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दादा जिस विभाग में क्लर्क थे, वहां पोती बनेगी अफसर, पटना की प्रियांगी मेहता बनी BPSC टॉपर

BPSC topper Priyangi Mehta: बीपीएससी टॉपर प्रियांगी मेहता ने कहा कि सिविल सर्विसेज परीक्षाओं के लिए कहीं भी कोचिंग ट्यूशन नहीं किया है. सेल्फ स्टडी की बदौलत उसने यह परिणाम हासिल किया है. वहीं पोती की सफलता पर उसके दादा भावुक नजर आए, क्योंकि जिस विभाग में वह क्लर्क थे, वहां प्रियांगी मेहता अफसर बनेगी.

पटना की प्रियांगी मेहता बनी बीपीएससी टॉपर
पटना की प्रियांगी मेहता बनी बीपीएससी टॉपर
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 16, 2024, 1:12 PM IST

Updated : Jan 16, 2024, 1:29 PM IST

बीपीएससी टॉपर प्रियांगी मेहता से खास बातचीत

पटना: राजधानी के संदलपुर की संकीर्ण गलियों में रहने वाली मध्यम वर्गीय परिवार की बिटिया प्रियांगी मेहता ने बीपीएससी 68वीं में टॉप किया है. इस परिणाम के बाद से ही घर में खुशी का माहौल है. बधाई देने के लिए नाते रिश्तेदारों का घर पर पहुंचने के लिए तांता लगा हुआ है.

पटना की प्रियांगी मेहता बनी बीपीएससी टॉपर: वहीं प्रियांगी के दादाजी राजेश्वर प्रसाद और दादी सुशीला देवी इस मौके पर भावुक नजर आए. दादा बातचीत से बचते दिखे, क्योंकि वह बार-बार भावुक हो जा रहे थे. प्रियांगी के दादाजी राजेश्वर प्रसाद ने कहा कि वह रेवेन्यू डिपार्टमेंट में किरानी (क्लर्क) के पद से रिटायर हुए थे.

प्रियांगी मेहता का मुंह मीठा कराके दादा
प्रियांगी मेहता का मुंह मीठा कराके दादा

"आज इस विभाग में मेरी पोती अफसर बन रही है. बहुत अधिक खुश हैं."- राजेश्वर प्रसाद, प्रियांगी के दादा

बधाई देने वालों का लगा तांता: संदलपुर का इलाका काफी संकीर्ण है और आलम यह है कि एक रिक्शा भी उन गलियों में सही से नहीं चल सकता. इस इलाके में प्रियांगी का घर है. मंगलवार सुबह संदलपुर मोहल्ले में आलम यह है कि कहीं भी जाइए नाम लीजिए बीपीएससी टॉपर के पास जाना है, मोहल्ले के लोग गली-गली घूमते हुए आपको प्रियांगी के घर पहुंचा देंगे.

पोती की सफलता पर भावुक हुए दादा-दादी
पोती की सफलता पर भावुक हुए दादा-दादी

बिहार बोर्ड में सेकंड स्टेट टॉपर रह चुकी हैं: मोहल्ले वाले को भी अपनी इस बिटिया पर नाज है क्योंकि अभी तक इस मोहल्ले में किसी ने इस प्रकार कीर्तिमान नहीं बनाया था. इंटरमीडिएट में भी प्रियांगी बिहार बोर्ड में सेकंड स्टेट टॉपर रही थी. ईटीवी से खास बातचीत में प्रियांगी मेहता ने बताया कि उन्हें यह उम्मीद थी कि रिजल्ट आएगा लेकिन वह टॉप करेंगी इसकी उम्मीद नहीं थी.

"बीती रात जब मैं सो रही थी तो मीडिया कर्मियों के फोन आए और बताया कि आप टॉप कर गई हैं. मुझे लगा कोई प्रैंक कर रहा है लेकिन जब पीडीएफ चेक किया तो खुशी के मारे पैर जमीन पर नहीं पर रहे थे. घरवाले भी काफी खुश हो गए और तभी से बधाई देने का सिलसिला जारी है. लोग फोन करके बधाई दे रहे हैं. घर पहुंच कर बधाई दे रहे हैं."- प्रियांगी मेहता,बीपीएससी टॉपर

बीपीएससी टॉपर प्रियांगी मेहता
बीपीएससी टॉपर प्रियांगी मेहता

'यूपीएससी निकालना है लक्ष्य': प्रियांगी मेहता ने बताया कि उनका लक्ष्य अभी यूपीएससी है. मेंस निकल चुका है और मार्च में इंटरव्यू शेड्यूल्ड है. उन्होंने सिविल सर्विसेज परीक्षाओं के लिए कहीं भी कोचिंग ट्यूशन नहीं किया है. सेल्फ स्टडी की बदौलत उन्होंने यह परिणाम हासिल किया है. साल 2016 में सीबीएसई से उन्होंने मैट्रिक किया और 2018 में ह्यूमैनिटीज विषय से अरविंद महिला कॉलेज से इंटरमीडिएट किया.

बधाई देने वालों का लगा तांता
बधाई देने वालों का तांता

'रिवेन्यू ऑफिसर के पद का किया था चयन': इंटर में वह अपने विषय में सेकंड स्टेट टॉपर बनी थी. इसके बाद उन्होंने 2019-22 बैच में बीएचयू से पॉलिटिकल साइंस में स्नातक किया है. उन्होंने बताया कि जब वह बीपीएससी का फॉर्म भर रही थी तो कई पदों के लिए वह योग्य नहीं थी क्योंकि उनकी उम्र 22 वर्ष उसे समय पूरी नहीं हो रही थी. इस कारण उन्होंने रिवेन्यू ऑफिसर के पद का चयन किया.

सेल्फ स्टडी से हासिल की सफलता: प्रियांगी मेहता ने बताया कि स्कूल लाइफ से ही उन्होंने डिसाइड कर लिया था कि वह सिविल सर्विसेज में ही जाएंगी. बीपीएससी ने इस बार क्वेश्चन का पैटर्न बदला था और यूपीएससी के लेवल का पैटर्न था. कई लोगों ने कहा था कि तैयारी करनी है तो कोचिंग ट्यूशन करना जरूरी है, लेकिन उन्होंने सेल्फ स्टडी पर ही फोकस किया.

सफलता के लिए जरूरी हैं ये चीजें: उन्होंने बताया कि बाजार में लोग मोटिवेट करते दिख जाएंगे लेकिन अपने आप में यह तय करना होता है कि क्या हम सिविल सर्विसेज परीक्षाओं के लिए उपयुक्त है या नहीं. इन परीक्षाओं की तैयारी के लिए जरूरी है कि आपके अंदर राइटिंग एबिलिटी और रीडिंग एबिलिटी बेहतर होनी चाहिए और तेज लिखने की भी आदत होनी चाहिए.

ऐसे की तैयारी: प्रियांगी मेहता ने बताया कि जब उन्होंने मेंस क्वालीफाई किया था तो कई लोग बोले कि मॉक इंटरव्यू टेस्ट दीजिए ताकि सफल हो सके. लेकिन उन्होंने सोचा कि यदि मॉक टेस्ट देते हैं तो दिमाग में एक अलग अवधारणा बन जाएगी और उस माइंडसेट के साथ वह इंटरव्यू में पहुंचेंगी. अगर ऐसे ही चली जाती है तो फ्रेश मन से जाएगी और फर्स्ट टाइम एक्सपीरियंस होगा और बॉडी पोस्चरिंग नेचुरल होगी.

इंटरव्यू में पूछे गए थे ये सवाल: उन्होंने बताया कि इंटरव्यू के दौरान उनसे उनके सब्जेक्ट पॉलिटिकल साइंस से संबंधित प्रश्न पूछे गए. वेस्टर्न पॉलिटिकल फिलॉस्फर्स के बारे में भी जानकारी ली गई इसके अलावा कॉन्स्टिट्यूशन अमेंडमेंट और नारी शक्ति वंदन अधिनियम से भी प्रश्न पूछे गए.

आखिरी सवाल पर प्रियांगी का दमदार जवाब: उन्होंने आगे कहा कि इंटरव्यू के दौरान अंत में अध्यक्ष ने उनसे पूछा कि यदि आप टूरिज्म डिपार्टमेंट की सेक्रेटरी बनती है और आपके पास फंड की कमी है, ऐसे में आपको मौका मिले की टूरिज्म को प्रमोट करने का या इंडस्ट्रीज को प्रमोट करने का तो इसमें क्या चुनेगी. उन्होंने टूरिज्म को प्रमोट करने की बात कही और कहा कि सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए यह जरूरी होगा.

शराबबंदी को लेकर भी पूछे थे क्वेश्चन: आयोग के अध्यक्ष ने इसके बाद कहा कि बिहार में शराबबंदी है तो क्या लगता है टूरिस्ट आएंगे. इसके बाद उन्होंने कहा कि गुजरात जैसी टूरिस्ट पॉलिसी बना दी जाए तो जरूर आएंगे और दोनों में सुझाव को लेकर काफी बातचीत हुई. अध्यक्ष ने भी उनसे कहा कि यूपीएससी जैसी परीक्षाओं के लिए आपको कोशिश करनी चाहिए.

'मुझे कहना पड़ता था थोड़ी देर आराम करो'-प्रियांगी की मां : वही प्रियांगी की मां अर्चना देवी ने बताया कि इस परिणाम से वह बहुत खुश हैं और इसे बयां नहीं कर पा रही हैं. उसे पढ़ाई छोड़कर रेस्ट लेने को कहना पड़ता था. वही पिताजी मिथिलेश कुमार ने बताया कि वह कंप्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर है. अपना सर्विस सेंटर चलते हैं. इस उपलब्धि के लिए उन्हें अपनी बेटी पर नाज है.

प्रियांगी को मिठाई खिलाती उनकी मां
प्रियांगी को मिठाई खिलाती उनकी मां

"प्रियांगी बचपन से ही पढ़ने में तेज थी. खूब मेहनत करती थी. पढ़ाई में बहुत मन लगता था. अक्सर उसे कहना पड़ता था कि अब पढ़ाई छोड़ दो, कुछ देर आराम कर लो."-अर्चना देवी,प्रियांगी की मां

"मेरी तीन बेटियां हैं और मैं अपनी बेटियों को बेटों से कम नहीं मानता हूं. मैं समाज को यह बताना चाहता हूं कि अपनी बेटी को खूब पढ़ाएं क्योंकि बेटियां ही परिवार का नाम रोशन करती हैं."-मिथिलेश कुमार,प्रियांगी के पिता

प्रियांगी की स्टूडेंटस से अपील: वही प्रियांगी ने बताया कि वह सिविल सर्विसेज परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं से यही कहेंगी कि इधर-उधर की बातों को ध्यान देना छोड़कर अधिक से अधिक लिखने और अधिक से अधिक पढ़ने की आदत डालें. सिलेबस को एक बार अच्छे से देखते हुए सिलेबस के अनुरूप तैयारी करें. सफलता जरूर हाथ लगेगी.

पढ़ें- घर रहकर की तैयारी, पहले अटेम्ट में ही बने BPSC सेकेंड टॉपर, UPSC में इंटरव्यू राउंड बाकी

बीपीएससी टॉपर प्रियांगी मेहता से खास बातचीत

पटना: राजधानी के संदलपुर की संकीर्ण गलियों में रहने वाली मध्यम वर्गीय परिवार की बिटिया प्रियांगी मेहता ने बीपीएससी 68वीं में टॉप किया है. इस परिणाम के बाद से ही घर में खुशी का माहौल है. बधाई देने के लिए नाते रिश्तेदारों का घर पर पहुंचने के लिए तांता लगा हुआ है.

पटना की प्रियांगी मेहता बनी बीपीएससी टॉपर: वहीं प्रियांगी के दादाजी राजेश्वर प्रसाद और दादी सुशीला देवी इस मौके पर भावुक नजर आए. दादा बातचीत से बचते दिखे, क्योंकि वह बार-बार भावुक हो जा रहे थे. प्रियांगी के दादाजी राजेश्वर प्रसाद ने कहा कि वह रेवेन्यू डिपार्टमेंट में किरानी (क्लर्क) के पद से रिटायर हुए थे.

प्रियांगी मेहता का मुंह मीठा कराके दादा
प्रियांगी मेहता का मुंह मीठा कराके दादा

"आज इस विभाग में मेरी पोती अफसर बन रही है. बहुत अधिक खुश हैं."- राजेश्वर प्रसाद, प्रियांगी के दादा

बधाई देने वालों का लगा तांता: संदलपुर का इलाका काफी संकीर्ण है और आलम यह है कि एक रिक्शा भी उन गलियों में सही से नहीं चल सकता. इस इलाके में प्रियांगी का घर है. मंगलवार सुबह संदलपुर मोहल्ले में आलम यह है कि कहीं भी जाइए नाम लीजिए बीपीएससी टॉपर के पास जाना है, मोहल्ले के लोग गली-गली घूमते हुए आपको प्रियांगी के घर पहुंचा देंगे.

पोती की सफलता पर भावुक हुए दादा-दादी
पोती की सफलता पर भावुक हुए दादा-दादी

बिहार बोर्ड में सेकंड स्टेट टॉपर रह चुकी हैं: मोहल्ले वाले को भी अपनी इस बिटिया पर नाज है क्योंकि अभी तक इस मोहल्ले में किसी ने इस प्रकार कीर्तिमान नहीं बनाया था. इंटरमीडिएट में भी प्रियांगी बिहार बोर्ड में सेकंड स्टेट टॉपर रही थी. ईटीवी से खास बातचीत में प्रियांगी मेहता ने बताया कि उन्हें यह उम्मीद थी कि रिजल्ट आएगा लेकिन वह टॉप करेंगी इसकी उम्मीद नहीं थी.

"बीती रात जब मैं सो रही थी तो मीडिया कर्मियों के फोन आए और बताया कि आप टॉप कर गई हैं. मुझे लगा कोई प्रैंक कर रहा है लेकिन जब पीडीएफ चेक किया तो खुशी के मारे पैर जमीन पर नहीं पर रहे थे. घरवाले भी काफी खुश हो गए और तभी से बधाई देने का सिलसिला जारी है. लोग फोन करके बधाई दे रहे हैं. घर पहुंच कर बधाई दे रहे हैं."- प्रियांगी मेहता,बीपीएससी टॉपर

बीपीएससी टॉपर प्रियांगी मेहता
बीपीएससी टॉपर प्रियांगी मेहता

'यूपीएससी निकालना है लक्ष्य': प्रियांगी मेहता ने बताया कि उनका लक्ष्य अभी यूपीएससी है. मेंस निकल चुका है और मार्च में इंटरव्यू शेड्यूल्ड है. उन्होंने सिविल सर्विसेज परीक्षाओं के लिए कहीं भी कोचिंग ट्यूशन नहीं किया है. सेल्फ स्टडी की बदौलत उन्होंने यह परिणाम हासिल किया है. साल 2016 में सीबीएसई से उन्होंने मैट्रिक किया और 2018 में ह्यूमैनिटीज विषय से अरविंद महिला कॉलेज से इंटरमीडिएट किया.

बधाई देने वालों का लगा तांता
बधाई देने वालों का तांता

'रिवेन्यू ऑफिसर के पद का किया था चयन': इंटर में वह अपने विषय में सेकंड स्टेट टॉपर बनी थी. इसके बाद उन्होंने 2019-22 बैच में बीएचयू से पॉलिटिकल साइंस में स्नातक किया है. उन्होंने बताया कि जब वह बीपीएससी का फॉर्म भर रही थी तो कई पदों के लिए वह योग्य नहीं थी क्योंकि उनकी उम्र 22 वर्ष उसे समय पूरी नहीं हो रही थी. इस कारण उन्होंने रिवेन्यू ऑफिसर के पद का चयन किया.

सेल्फ स्टडी से हासिल की सफलता: प्रियांगी मेहता ने बताया कि स्कूल लाइफ से ही उन्होंने डिसाइड कर लिया था कि वह सिविल सर्विसेज में ही जाएंगी. बीपीएससी ने इस बार क्वेश्चन का पैटर्न बदला था और यूपीएससी के लेवल का पैटर्न था. कई लोगों ने कहा था कि तैयारी करनी है तो कोचिंग ट्यूशन करना जरूरी है, लेकिन उन्होंने सेल्फ स्टडी पर ही फोकस किया.

सफलता के लिए जरूरी हैं ये चीजें: उन्होंने बताया कि बाजार में लोग मोटिवेट करते दिख जाएंगे लेकिन अपने आप में यह तय करना होता है कि क्या हम सिविल सर्विसेज परीक्षाओं के लिए उपयुक्त है या नहीं. इन परीक्षाओं की तैयारी के लिए जरूरी है कि आपके अंदर राइटिंग एबिलिटी और रीडिंग एबिलिटी बेहतर होनी चाहिए और तेज लिखने की भी आदत होनी चाहिए.

ऐसे की तैयारी: प्रियांगी मेहता ने बताया कि जब उन्होंने मेंस क्वालीफाई किया था तो कई लोग बोले कि मॉक इंटरव्यू टेस्ट दीजिए ताकि सफल हो सके. लेकिन उन्होंने सोचा कि यदि मॉक टेस्ट देते हैं तो दिमाग में एक अलग अवधारणा बन जाएगी और उस माइंडसेट के साथ वह इंटरव्यू में पहुंचेंगी. अगर ऐसे ही चली जाती है तो फ्रेश मन से जाएगी और फर्स्ट टाइम एक्सपीरियंस होगा और बॉडी पोस्चरिंग नेचुरल होगी.

इंटरव्यू में पूछे गए थे ये सवाल: उन्होंने बताया कि इंटरव्यू के दौरान उनसे उनके सब्जेक्ट पॉलिटिकल साइंस से संबंधित प्रश्न पूछे गए. वेस्टर्न पॉलिटिकल फिलॉस्फर्स के बारे में भी जानकारी ली गई इसके अलावा कॉन्स्टिट्यूशन अमेंडमेंट और नारी शक्ति वंदन अधिनियम से भी प्रश्न पूछे गए.

आखिरी सवाल पर प्रियांगी का दमदार जवाब: उन्होंने आगे कहा कि इंटरव्यू के दौरान अंत में अध्यक्ष ने उनसे पूछा कि यदि आप टूरिज्म डिपार्टमेंट की सेक्रेटरी बनती है और आपके पास फंड की कमी है, ऐसे में आपको मौका मिले की टूरिज्म को प्रमोट करने का या इंडस्ट्रीज को प्रमोट करने का तो इसमें क्या चुनेगी. उन्होंने टूरिज्म को प्रमोट करने की बात कही और कहा कि सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए यह जरूरी होगा.

शराबबंदी को लेकर भी पूछे थे क्वेश्चन: आयोग के अध्यक्ष ने इसके बाद कहा कि बिहार में शराबबंदी है तो क्या लगता है टूरिस्ट आएंगे. इसके बाद उन्होंने कहा कि गुजरात जैसी टूरिस्ट पॉलिसी बना दी जाए तो जरूर आएंगे और दोनों में सुझाव को लेकर काफी बातचीत हुई. अध्यक्ष ने भी उनसे कहा कि यूपीएससी जैसी परीक्षाओं के लिए आपको कोशिश करनी चाहिए.

'मुझे कहना पड़ता था थोड़ी देर आराम करो'-प्रियांगी की मां : वही प्रियांगी की मां अर्चना देवी ने बताया कि इस परिणाम से वह बहुत खुश हैं और इसे बयां नहीं कर पा रही हैं. उसे पढ़ाई छोड़कर रेस्ट लेने को कहना पड़ता था. वही पिताजी मिथिलेश कुमार ने बताया कि वह कंप्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर है. अपना सर्विस सेंटर चलते हैं. इस उपलब्धि के लिए उन्हें अपनी बेटी पर नाज है.

प्रियांगी को मिठाई खिलाती उनकी मां
प्रियांगी को मिठाई खिलाती उनकी मां

"प्रियांगी बचपन से ही पढ़ने में तेज थी. खूब मेहनत करती थी. पढ़ाई में बहुत मन लगता था. अक्सर उसे कहना पड़ता था कि अब पढ़ाई छोड़ दो, कुछ देर आराम कर लो."-अर्चना देवी,प्रियांगी की मां

"मेरी तीन बेटियां हैं और मैं अपनी बेटियों को बेटों से कम नहीं मानता हूं. मैं समाज को यह बताना चाहता हूं कि अपनी बेटी को खूब पढ़ाएं क्योंकि बेटियां ही परिवार का नाम रोशन करती हैं."-मिथिलेश कुमार,प्रियांगी के पिता

प्रियांगी की स्टूडेंटस से अपील: वही प्रियांगी ने बताया कि वह सिविल सर्विसेज परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं से यही कहेंगी कि इधर-उधर की बातों को ध्यान देना छोड़कर अधिक से अधिक लिखने और अधिक से अधिक पढ़ने की आदत डालें. सिलेबस को एक बार अच्छे से देखते हुए सिलेबस के अनुरूप तैयारी करें. सफलता जरूर हाथ लगेगी.

पढ़ें- घर रहकर की तैयारी, पहले अटेम्ट में ही बने BPSC सेकेंड टॉपर, UPSC में इंटरव्यू राउंड बाकी

Last Updated : Jan 16, 2024, 1:29 PM IST
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