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97 साल का हुआ PMCH, मेडिकल के 72 छात्र-छात्राएं गोल्ड मेडल से किए गए सम्मानित - पीएमसीएच एलुमनाई एसोसिएशन

पीएमसीएच का 97वां फाउंडेशन डे (PMCH 97th Foundation Day) मनाया गया. फाउंडेशन डे के मौके पर पीएमसीएच में 72 छात्र छात्राओं को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया.

PMCH 97th Foundation Day
PMCH 97th Foundation Day
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Published : Feb 26, 2022, 12:37 PM IST

पटना: प्रदेश का सबसे बड़ा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पीएमसीएच 97 वर्ष का हो गया है. ऐसे में शुक्रवार को पीएमसीएच के आरएसबी ऑडिटोरियम में कॉलेज फाउंडेशन डे धूमधाम से आयोजित किया गया. जिसमें पीएमसीएच के कई एलुमनाई सदस्य भी उपस्थित हुए. कार्यक्रम में मेडिकल के अंडर ग्रेजुएट और पीजी के 72 छात्र छात्राओं को विभिन्न विषयों में टॉप करने पर गोल्ड मेडल (72 Students Awarded With Gold Medal In PMCH) से नवाजा गया.

पढ़ें- पटना विश्वविद्यालय में मनाया गया 105वां फाउंडेशन डे, गोल्ड मेडल से सम्मानित हुए 40 छात्र छात्राएं

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पद्मश्री डॉ गोपाल प्रसाद सिन्हा मौजूद रहे. वहीं कार्यक्रम का उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने किया. कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष डॉ आरएन सिंह और आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर सहजानंद प्रसाद सिंह मौजूद रहे. गोल्ड मेडल प्राप्त करने के बाद छात्र छात्राएं काफी खुश नजर आए.

एमबीबीएस 2017 बैच और एमबीबीएस 2018 बैच के ओवरऑल टॉपर छात्राएं बनीं. एमबीबीएस 2018 बैच की ओवरऑल टॉपर और विभिन्न विषयों में टॉप करने के साथ-साथ सर्वाधिक गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाली आशना कुमारी ने बताया कि उन्हें काफी खुशी है कि उन्हें विभिन्न विषयों में टॉपर बनने पर 6 गोल्ड मेडल प्राप्त हुए हैं. आगे उनका लक्ष्य है कि पीजी की पढ़ाई करें और एक सफल पीडियाट्रिशियन बने.

"बचपन में मैं काफी बीमार रहती थी और कई शिशु रोग विशेषज्ञों की बदौलत ही इस उम्र में पूरी तरह स्वस्थ हूं. जब बचपन में बीमार रहती थी तभी सपना देखा था कि भविष्य में एक अच्छा शिशु रोग का चिकित्सक बनूंगी और बीमार बच्चों को स्वस्थ कर उनके अभिभावकों का आशीर्वाद प्राप्त करूंगी. मेरा सपना यही है कि एक सफल शिशु रोग विशेषज्ञ बनूं."- आशना कुमारी, टॉपर

पढ़ेंः बिहार के IT विभाग की फाइलें अब धूल नहीं फाकेंगी, पेपरलेस E-Office से होंगे सारे काम

वहीं 2017 बैच की एमबीबीएस टॉपर डॉक्टर तान्या मिश्रा ने बताया कि उन्हें अपने बैच में सर्वाधिक 6 गोल्ड मेडल प्राप्त हुए हैं और अपने बैच में ओवरऑल टॉपर हैं और इस बात की उन्हें बेहद खुशी है. उन्हें सर्जरी में भी गोल्ड मेडल मिला है. इस बात की उन्हें बेहद खुशी हो रही है कि उनके माता-पिता इस मौके पर मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य है कि आगे वह पीजी में दाखिला लें और एक अच्छा सर्जन बने.

पीएमसीएच के एलुमनाई सदस्य और आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी डॉक्टर ए के अग्रवाल ने कहा कि इस बात की उन्हें काफी खुशी हो रही है कि लगभग 2 साल बाद इस प्रकार सभी एलुमनाई सदस्यों से कार्यक्रम के माध्यम से मिलना जुलना हो रहा है. इससे भी अधिक खुशी है कि काफी छात्र छात्राओं को गोल्ड मेडल मिला है और सभी मेडिकल के छात्र मेडल प्राप्त करने के बाद काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. पीएमसीएच विश्वस्तरीय बन रहा है.

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने भी अपने संबोधन में कहा कि अस्पताल विश्वस्तरीय बन रहा है. इसके साथ ही इसकी कार्यकुशलता भी विश्वस्तरीय हो. अस्पताल में विश्वस्तरीय चिकित्सकों और विश्वस्तरीय पढ़ाई हो. दुनिया के विभिन्न देशों से छात्र यहां पढ़ने आए. विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष और वरिष्ठ चिकित्सक पद्मश्री डॉ आरएन सिंह ने कहा कि पीएमसीएच से जुड़े हुए उन्हें 57 वर्ष हो गए हैं और उन्होंने पीएमसीएच के कई उतार-चढ़ाव देखे हैं.

पढ़ेंः International Day Of Older Persons 2021: आज आप भी लें बुजुर्गों के प्रति उदार होने का संकल्प...

"इस वर्ष पीएमसीएच 97 वर्ष का हो गया है और इस दौरान पीएमसीएच कई ऊंचाइयों को प्राप्त किया है. पीएमसीएच में जितने ख्याति प्राप्त चिकित्सक तैयार किए हैं, पूरे देश में अपने आप में एक उदाहरण है. दुनिया का कोई ऐसा देश नहीं है जहां अभी के समय में पीएमसीएच से निकले चिकित्सक वहां मौजूद नहीं है."- पद्मश्री डॉ आरएन सिंह, वरिष्ठ चिकित्सक

पीएमसीएच के कॉलेज फाउंडेशन डे कार्यक्रम के ऑर्गेनाइजिंग कमेटी के चेयरमैन और प्रदेश के ख्याति प्राप्त चिकित्सक डॉक्टर सत्यजीत सिंह ने कहा कि कॉलेज फाउंडेशन डे के मौके पर शुरू से परंपरा चली आ रही है कि विभिन्न फैकल्टी में टॉप करने वाले मेडिकल के छात्र छात्राओं को गोल्ड मेडल से नवाजा जाता है. इस पर काफी संख्या में छात्राओं ने गोल्ड मेडल प्राप्त किया है. इसके अलावा कार्यक्रम में पीएमसीएच के एलुमनाई देश और दुनियाभर से आते हैं और पीएमसीएच के गौरवपूर्ण अतीत को याद करते हुए उज्जवल भविष्य के रास्ते बताते हैं.

"साल 2025 में पीएमसीएच 100 वर्ष का हो जाएगा. ऐसे में साल 2024 से 2025 तक सैंटनरी ईयर मनाया जाएगा, जिसमें बहुत सारे एकेडमिक और वेलफेयर के एक्टिविटीज होंगे. इसके अलावा 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर भारत के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री में से किसी एक को निमंत्रण दिया जाएगा."- डॉक्टर सत्यजीत सिंह, चेयरमैन, ऑर्गेनाइजिंग कमेटी

कार्यक्रम में मौजूद आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर सहजानंद सिंह ने कहा कि पीएमसीएच का एक गौरवशाली इतिहास रहा है और यहां से निकली काफी चिकित्सकों को पद्म विभूषण और पद्मश्री सम्मान प्राप्त हो चुका है. देश में पीएमसीएच एकमात्र ऐसा संस्थान है जहां के सर्वाधिक चिकित्सकों को पद्म सम्मान प्राप्त है.

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पटना: प्रदेश का सबसे बड़ा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पीएमसीएच 97 वर्ष का हो गया है. ऐसे में शुक्रवार को पीएमसीएच के आरएसबी ऑडिटोरियम में कॉलेज फाउंडेशन डे धूमधाम से आयोजित किया गया. जिसमें पीएमसीएच के कई एलुमनाई सदस्य भी उपस्थित हुए. कार्यक्रम में मेडिकल के अंडर ग्रेजुएट और पीजी के 72 छात्र छात्राओं को विभिन्न विषयों में टॉप करने पर गोल्ड मेडल (72 Students Awarded With Gold Medal In PMCH) से नवाजा गया.

पढ़ें- पटना विश्वविद्यालय में मनाया गया 105वां फाउंडेशन डे, गोल्ड मेडल से सम्मानित हुए 40 छात्र छात्राएं

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पद्मश्री डॉ गोपाल प्रसाद सिन्हा मौजूद रहे. वहीं कार्यक्रम का उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने किया. कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष डॉ आरएन सिंह और आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर सहजानंद प्रसाद सिंह मौजूद रहे. गोल्ड मेडल प्राप्त करने के बाद छात्र छात्राएं काफी खुश नजर आए.

एमबीबीएस 2017 बैच और एमबीबीएस 2018 बैच के ओवरऑल टॉपर छात्राएं बनीं. एमबीबीएस 2018 बैच की ओवरऑल टॉपर और विभिन्न विषयों में टॉप करने के साथ-साथ सर्वाधिक गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाली आशना कुमारी ने बताया कि उन्हें काफी खुशी है कि उन्हें विभिन्न विषयों में टॉपर बनने पर 6 गोल्ड मेडल प्राप्त हुए हैं. आगे उनका लक्ष्य है कि पीजी की पढ़ाई करें और एक सफल पीडियाट्रिशियन बने.

"बचपन में मैं काफी बीमार रहती थी और कई शिशु रोग विशेषज्ञों की बदौलत ही इस उम्र में पूरी तरह स्वस्थ हूं. जब बचपन में बीमार रहती थी तभी सपना देखा था कि भविष्य में एक अच्छा शिशु रोग का चिकित्सक बनूंगी और बीमार बच्चों को स्वस्थ कर उनके अभिभावकों का आशीर्वाद प्राप्त करूंगी. मेरा सपना यही है कि एक सफल शिशु रोग विशेषज्ञ बनूं."- आशना कुमारी, टॉपर

पढ़ेंः बिहार के IT विभाग की फाइलें अब धूल नहीं फाकेंगी, पेपरलेस E-Office से होंगे सारे काम

वहीं 2017 बैच की एमबीबीएस टॉपर डॉक्टर तान्या मिश्रा ने बताया कि उन्हें अपने बैच में सर्वाधिक 6 गोल्ड मेडल प्राप्त हुए हैं और अपने बैच में ओवरऑल टॉपर हैं और इस बात की उन्हें बेहद खुशी है. उन्हें सर्जरी में भी गोल्ड मेडल मिला है. इस बात की उन्हें बेहद खुशी हो रही है कि उनके माता-पिता इस मौके पर मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य है कि आगे वह पीजी में दाखिला लें और एक अच्छा सर्जन बने.

पीएमसीएच के एलुमनाई सदस्य और आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी डॉक्टर ए के अग्रवाल ने कहा कि इस बात की उन्हें काफी खुशी हो रही है कि लगभग 2 साल बाद इस प्रकार सभी एलुमनाई सदस्यों से कार्यक्रम के माध्यम से मिलना जुलना हो रहा है. इससे भी अधिक खुशी है कि काफी छात्र छात्राओं को गोल्ड मेडल मिला है और सभी मेडिकल के छात्र मेडल प्राप्त करने के बाद काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. पीएमसीएच विश्वस्तरीय बन रहा है.

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने भी अपने संबोधन में कहा कि अस्पताल विश्वस्तरीय बन रहा है. इसके साथ ही इसकी कार्यकुशलता भी विश्वस्तरीय हो. अस्पताल में विश्वस्तरीय चिकित्सकों और विश्वस्तरीय पढ़ाई हो. दुनिया के विभिन्न देशों से छात्र यहां पढ़ने आए. विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष और वरिष्ठ चिकित्सक पद्मश्री डॉ आरएन सिंह ने कहा कि पीएमसीएच से जुड़े हुए उन्हें 57 वर्ष हो गए हैं और उन्होंने पीएमसीएच के कई उतार-चढ़ाव देखे हैं.

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"इस वर्ष पीएमसीएच 97 वर्ष का हो गया है और इस दौरान पीएमसीएच कई ऊंचाइयों को प्राप्त किया है. पीएमसीएच में जितने ख्याति प्राप्त चिकित्सक तैयार किए हैं, पूरे देश में अपने आप में एक उदाहरण है. दुनिया का कोई ऐसा देश नहीं है जहां अभी के समय में पीएमसीएच से निकले चिकित्सक वहां मौजूद नहीं है."- पद्मश्री डॉ आरएन सिंह, वरिष्ठ चिकित्सक

पीएमसीएच के कॉलेज फाउंडेशन डे कार्यक्रम के ऑर्गेनाइजिंग कमेटी के चेयरमैन और प्रदेश के ख्याति प्राप्त चिकित्सक डॉक्टर सत्यजीत सिंह ने कहा कि कॉलेज फाउंडेशन डे के मौके पर शुरू से परंपरा चली आ रही है कि विभिन्न फैकल्टी में टॉप करने वाले मेडिकल के छात्र छात्राओं को गोल्ड मेडल से नवाजा जाता है. इस पर काफी संख्या में छात्राओं ने गोल्ड मेडल प्राप्त किया है. इसके अलावा कार्यक्रम में पीएमसीएच के एलुमनाई देश और दुनियाभर से आते हैं और पीएमसीएच के गौरवपूर्ण अतीत को याद करते हुए उज्जवल भविष्य के रास्ते बताते हैं.

"साल 2025 में पीएमसीएच 100 वर्ष का हो जाएगा. ऐसे में साल 2024 से 2025 तक सैंटनरी ईयर मनाया जाएगा, जिसमें बहुत सारे एकेडमिक और वेलफेयर के एक्टिविटीज होंगे. इसके अलावा 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर भारत के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री में से किसी एक को निमंत्रण दिया जाएगा."- डॉक्टर सत्यजीत सिंह, चेयरमैन, ऑर्गेनाइजिंग कमेटी

कार्यक्रम में मौजूद आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर सहजानंद सिंह ने कहा कि पीएमसीएच का एक गौरवशाली इतिहास रहा है और यहां से निकली काफी चिकित्सकों को पद्म विभूषण और पद्मश्री सम्मान प्राप्त हो चुका है. देश में पीएमसीएच एकमात्र ऐसा संस्थान है जहां के सर्वाधिक चिकित्सकों को पद्म सम्मान प्राप्त है.

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