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जनता दरबार में हथियार के लाइसेंस के लिए पहुंचा फरियादी, कहा- 'सीएम से मिलने नहीं दे रहे अधिकारी'

सीएम नीतीश कुमार से मिलने आए हैं. 2018 से ही आर्म्स लाइसेंस के लिए भटक रहे हैं लेकिन आजतक नहीं मिला है. अगर लाइसेंस बन जाता तो इस महंगाई में परिवार का भरण-पोषण करना आसान होता. यह कहना है सीएम के जनता दरबार में बोधगया से पहुंचे फरियादी भोला साह का. पढ़िए पूरी खबर..

Janta Darbar of CM
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Published : Nov 1, 2021, 1:39 PM IST

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के जनता दरबार (Janta Darbar In Patna) कार्यक्रम के बाहर भी बड़ी संख्या में लोग अपनी अलग-अलग समस्याओं को लेकर पहुंचे हैं. बोधगया से आए भोला साह हथियार रखना चाहते हैं, लेकिन अभी तक लाइसेंस नहीं मिला है. ऐसे में भोला, मुख्यमंत्री से हथियार के लाइसेंस के लिए गुहार लगाने के लिए जनता दरबार पहुंचे.

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गार्ड की नौकरी करने वाले भोला साह ने हथियार के लाइसेंस के लिए 2018 में ही आवेदन दिया था. कई तरह की जांच प्रक्रिया भी हुई लेकिन 3 साल में लाइसेंस नहीं मिला है. अब जनता दरबार के बाहर मुख्यमंत्री से गुहार लगाने पहुंचे हैं. बोधगया के रहने वाले भोला साह गार्ड की नौकरी करते हैं और अभी केवल सात हजार वेतन मिलता है. लेकिन हथियार का लाइसेंस मिल जाएगा तो हथियार रखने पर वेतन 15,000 से अधिक हो जाएगा. भोला साह के अनुसार मामला डीएम कार्यालय में लटका हुआ है.

देखें वीडियो

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"हम आए थे आर्म्स लाइसेंस के लिए, 2018 से मेरा काम रुका हुआ है. सारा प्रोसेस हो चुका है लेकिन अब तक लाइसेंस नहीं मिला. सिर्फ डीएम की स्वीकृत चाहिए, लेकिन नहीं मिलने पर आज सीएम के पास गुहार लगाने आए थे. अधिकारी मिलने नहीं दे रहे. लाइसेंस मिल जाने से मेरी आय बढ़ेगी, जिससे परिवार का भरण- पोषण कर सकेंगे."-भोला साह, फरियादी, बोधगया

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फरियादी भोला साह ने मुख्यमंत्री के जनता दरबार के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी करवाया है लेकिन उनको अब तक बुलावा नहीं आया. ऐसे में अब वे चाहते हैं कि मुख्यमंत्री उनकी फरियाद सुन लें. लेकिन अधिकारी जनता दरबार में जाने नहीं दे रहे हैं क्योंकि अनुमति नहीं है. भोला साह के अनुसार लाइसेंस के लिए अधिकारियों के यहां लगातार चक्कर लगा रहे हैं लेकिन कोई सुन नहीं रहा है. अब मुख्यमंत्री पर ही भरोसा है.

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बता दें कि अक्‍टूबर महीने के पहले सोमवार के लिए तय कार्यक्रम के अनुसार आज मुख्यमंत्री पुलिस व जमीन से जुड़े मामले सुने रहे हैं. जनता दरबार में गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार, कारा, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन, निगरानी, खान एवं भूतत्व और सामान्य प्रशासन विभाग से जुड़ी शिकायतें सुनी जाती हैं. इसके लिए पहले से ही आनलाइन रजिस्‍ट्रेशन कराना जरूरी है.

यह भी पढ़ें- '4 साल से चपरासी हूं, एक भी पैसा नहीं मिला... शिक्षा विभाग जा-जाकर थक गई हूं सर...'

जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के जनता दरबार (Janta Darbar In Patna) कार्यक्रम के बाहर भी बड़ी संख्या में लोग अपनी अलग-अलग समस्याओं को लेकर पहुंचे हैं. बोधगया से आए भोला साह हथियार रखना चाहते हैं, लेकिन अभी तक लाइसेंस नहीं मिला है. ऐसे में भोला, मुख्यमंत्री से हथियार के लाइसेंस के लिए गुहार लगाने के लिए जनता दरबार पहुंचे.

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गार्ड की नौकरी करने वाले भोला साह ने हथियार के लाइसेंस के लिए 2018 में ही आवेदन दिया था. कई तरह की जांच प्रक्रिया भी हुई लेकिन 3 साल में लाइसेंस नहीं मिला है. अब जनता दरबार के बाहर मुख्यमंत्री से गुहार लगाने पहुंचे हैं. बोधगया के रहने वाले भोला साह गार्ड की नौकरी करते हैं और अभी केवल सात हजार वेतन मिलता है. लेकिन हथियार का लाइसेंस मिल जाएगा तो हथियार रखने पर वेतन 15,000 से अधिक हो जाएगा. भोला साह के अनुसार मामला डीएम कार्यालय में लटका हुआ है.

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फरियादी भोला साह ने मुख्यमंत्री के जनता दरबार के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी करवाया है लेकिन उनको अब तक बुलावा नहीं आया. ऐसे में अब वे चाहते हैं कि मुख्यमंत्री उनकी फरियाद सुन लें. लेकिन अधिकारी जनता दरबार में जाने नहीं दे रहे हैं क्योंकि अनुमति नहीं है. भोला साह के अनुसार लाइसेंस के लिए अधिकारियों के यहां लगातार चक्कर लगा रहे हैं लेकिन कोई सुन नहीं रहा है. अब मुख्यमंत्री पर ही भरोसा है.

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जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.

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