पटना: बिहार के मधुबनी में आसमान से गिरा कथित उल्का पिंड खूब चर्चा बटोर रहा है. सीएम नीतीश के आदेश के बाद इसे बिहार म्यूजियम में रखवा दिया गया है. इस पर कई भूगोलविदों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
मधुबनी जिले के लौकही थाना क्षेत्र के कोरियाही गांव के खेत में आसमान से गिरे 15 किलो के पत्थर ने राज्य भर के लोगों को आश्चर्य में डाल दिया है. आम आवाम के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. वहीं, भूगोलविदों ने इसे उल्कापिंड होने की संभावना जताई है.
'गुरुत्वाकर्षण के कारण ऐसा हो सकता है'
पीयू के भूगोलविद ने कहा कि हो सकता है मधुबनी हिमालय पहाड़ के नजदीक में है. तेज आंधी पानी के चपेट में कोई पत्थर गिरा होगा. वहीं, एक अन्य भूगोलविद ने कहा है कि यह पत्थर स्वतंत्र अवस्था में ब्रह्मांड में घूमते रहते हैं. कभी-कभी ये पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण वायुमंडल में प्रवेश करते ही ये गिरने लगते हैं. लेकिन लाखों में कोई एक ही पत्थर धरती पर गिरता है.
आसमान में ही राख हो जाते हैं- भूगोलविद
भूगोलविद ने बताया कि आमतौर पर वायुमंडल में प्रवेश करते ही आसमान में ही जलकर राख हो जाते हैं. ये आकार में बहुत बड़े होते हैं. पृथ्वी की सतह में टकराते ही इनके कई छोटे-छोटे टुकड़े हो जाते हैं. इन्ही में से कोई एक टुकड़ा मधुबनी में आकर गिरा है.
जांच और शोध का दिया जाए अवसर
पटना यूनिवर्सिटी से संबद्ध बीएन कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर राजकुमार सिंह ने कहा कि इसकी लैब में जांच होनी चाहिए और पुरातत्व दृष्टिकोण से जांच जरूरी है. हो सकता है इससे हमारे देश को कुछ नया सीखने को मिले. वहीं, बिहार में रिसर्च सेंटर होना जरूरी है, ताकि समय-समय पर इस तरह से भौगोलिक चीजों पर शोध करने का अवसर मिल सकेगा.