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बिहार में शराबबंदी का मखौल: PRESS का स्टीकर लगाकर तस्करी, 5 गिरफ्तार

कहने को बिहार में शराबबंदी (Alcohol Ban in Bihar) है लेकिन बिहार में शराब तस्करी ( smuggling of alcohol) पर कोई लगाम नहीं है. बिहार में शराबबंदी की हकीकत क्या है, इसी बात से पता चलता है कि सूबे में लगभग हर रोज शराब से जुड़े मामले मिल रहे हैं. पटना के दीघा (Digha) थाना क्षेत्र से पुलिस ने 5 तस्करों को गिरफ्तार किया है.

पटना
शराब तस्करी मामले में पांच गिरफ्तार
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Published : Jun 12, 2021, 6:50 PM IST

पटना: बिहार में पूर्ण शराबबंदी (Bihar Prohibition and Excise Act, 2016) को लागू हुए अब पांच साल बीत चुके हैं. इन पांच सालों के दौरान शायद ही कोई ऐसा दिन बीता हो जिस दिन बिहार के शराबबंदी तोड़ने की खबर (Alcohol Ban Fails in Bihar) ना आई हो. इसी कड़ी में पटना पुलिस (Patna Police) की टीम ने एक महंगी बिकने वाली शराब की खेप को बरामद किया है. हालांकि, इस मामले में कुल पांच शराब तस्करों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

ये भी पढ़ें...बिहार में शराब माफियाओं पर जियो टैगिंग की मदद से शिकंजा कसेगी पुलिस

5 शराब माफिया गिरफ्तार
ताजा मामला राजधानी पटना का है. जहां 5 शराब माफियाओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. दीघा (Digha) थाना क्षेत्र में पुलिस ने इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है और इसी कड़ी में वाहन चेकिंग के दौरान 2 कार से भारी मात्रा में अंग्रेजी शराब की खेप बरामद की गई है. जिसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. यह पूरी खेप हाजीपुर (Hazipur) से लायी गई गई थी और इस पूरी खेप की होम डिलीवरी पटना (Home Delivery in Patna) में होने वाली थी.

ये भी पढ़ें...बिहार में शराबबंदी फेल, प्रशासनिक संरक्षण में शराब माफियाओं का हो रहा खेल- कॉमरेड कुणाल

PRESS का स्टीकर लगाकर शराब तस्करी
इस मामले में जेपी सेतु पर तैनात पुलिसलार्मियों ने शराब के साथ तस्करों को पकड़ा. चौंकाने वाली बात यह है कि इन शराब तस्करों ने कार पर प्रेस का स्टिकर लगा रखा था, ताकि उनपर किसी को शक ना हो और बेवजह पुलिसिया रोकटोक का सामना उन्हें ना करना पड़े.

बता दें कि अप्रैल 2016 में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से अब तक बड़ी संख्या में गिरफ्तारियां, मुकदमे और शराब जब्ती की कार्रवाई हुई. इस क़ानून के तहत शुरुआत में घर में शराब पाये जाने पर सभी वयस्कों की गिरफ्तारी और घर को सील करने और वाहन में शराब मिलने पर वाहन जब्ती और गिरफ्तारी के कड़े प्रावधान थे.

सख्त प्रावधानों की आलोचना और कानून के दुरुपयोग के बाद 2018 में इसमें कुछ बदलाव किये गये थे:

⦁ पहली बार पीते हुए पकड़े गए तो तीन महीने की सजा या 50 हजार का जुर्माना.

⦁ दूसरी बार पकड़े गए तो एक से पांच साल तक की सजा और एक लाख तक जुर्माना.

⦁ घर में शराब पकड़े जाने पर अब सभी बालिग के बजाए जिम्मेवार ही पकड़े जाएंगे.

⦁ परिसर जब्ती और सामूहिक जुर्माना हटा, वाहन जब्ती के नए नियम.

फिलहाल, बिहार में खुलेआम शराब बिक्री बंद हो गई तो क्या, पड़ोसी देश नेपाल और फिर दूसरे राज्यों जैसे यूपी और झारखंड से इनकी पूर्ति होने लगी है. पड़ोस के राज्यों से सटे लोग केवल शराब पीने के लिए दो-तीन घंटे के सफर करने से भी पीछे नहीं रहते.

पढ़ें- बिहार : नवादा में छह लोगों की मौत, जहरीली शराब पीने से मरने की आशंका

पटना: बिहार में पूर्ण शराबबंदी (Bihar Prohibition and Excise Act, 2016) को लागू हुए अब पांच साल बीत चुके हैं. इन पांच सालों के दौरान शायद ही कोई ऐसा दिन बीता हो जिस दिन बिहार के शराबबंदी तोड़ने की खबर (Alcohol Ban Fails in Bihar) ना आई हो. इसी कड़ी में पटना पुलिस (Patna Police) की टीम ने एक महंगी बिकने वाली शराब की खेप को बरामद किया है. हालांकि, इस मामले में कुल पांच शराब तस्करों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

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5 शराब माफिया गिरफ्तार
ताजा मामला राजधानी पटना का है. जहां 5 शराब माफियाओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. दीघा (Digha) थाना क्षेत्र में पुलिस ने इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है और इसी कड़ी में वाहन चेकिंग के दौरान 2 कार से भारी मात्रा में अंग्रेजी शराब की खेप बरामद की गई है. जिसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. यह पूरी खेप हाजीपुर (Hazipur) से लायी गई गई थी और इस पूरी खेप की होम डिलीवरी पटना (Home Delivery in Patna) में होने वाली थी.

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PRESS का स्टीकर लगाकर शराब तस्करी
इस मामले में जेपी सेतु पर तैनात पुलिसलार्मियों ने शराब के साथ तस्करों को पकड़ा. चौंकाने वाली बात यह है कि इन शराब तस्करों ने कार पर प्रेस का स्टिकर लगा रखा था, ताकि उनपर किसी को शक ना हो और बेवजह पुलिसिया रोकटोक का सामना उन्हें ना करना पड़े.

बता दें कि अप्रैल 2016 में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से अब तक बड़ी संख्या में गिरफ्तारियां, मुकदमे और शराब जब्ती की कार्रवाई हुई. इस क़ानून के तहत शुरुआत में घर में शराब पाये जाने पर सभी वयस्कों की गिरफ्तारी और घर को सील करने और वाहन में शराब मिलने पर वाहन जब्ती और गिरफ्तारी के कड़े प्रावधान थे.

सख्त प्रावधानों की आलोचना और कानून के दुरुपयोग के बाद 2018 में इसमें कुछ बदलाव किये गये थे:

⦁ पहली बार पीते हुए पकड़े गए तो तीन महीने की सजा या 50 हजार का जुर्माना.

⦁ दूसरी बार पकड़े गए तो एक से पांच साल तक की सजा और एक लाख तक जुर्माना.

⦁ घर में शराब पकड़े जाने पर अब सभी बालिग के बजाए जिम्मेवार ही पकड़े जाएंगे.

⦁ परिसर जब्ती और सामूहिक जुर्माना हटा, वाहन जब्ती के नए नियम.

फिलहाल, बिहार में खुलेआम शराब बिक्री बंद हो गई तो क्या, पड़ोसी देश नेपाल और फिर दूसरे राज्यों जैसे यूपी और झारखंड से इनकी पूर्ति होने लगी है. पड़ोस के राज्यों से सटे लोग केवल शराब पीने के लिए दो-तीन घंटे के सफर करने से भी पीछे नहीं रहते.

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