पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. वहीं, राजधानी पटना में इसका असर सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है. कोरोना के सर्वाधिक मरीज पटना जिले के हैं. लेकिन अब पटना के बड़े हॉस्पिटल कोरोना के एसिंप्टोमेटिक पेशेंट को एडमिट नहीं कर रहे हैं. मरीजों की बढ़ीती संख्या और एसिंप्टोमेटिक पेशेंट को अस्पताल में बेड न मिलने की समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन और रेलवे की ओर से तैयार किए गए आइसोलेशन कोचों में पेशेंट को एडमिट करने की तैयारी की जा रही है.
प्लेटफार्म नंबर 6 और 7 पर खड़ी है दो ट्रेनें
पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर 6 और 7 पर रेलवे के 20- 20 कोचों के दो ट्रेन खड़ी है. इन 40 कोचों में आइसोलेशन के 640 बेड मौजूद हैं. हर कोच में 8 वार्ड हैं और हर वार्ड में दो बेड हैं. इस तरह एक कोच में 16 बेड हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार से आइसोलेशन कोचों में जिला प्रशासन की ओर से मरीजों को एडमिट करने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है. पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर 6 और 7 पर जाने वाले फुट ओवर ब्रिज के सभी सीढ़ियों की बैरिकेडिंग कर दी गई है. कोई भी सामान्य यात्री पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर 6 और 7 पर नहीं जा सकते हैं.
मरीजों की देखभाल में ना हो कमी
जंक्शन के पश्चिमी फुट ओवर ब्रिज को पूरी तरह से कोविड-19 के पेशेंट, उनकी देखभाल में जाने वाले डॉक्टरों और नर्सों की टीम के लिए चालू किया गया हैं. अन्य कोई भी इस फुटओवर ब्रिज का इस्तेमाल नहीं कर सकता है. रेलवे ने जिला प्रशासन को आइसोलेशन कोचे वाले दोनों ट्रेन को हैंड ओवर कर दिया है. यहां जिला प्रशासन की ओर से डॉक्टरों और नर्सों की नियुक्ति की जा रही है. वहीं, आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों और उससे जुड़े मेडिकल स्टाफ सभी जिला प्रशासन की देखरेख में रहेंगे. प्लेटफार्म नंबर 6 और 7 पर जिला प्रशासन की ओर से कोरोना पेशेंट की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी का इंस्टॉलेशन किया जा रहा है और लाइट की भी पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है, ताकि दिन हो या रात मरीजों की देखभाल में कोई कमी ना हो.
पुलिस बल तैनाती
पटना जंक्शन के पश्चिमी फुटओवर ब्रिज को 2 पार्ट में डिवाइड किया गया है. एक तरफ से कोरोना पेशेंट, मेडिकल स्टाफ और डॉक्टर आएंगे, तो वहीं दूसरी तरफ से ये लोग जाएंगे. फुटओवर ब्रिज पर बांस बल्ले और कपड़े के माध्यम से बैरिकेडिंग की गई है. यहां से अगर किसी मरीज की स्थिति क्रिटिकल होती है, तो उसे एंबुलेंस के माध्यम से एनएमसीएच भेजा जाएगा. आइसोलेशन कोचों में कोरोना मरीजों की देखभाल और सुरक्षा के दृष्टिकोण से जिला प्रशासन की ओर से करबिगहिया साइड में एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. वहीं, जिला प्रशासन की ओर से पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती भी की गई है.