एमएलसी बनने के लिए शैक्षणिक कार्य से जुड़ा होना अनिवार्य है. जबकि डॉ. रणवीर नंदन पटना विश्वविद्यालय में गैर शैक्षणिक पद पर थे. साथ ही उन्होंने विधान परिषद के लिए जानकारी दी थी कि वह पटना विश्वविद्यालय के बीएन कॉलेज में भूगर्भ शास्त्र के सहायक प्रोफेसर हैं. जबकि हकीकत यह है कि वह विश्वविद्यालय में एक गैर शैक्षणिक स्टॉफ हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'हाईकोर्ट ने प्रमोशन को ठहराया गलत'
अजीत ने कहा कि रणवीर नंदन ने सभी को धोखे में रखकर एमएलसी का पद हासिल किया है. साल 2013 में पीयू में डॉ. अरुण कुमार सिन्हा वाइस चांसलर बने थे. उन्होंने डॉ. रणवीर नंदन का प्रोमोशन एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर गलत तरीके से कर दिया. इसी समय डॉ. रणवीर नंदन के अलावा 142 लोगों का प्रमोशन किया गया था. जिसके विरोध में विश्वविद्यालय के कुछ प्रोफेसर हाईकोर्ट चले गए. जहां हाईकोर्ट ने अपने जजमेंट में इस प्रमोशन को अवैध ठहराया.

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