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71वां गणतंत्र है खास: सालों बाद 'एक देश, एक संविधान' का सपना हुआ साकार - india

अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35A इन दोनों आर्टिकल के रद्द होने के साथ ही अब जम्मू कश्मीर भी भारत का पूर्ण रूप से अंग बन गया है. इस तरह से एक देश एक संविधान की परिकल्पना पूरी हो गई है.

पटना
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Published : Jan 26, 2020, 5:59 AM IST

पटना: इस साल 26 जनवरी को पूरा देश 71वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था. जिसके बाद भारत एक गणतांत्रिक देश बना. लेकिन ये पहला गणतंत्र दिवस है, जब कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और कच्छ से लेकर अरुणाचल तक पूरे भारत में एक संविधान लागू हो चुका है.

71वां गणतंत्र दिवस ऐसा पहला मौका होगा, जब पूरे भारत का मुकुट कहे जाने वाले जम्मू कश्मीर में भी भारत का संविधान लागू हो गया है. दरअसल, 1947 में जम्मू कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने भारत के साथ अस्थायी विलय के संधिपत्र पर हस्ताक्षर किया था. समझौते के तहत ये प्रावधान था कि राज्य के लोग अपने लिये संविधान सभा के माध्यम से राज्य का आंतरिक संविधान तैयार करेंगे, तब तक के लिये भारत के संविधान ने राज्य के बारे में एक अंतरिम व्यवस्था प्रदान की.

पेश है रिपोर्ट

1957 में लागू किया गया विशेष संविधान
आर्टिकल 370 और 35A को भारत के संविधान में शामिल किया गया था. जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर राज्य के संबंध में ये प्रावधान केवल अस्थायी हैं. नवंबर, 1956 में राज्य के संविधान का काम पूरा हुआ और 26 जनवरी, 1957 को राज्य में विशेष संविधान लागू कर दिया गया.

महाराजा हरि सिंह
महाराजा हरि सिंह

अनुच्छेद 370 को लेकर अनुच्छेद 370 सवाल
जम्मू कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत मिले विशेष प्रावधानों को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे. एक देश एक संविधान को लेकर हमेशा बहस होती रही. लेकिन 90 के दशक से बढ़ते आतंकवाद के कारण देश में इसको लेकर और बड़ी बहस छिड़ गई. जम्मू कश्मीर को मिले विशेष प्रावधानों को भी यहां बढ़ते आतंकवाद का कारण माना जाने लगा. इससे अनुच्छेद 370 को खत्म करने का दबाव बढ़ने लगा.

जम्मू कश्मीर और लद्दाख बना
5 अगस्त 2019 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अनुच्छेद 370 को हटाने संबंधी पेश विधेयक को संसद के दोनों सदनों ने बहुमत से पास कर दिया. जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को रद्द कर दिया गया. संसद में जम्मू कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक भी पास हुआ. जिसके अनुसार जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा खत्म कर दिया गया और जम्मू-कश्मीर राज्य की जगह दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख बना दिये गए.

राजपत्र
राजपत्र

अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35A
अनुच्छेद 370 को 17 अक्टूबर, 1949 को संविधान में शामिल किया गया था. इसे तब तक के लिये एक अंतरिम व्यवस्था मानी गई थी. जब तक कि सभी हितधारकों को शामिल करके कश्मीर मुद्दे का अंतिम समाधान हासिल नहीं कर लिया जाता. वहीं, अनुच्छेद 35A को 14 मई 1954 के दिन भारत के संविधान में राष्ट्रपति के आदेश के माध्यम से जोड़ा गया था. ये अनुच्छेद किसी दूसरे राज्य के निवासियों को जम्मू कश्मीर में जाकर बसने और संपत्ति खरीदने से रोकता था.

पटना
गृह मंत्री अमित शाह

एक देश एक संविधान की परिकल्पना पूरी
अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35A इन दोनों आर्टिकल के रद्द होने के साथ ही अब जम्मू कश्मीर भी भारत का पूर्ण रूप से अंग बन गया है. इस तरह से एक देश एक संविधान की परिकल्पना पूरी हो गई है. वहीं, गणतंत्र हमारी बेहतर चिंताओं का कारक बने, हमें अग्रगामी बनाए. जितना हमने पाया है, उससे बहुत आगे जाना है. गणतंत्र में हमें बहुसांस्कृतिक नागरिकता में प्रवेश करके समता, स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों के लिए संघर्षशील बने रहना चाहिए. साथ ही अपना कर्तव्य भी हम न भूलें कि उन्हीं के बल पर यह राष्ट्र है, यह गणतंत्र है.

पटना: इस साल 26 जनवरी को पूरा देश 71वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था. जिसके बाद भारत एक गणतांत्रिक देश बना. लेकिन ये पहला गणतंत्र दिवस है, जब कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और कच्छ से लेकर अरुणाचल तक पूरे भारत में एक संविधान लागू हो चुका है.

71वां गणतंत्र दिवस ऐसा पहला मौका होगा, जब पूरे भारत का मुकुट कहे जाने वाले जम्मू कश्मीर में भी भारत का संविधान लागू हो गया है. दरअसल, 1947 में जम्मू कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने भारत के साथ अस्थायी विलय के संधिपत्र पर हस्ताक्षर किया था. समझौते के तहत ये प्रावधान था कि राज्य के लोग अपने लिये संविधान सभा के माध्यम से राज्य का आंतरिक संविधान तैयार करेंगे, तब तक के लिये भारत के संविधान ने राज्य के बारे में एक अंतरिम व्यवस्था प्रदान की.

पेश है रिपोर्ट

1957 में लागू किया गया विशेष संविधान
आर्टिकल 370 और 35A को भारत के संविधान में शामिल किया गया था. जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर राज्य के संबंध में ये प्रावधान केवल अस्थायी हैं. नवंबर, 1956 में राज्य के संविधान का काम पूरा हुआ और 26 जनवरी, 1957 को राज्य में विशेष संविधान लागू कर दिया गया.

महाराजा हरि सिंह
महाराजा हरि सिंह

अनुच्छेद 370 को लेकर अनुच्छेद 370 सवाल
जम्मू कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत मिले विशेष प्रावधानों को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे. एक देश एक संविधान को लेकर हमेशा बहस होती रही. लेकिन 90 के दशक से बढ़ते आतंकवाद के कारण देश में इसको लेकर और बड़ी बहस छिड़ गई. जम्मू कश्मीर को मिले विशेष प्रावधानों को भी यहां बढ़ते आतंकवाद का कारण माना जाने लगा. इससे अनुच्छेद 370 को खत्म करने का दबाव बढ़ने लगा.

जम्मू कश्मीर और लद्दाख बना
5 अगस्त 2019 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अनुच्छेद 370 को हटाने संबंधी पेश विधेयक को संसद के दोनों सदनों ने बहुमत से पास कर दिया. जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को रद्द कर दिया गया. संसद में जम्मू कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक भी पास हुआ. जिसके अनुसार जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा खत्म कर दिया गया और जम्मू-कश्मीर राज्य की जगह दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख बना दिये गए.

राजपत्र
राजपत्र

अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35A
अनुच्छेद 370 को 17 अक्टूबर, 1949 को संविधान में शामिल किया गया था. इसे तब तक के लिये एक अंतरिम व्यवस्था मानी गई थी. जब तक कि सभी हितधारकों को शामिल करके कश्मीर मुद्दे का अंतिम समाधान हासिल नहीं कर लिया जाता. वहीं, अनुच्छेद 35A को 14 मई 1954 के दिन भारत के संविधान में राष्ट्रपति के आदेश के माध्यम से जोड़ा गया था. ये अनुच्छेद किसी दूसरे राज्य के निवासियों को जम्मू कश्मीर में जाकर बसने और संपत्ति खरीदने से रोकता था.

पटना
गृह मंत्री अमित शाह

एक देश एक संविधान की परिकल्पना पूरी
अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35A इन दोनों आर्टिकल के रद्द होने के साथ ही अब जम्मू कश्मीर भी भारत का पूर्ण रूप से अंग बन गया है. इस तरह से एक देश एक संविधान की परिकल्पना पूरी हो गई है. वहीं, गणतंत्र हमारी बेहतर चिंताओं का कारक बने, हमें अग्रगामी बनाए. जितना हमने पाया है, उससे बहुत आगे जाना है. गणतंत्र में हमें बहुसांस्कृतिक नागरिकता में प्रवेश करके समता, स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों के लिए संघर्षशील बने रहना चाहिए. साथ ही अपना कर्तव्य भी हम न भूलें कि उन्हीं के बल पर यह राष्ट्र है, यह गणतंत्र है.

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71st Republic is special for india 

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