पटना: सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में 32 पैरा मेडिकल कर्मचारियों की नियुक्ति को रद्द कर दिया गया है. यह स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी कार्रवाई है. ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में पीएमसीएच के मेडिकल सुपरिटेंडेट ने इसकी पुष्टी की.
तीन सदस्यीय कमेटी से जांच
मेडिकल सुपरिटेंडेट ने बताया कि पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 30 मार्च 2017 के आलोक में पैरामेडिकल पदों पर संविदा के आधार पर नियोजन की प्रक्रिया पूरी की गई थी. जिसके बाद इसके परिणाम प्रकाशित किये गये थे. जिस पर कथित तौर पर अभ्यर्थियों द्वारा आपत्ति उठाई गई थी. इसी आधार पर पटना मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया.
कमेटी की रिपोर्ट
कमेटी के जांच के बाद संयुक्त सचिव बिहार के पत्र के आलोक में दिनांक 25.01. 2017 में दिए गए निर्देश एवं प्रकाशित विज्ञापन में विरोध पाया गया. और कमेटी द्वारा निर्णय लेने में असमर्थता व्यक्त की गई. वहीं संविदा के आधार पर हुई नियुक्ति में सभी अवैध प्रमाण पत्रों की जांच की निगरानी विभाग के द्वारा सभी आरोपों की जांच हुई.
क्या है मामला
गौरतलब है कि विभागीय संविदा के आधार पर नियोजन की प्रक्रिया एवं वैधता की जांच के लिए अधीक्षक का अनुरोध एवं निगरानी विभाग अरविंद कुमार द्वारा समर्पित परिवाद पत्र के आलोक में जांच हेतु निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य विभाग ने उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था.
उच्च स्तरीय समिति
उच्च स्तरीय समिति के द्वारा समर्पित जांच प्रतिवेदन में स्पष्ट किया गया कि नियोजन की प्रक्रिया में अभ्यर्थियों की शैक्षणिक योग्यता एवं अन्य प्रमाण पत्र अवैध हैं जिसको लेकर अनियमितता बरतने और सरकार द्वारा स्थापित एवं प्रधानों की नियोजन की प्रक्रिया को लेकर रद्द करने के आदेश दिये गये.
नियुक्ति रद्द करने की महत्वपूर्ण बातें
- अवैध प्रमाण पत्र,एवं योग्यता को लेकर त्रिस्तरीय जांच कमेटी का हुआ था गठन.
- लैब टेक्नीशियन, ओटी असिस्टेंट, ड्रेसर, एक्सरे टेक्नीशियन पदों पर हुई थी बहाली
- फर्जी प्रमाण पत्र, एवं रोस्टर के अनुरूप नहीं हुई थी बहाली
- आरक्षण एवं विभागीय नियमों का नहीं हुआ अनुपालन.