पटना: बिहार विधान परिषद की नौ रिक्त सीटों के लिए नामांकन करने वाले सभी नौ उम्मीदवारों को सोमवार को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया. इस चुनाव में राजद के तीनों प्रत्याशियों को जीत का प्रमाण पत्र दिया गया. जिनमें से सुनील सिंह, रामबली चंद्रवंशी और फारुख शेख शामिल हैं.
ये तीनों अब बिहार विधान परिषद के नए सदस्य हो गए हैं. राजद के नए एमएलसी में से सुनील सिंह, रामबली चंद्रवंशी का राजद से पुराना नाता है. जबकि फारूख शेख पैराशूट कैंडिडेट थे. बता दें कि फारूख शेख के कारण ही राजद में बगावत भी हुई थी.
'मुंबई में बड़े कारोबारी हैं फारुख शेख'
बता दें कि आरजेडी में विधान परिषद चुनाव के लिए कई नामों पर चर्चा चल रही थी. तेज प्रताप यादव का नाम भी रेस में था. राजद के तीन नए एमएलसी में से सबसे अहम नाम सुनील सिंह का है. वे शुरू से ही लालू परिवार के करीबियों में से एक हैं. वहीं, दूसरे एमएलसी रामबली चंद्रवंशी भी लंबे समय से आरेजडी और लालू यादव के विश्वस्त माने जाते हैं.
जबकि, तीसरे एमएलसी फारुख शेख मुंबई के एक बड़े कारोबोरी हैं. वो पार्टी के पैराशूट उम्मीदवार कहे जा रहे थे. जीत के बाद जब ईटीवी भारत की टीम ने फारूख शेख से बात करने की कोशिश की तो वो मीडिया से नजरें बचाते हुए नजर आए.
'मीडिया से बचते नजर आए फारूख शेख'
निर्विरोध निर्वाचित होने के बाद सुनील सिंह और रामबली चंद्रवंशी ने बाहर आकर लोगों का अभिवादन किया, लेकिन फारुख शेख मीडिया से बचते नजर आए. बता दें कि फारुख शेख मुंबई के बड़े व्यापारी हैं. तीसरे उम्मीदवार के रूप में जब उनके नाम की घोषणा हुई तो पार्टी में विरोध के स्वर भी उठे थे. कई नेताओं और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर फारुख शेख को पार्टी ने टिकट दिया था.