पटना: मार्च क्लोजिंग के कारण वित्त विभाग सहित राज्य के कई विभागों में अधिकारियों और कर्माचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई है. सभी विभागों में लगातार वित्तीय संबंधित मामले निपटाए जा रहे हैं. वित्त विभाग ने ट्रेजरी में जमा होने वाले बिल की समय-सीमा 20 मार्च से बढ़ाकर 31 मार्च तक कर दी है. राज्य के सभी कार्यालयों से 31 मार्च तक खर्चों से संबंधित ब्यौरों की रीसद जमा करने को कहा गया है. वहीं, सरकारी छुट्टी होने के बावजूद राजधानी मुख्यालय स्थित वित्त विभाग और जिला मुख्यालय स्थित कोषागार और तमाम वित्त कार्यालय काम कर रहे हैं.
उप कोषागारों का जिला कोषागार में होगा विलय
जानकारी के मुताबिक, 1 अप्रैल से राज्य के अनुमंडल और प्रखंडों में अवस्थित ट्रेजरी ऑफिस खत्म हो जाएंगे. बता दें कि राज्य में कुल ऐसे ट्रेजरी ऑफिसों की संख्या 32 है. जिनका 1 अप्रैल से संबंधित जिलों के जिला कोषागार में विलय कर दिया जाएगा. अब हर जिले में केवल एक ही कोषागार होगा. वहीं, उप कोषागार के कर्मचारियों को दूसरे जगह शिफ्ट किया जाएगा.
राज्य के कोटेदारों की संख्या घटकर हो जाएगी 42
इस संबंध में वित्त विभाग के प्रधान सचिव सिद्धार्थ ने बताया कि वित्तिय विभाग द्वारा सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, विभाग के अध्यक्ष, डीएम, कोषागार और उप कोषागार के पदाधिकारियों को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दे दी गई है. जिसके चलते अब नए वित्तीय वर्ष में राज्य के कोटेदारों की संख्या 74 से घटकर 42 हो जाएगी.
'सभी उप कोषागारों को बैंक के जरिए जिला के कोषागार से जोड़ दिया गया है. चालान, पेंशन, इंट्री, लंबित मासिक लेखा और कोषागार से जुड़े सभी अन्य कार्य प्रखंड और अनुमंडल के बदले अब जिला कोषागार से ही होंगे'.- सिद्धार्थ, वित्त विभाग प्रधान सचिव
स्टोरी हाईलाइट्स
- 1 अप्रैल से राज्य के 32 कोषागार बंद.
- 32 उपकोषागारों का जिला कोषागार में होगा विलय.
- चालान, पेंशन, इंट्री, लंबित मासिक लेखा से जुड़े कार्य अब जिला कोषागार से होंगे.
- बीते साल जून 2020 में सराकर ने लिया था मर्जर का फैसला.
- उपकोषागार के कर्मियों को अन्य कहीं किया जाएगा शिफ्ट.
- राज्य में कोटेदारों की संख्या 72 से घट कर 42 रह जाएगी.
- ट्रेजरी में बिल जमा करने की अंतिम तारीख 31 मार्च.
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