पटना : आयुर्वेद चिकित्सा क्षेत्र में राज्य का सबसे प्रतिष्ठित कॉलेज राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में नए सत्र से आयुर्वेद के सभी विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई शुरू होने जा रही है. आयुर्वेद चिकित्सा क्षेत्र में पोस्ट ग्रेजुएशन में कुल 14 विषयों में पढ़ाई होती है. जिसमें वर्तमान में इस कॉलेज में 8 विषयों की पीजी की पढ़ाई हो रही है. वहीं इस नए सत्र से बाकी बचे छह विषयों की पढ़ाई भी शुरू होने जा रही है.
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दिनेश्वर प्रसाद ने बताया कि 1926 में आयुर्वेद कॉलेज की स्थापना हुई थी. उसके बाद से 1980 से कॉलेज में पीजी की पढ़ाई शुरू हुई. जिसमें साल 2017 तक कॉलेज में पीजी के दो विषयों रस शास्त्र और द्रव्य गुण की पढ़ाई होती थी. इसके बाद वर्ष 2018 में 6 और विषयों की पढ़ाई शुरू की गई. उन्होंने बताया कि वर्तमान में रस शास्त्र, द्रव्य गुण, रोग निदान, विकृति विज्ञान विभाग, काय चिकित्सा विभाग, तालाक्य तंत्र विभाग, अगध तंत्र विभाग, शरीर रचना विभाग और मौलिक सिद्धांत विभाग की पढ़ाई चल रही है.
यूनिवर्सिटी और डिपार्टमेंट से मिला परमिशन
डॉ. दिनेश्वर प्रसाद ने आगे बताया कि आयुर्वेद चिकित्सा क्षेत्र में 14 विषयों में पीजी की पढ़ाई होती है. जिसमें इस समय कालेज में 8 विषयों में पीजी की पढ़ाई संचालित होती है. साथ ही इस नए सत्र से बाकी बचे 6 विषयों में भी पीजी की पढ़ाई शुरू होने जा रही है. जिसके लिए यूनिवर्सिटी और डिपार्टमेंट से परमिशन मिल चुका है.
राजकीय आयुर्वेद कालेज में सम्मिलित नए 6 विषयों की सूची-
क्रम संख्या | विषय/विभाग |
1. | शल्य विभाग |
2. | बाल रोग विभाग |
3. | स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग |
4. | पंचकर्म विभाग |
5. | शरीर क्रिया एवं फिजियो थेरेपी विभाग |
6. | स्वास्थ्य वृत्त एवं योगा विभाग |
'देश के चुनिंदा कालेजों में शुमार'
- डॉ. दिनेश प्रसाद के मुताबिक पीजी के सभी विषयों में पढ़ाई शुरू करने वाला राजकीय आयुर्वेद कॉलेज राज्य का पहला कालेज होगा. साथ ही यह देश के चुनिंदा कॉलेजों में भी शामिल हो जाएगा, जहां सभी विषयों में पीजी की पढ़ाई होती है.