पटना: बिहार में इन दिनों लगता साइबर फ्रॉड की घटनाओं में इजाफा हो रहा है. आम इंसान की गाढ़ी कमाई को साइबर फ्रॉड इन दिनों नए-नए तरीके से इजात कर लूटने का काम कर रहे हैं. वहीं 21 दिसंबर को पटना हाई कोर्ट के सीनियर वकील मनिंदर किशोर सिंह के साथ भी साइबर अपराधियों ने केवाईसी अपडेट करने का झांसा देकर उनके खाते से 6लाख 28 हजार रुपये निकाल लिये.
फ्रॉड के बाद पुलिस और बैंक को दी जानकारी
साइबर फ्रॉड के इस मामले को लेकर सीनियर वकील मनिंदर किशोर सिंह ने नजदीकी थाना कोतवाली में मामला दर्ज कराया. इसके साथ ही उन्होंने त्वरित इसकी जानकारी बैंक को भी दी. हालांकि ताज्जुब इस बात की है कि पटना हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील भी ऐसे साइबर फ्रॉड के झांसे में आकर अपने पैसों को गवा चुके हैं. आर्थिक अपराध इकाई के माध्यम से लगातार आम लोगों को भी विभिन्न माध्यमों से सचेत रहने की अपील की जा रही है. इसके बावजूद भी साइबर फ्रॉड नए-नए तरीके से जांच कर लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं.
फोन हैक कर खाते से रुपये गायब
साइबर फ्रॉड के माध्यम से अधिवक्ता मनेंद्र किशोर सिंह को फोन करके उन्हें अपने मोबाइल में खुद से केवाईसी अपडेट करने के लिए कहा गया. उन्होंने ऑनलाइन माध्यम से अपने फोन को केवाईसी अपडेट करने के लिए खोला. उनके फोन को साइबर अपराधियों ने हैक कर उनके खाते से 6 लाख 28 हजार रुपये की निकासी कर ली. पीड़ित के मुताबिक उनका अकाउंट एसबीआई पटना के हाई कोर्ट ब्रांच में ही है. उनके खाते से 12:00 से 2:00 के बीच पैसे की निकासी 10 ट्रांजैक्शन के माध्यम से की गई. हालाकि तीन दिनों के भीतर ही उन्होंने बैंक को जानकारी देकर अपने खाते को बंद करवा दिया.
सीनियर वकील मनिंदर किशोर सिंह ने बताया कि उनके फोन पर एक नंबर से फोन आया और केवाईसी अपडेट करने के लिए बोला. उन्होंने जैसे ही sbi.online.in पर अकाउंट खोला वैसे ही उनका फोन हैक हो चुका था. इसके साथ ही यूजर और पासवर्ड हैक कर खाते से रुपयों की निकासी कर ली गई.
-मनिंदर किशोर सिंह, सीनियर अधिवक्ता,हाईकोर्ट
आर्थिक अपराध इकाई के माध्यम से सतर्क रहें, जागरूक रहें, सुरक्षित रहें को लेकर लगातार कैंपेन चलाया जा रहा है. आर्थिक अपराध इकाई ने 9 तरह के टिप्स आम लोगों को दिए हैं, जो निम्न है-
- जब तक आवश्यकता न हो रिमोट एक्सेस को निष्क्रिय रखें. यदि आवश्यक हो तो इसे उचित सुरक्षा के साथ उपयोग किया जाना चाहिए.
- सभी डिफॉल्ट पासवर्ड बदलें और सभी उपकरणों और ऑनलाइन खाते के लिए मजबूत पासवर्ड रखें.
- सर्वजनिक रूप से या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से मीटिंग लिंक साझा न करें.
- सभी ऑपरेटिंग सिस्टम एंटीवायरस एप्लीकेशन अपडेट रखें.
- फिशिंग ई-मेल की देखभाल करें जो बेहतर मेल आईडी के समान ही डिसगाइज हो सकता है. लिंक को खोलने से पहले ठीक से देख ले.
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सहयोगी कार्य के लिए अपने इंक्वायर के माध्यम से विश्वसनीय एप या ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग करें.
- कार्यालय प्रणाली तक पहुंचने के लिए सुरक्षित नेटवर्क का उपयोग करें.
- कार्यालय के काम और सामान्य काम के लिए एक ही डिवाइस का उपयोग न करें.
- वाईफाई खुले और नि:शुल्क वाईफाई नेटवर्क से बचे. इसके साथ ही अपने घर का वाईफाई और एडमिन का डिफॉल्टर पासवर्ड बदलें.
बच्चों की पढ़ाई के लिए जमा किए थे रुपये
साइबर अपराधी इतने एक्टिव हो गए हैं कि वह बैंक में जमा एफडी को भी तोड़ने में कामयाबी प्राप्त कर रहे हैं. हालांकि अधिवक्ता मनिंदर सिंह को इन दिनों अपने पैसे गायब होने की वजह से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. करोना काल में ऐसे ही कोर्ट फिजिकली नहीं चल रहा है और अधिवक्ताओं की कमाई पर भी ग्रहण लगा हुआ है. बच्चों की पढ़ाई के लिए उन्होंने बैंक में पैसे जमा कर रखे थे.
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जानिए फ्रॉड करने वाले कैसे भेजते है लिंक
एसएसमस, व्हाटसएप या अन्य माध्यमों से लिंक भेजी जाती है. जिसके टच करते ही अकाउंट से पैसे गायब हो जाता है. इसके साथ ही साइबर फ्रॉड के माध्यम से भेजे गए लिंक को आगे फारवर्ड करने को कहा जाता है. वहीं लिंक फारवर्ड करने पर रुपयों को लालच भी दिया जाता है.
जानिए कैसे बचे इन साइबर ठगों से
निजी जानकारी किसी के साथ भी शेयर न करें. इसके साथ ही किसी भी लिंक को जाने बगैर क्लिक न करें. इसके साथ ही साथ साइबर ठगी होने पर इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दे या साइबर क्राइम हेल्प लाइन नंबर - 155260 पर संपर्क करे.
साइबर ठगी मामले में क्या कहते हैं एक्सपर्ट
एक्सपर्ट का कहना है कि इस तरह के मामले में बहुत लंबे समय तक जांच चलती है. बैंक इसके पैसे वापस नहीं कर सकती है क्योंकि पीड़ित स्वयं इसका ट्रांजेक्शन करता है. बैंक लगातार लोगों को जागरूक करने के लिए अवेयरनेस मैसेज के साथ विज्ञापनों के जरिए जानकारी भी देता रहता है.