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पटनाः करोड़ों रुपये के गबन मामले में फरार डॉक्टर कोलकाता से गिरफ्तार

डॉ. अभिजीत पॉल और उनके भाई को पूरा हिसाब करने के बाद 1.61 करोड़ रुपये देव ज्योति को लौटाने थे. लेकिन उन्होंने रुपये नहींं लौटाए. इसके बाद 2019 में देव ज्योति के बयान पर पटना के बुद्धा कॉलोनी थाना में कुल 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया था.

fraudulent of crores rupees
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Published : Mar 22, 2021, 7:07 AM IST

Updated : Mar 22, 2021, 7:43 AM IST

पटनाः बिहार पुलिस ने फ्रॉडगिरी के मामले में फरार चल रहे डॉ. पॉल एंड स्किन क्लीनिक के मालिक डॉ. विजय पॉल को कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस डॉ. विजय पॉल को सड़क के रास्ते पटना ला रही है. इस मामले में आरोपित डॉक्टर अभिजीत पाल फरार चल रहे हैं. गिरफ्तार डॉ. विजय पॉल डॉ. अभिजीत पॉल के भाई हैं और वो भी इस मामले में आरोपित हैं.

6 लोग बनाए गए आरोपी
डॉ. विजय पॉल को 1.61 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में गिरफ्तार किया गया है. करोड़ों रुपये के गबन मामले में दोनों डॉक्टर भाई समेत कुल 6 लोग आरोपी बनाए गए हैं. इनमें डॉ. अभिजीत की पत्नी सुप्रिया पॉल, अभिजीत के पीए अनूप कुमार बोस और कंपनी के डायरेक्टर गया नाथ दास शामिल हैं. ये चारों अभी भी फरार चल रहे हैं.

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पत्नी और पीए पर दर्ज हुआ अलग मामला
बड़े पैमाने पर रुपयों की ठगी के इस केस में फंसी डॉ. अभिजीत पॉल की पत्नी सुप्रिया पॉल और पीए अनुप कुमार बोस ने सबसे पहले पटना सिविल कोर्ट में अपनी जमानत याचिका दायर की थी. हालांकि उनकी याचिका खारिज हो गई थी. इसके बाद इन दोनों की अपील पर सुनवाई करते हुए जनवरी 2020 में इन्हें पटना हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी. लेकिन सुप्रिया और अभिजीत के पीए का बेलर ही फर्जी निकला. इसके बाद कोर्ट ने ठगी के अलावा फर्जी बेलर के मामले में इन दोनों के ऊपर अलग से एक केस दर्ज किया गया.

ये भी पढ़ेः बिहार में अगले 24 घंटों के दौरान मौसम रहेगा शुष्क, अधिकांश हिस्सों में छाए रहेंगे आंशिक बादल

क्या है पूरा मामला
डॉ. विजय पॉल और डॉ. अभिजीत पॉल कुछ साल पहले पटना के नागेश्वर कॉलोनी में रहते थे. दोनों भाई ने मिलकर पॉल्स मल्टी स्पेशियालिटी क्लीनिक प्राइवेट लीमिटेड नाम की कंपनी की शुरुआत की. अभिजीत से जय माता दी इन कॉरपोरेशन के डायरेक्टर देव ज्योति की दोस्ती थी और कंपनी के फ्रेंचाइजी के नाम पर काफी सारे रुपए देव ज्योति ने उन्हें दे दिए. इसके लिए 2013 में इन दोनों के बीच एक एग्रिमेंट भी बना था. ब्रांडिंग और कंपनी के डेवलपमेंट पर देव ज्योति ने करीब 4 करोड़ रुपये खर्च किए थे. लेकिन एक साल बाद ही सबकुछ बदल गया.

आरोपितों की तलाश कर रही थी पुलिस
2018 में एक नया एग्रिमेंट हुआ, जिसमें कारोबार से देव ज्योति हट गए थे. पूरा हिसाब करने के बाद 1.61 करोड़ रुपये डॉ. अभिजीत पॉल और उनके भाई को देव ज्योति को लौटाने थे. लेकिन उन्होंने रुपये नहींं लौटाए. इसके बाद 2019 में देव ज्योति के बयान पर पटना के बुद्धा कॉलोनी थाना में कुल 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया था. इसके बाद से पुलिस सभी आरोपितों की तलाश कर रही थी.

पटनाः बिहार पुलिस ने फ्रॉडगिरी के मामले में फरार चल रहे डॉ. पॉल एंड स्किन क्लीनिक के मालिक डॉ. विजय पॉल को कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस डॉ. विजय पॉल को सड़क के रास्ते पटना ला रही है. इस मामले में आरोपित डॉक्टर अभिजीत पाल फरार चल रहे हैं. गिरफ्तार डॉ. विजय पॉल डॉ. अभिजीत पॉल के भाई हैं और वो भी इस मामले में आरोपित हैं.

6 लोग बनाए गए आरोपी
डॉ. विजय पॉल को 1.61 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में गिरफ्तार किया गया है. करोड़ों रुपये के गबन मामले में दोनों डॉक्टर भाई समेत कुल 6 लोग आरोपी बनाए गए हैं. इनमें डॉ. अभिजीत की पत्नी सुप्रिया पॉल, अभिजीत के पीए अनूप कुमार बोस और कंपनी के डायरेक्टर गया नाथ दास शामिल हैं. ये चारों अभी भी फरार चल रहे हैं.

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पत्नी और पीए पर दर्ज हुआ अलग मामला
बड़े पैमाने पर रुपयों की ठगी के इस केस में फंसी डॉ. अभिजीत पॉल की पत्नी सुप्रिया पॉल और पीए अनुप कुमार बोस ने सबसे पहले पटना सिविल कोर्ट में अपनी जमानत याचिका दायर की थी. हालांकि उनकी याचिका खारिज हो गई थी. इसके बाद इन दोनों की अपील पर सुनवाई करते हुए जनवरी 2020 में इन्हें पटना हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी. लेकिन सुप्रिया और अभिजीत के पीए का बेलर ही फर्जी निकला. इसके बाद कोर्ट ने ठगी के अलावा फर्जी बेलर के मामले में इन दोनों के ऊपर अलग से एक केस दर्ज किया गया.

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क्या है पूरा मामला
डॉ. विजय पॉल और डॉ. अभिजीत पॉल कुछ साल पहले पटना के नागेश्वर कॉलोनी में रहते थे. दोनों भाई ने मिलकर पॉल्स मल्टी स्पेशियालिटी क्लीनिक प्राइवेट लीमिटेड नाम की कंपनी की शुरुआत की. अभिजीत से जय माता दी इन कॉरपोरेशन के डायरेक्टर देव ज्योति की दोस्ती थी और कंपनी के फ्रेंचाइजी के नाम पर काफी सारे रुपए देव ज्योति ने उन्हें दे दिए. इसके लिए 2013 में इन दोनों के बीच एक एग्रिमेंट भी बना था. ब्रांडिंग और कंपनी के डेवलपमेंट पर देव ज्योति ने करीब 4 करोड़ रुपये खर्च किए थे. लेकिन एक साल बाद ही सबकुछ बदल गया.

आरोपितों की तलाश कर रही थी पुलिस
2018 में एक नया एग्रिमेंट हुआ, जिसमें कारोबार से देव ज्योति हट गए थे. पूरा हिसाब करने के बाद 1.61 करोड़ रुपये डॉ. अभिजीत पॉल और उनके भाई को देव ज्योति को लौटाने थे. लेकिन उन्होंने रुपये नहींं लौटाए. इसके बाद 2019 में देव ज्योति के बयान पर पटना के बुद्धा कॉलोनी थाना में कुल 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया था. इसके बाद से पुलिस सभी आरोपितों की तलाश कर रही थी.

Last Updated : Mar 22, 2021, 7:43 AM IST
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