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विधानसभा से पहले विधान परिषद की 29 सीटों के चुनाव को लेकर रस्साकशी तेज, NDA का पलड़ा भारी

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Published : Feb 6, 2020, 6:03 PM IST

Updated : Feb 6, 2020, 6:47 PM IST

मार्च 2020 में जो सीटें खाली हो रही हैं उसमें सभापति हारून रशीद के साथ-साथ मंत्री अशोक चौधरी, मंत्री नीरज कुमार, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा की सीट शामिल है.

विधान परिषद
विधान परिषद

पटना: इस साल बिहार विधानसभा का चुनाव होना है. लेकिन, उससे पहले विधान परिषद की 29 सीटें भी खाली हो रही हैं. विधान परिषद की जो सीटें खाली हो रही है, उसमें 17 सीटों पर चुनाव होना है. जिसमें एनडीए का पलड़ा भारी रहने की उम्मीद है. वहीं, कुछ सीटें विपक्ष के हिस्से में भी जाएंगी.

दरअसल, कुल 17 सीटों में से 8 सीटें शिक्षक और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से जुड़ी खाली हो रही हैं, उस पर चुनावी प्रक्रिया शुरू है. वहीं, 9 सीटें विधानसभा के विधायक चुनकर भेजेंगे, जिसकी तैयारी जारी है. जो सीटें खाली होनी है उसमें विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हारून रसीद की भी सीट शामिल है.

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हारून रशीद, सभापति

कार्यकारी सभापति की सीट भी होगी खाली
मार्च 2020 में जो सीटें खाली हो रही हैं, उसमें सभापति हारून रशीद के साथ-साथ मंत्री अशोक चौधरी, मंत्री नीरज कुमार, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा की सीट भी शामिल है. सभापति हारून रशीद के अनुसार विधानसभा के विधायकों से चुने गए 9 सीट पर फिलहाल एनडीए का कब्जा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

एनडीए को कुछ सीटों का होगा नुकसान
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि सीटों का नुकसान और लाभ तो चलता रहता है. हालांकि, प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में एनडीए के उम्मीदवार अधिकांश सीटों पर जीत दर्ज करेंगे. वहीं, सरकार जो 12 सीट नॉमिनेट करेगी, वह भी एनडीए के खाते में ही आएगी.

विधानसभा से चुनी जाने वाली खाली हो रही सीटें:

  1. हारून रशीद
  2. अशोक चौधरी
  3. सतीश कुमार
  4. हीरा बिंद
  5. पीके शाही
  6. सोनेलाल मेहता
  7. संजय प्रकाश
  8. कृष्ण मोहन सिंह
  9. राधा मोहन सिंह

बता दें कि इस बार जो प्रमुख चेहरे चुनाव मैदान में हैं उसमें नवल किशोर यादव के साथ सीपीआई के केदार पांडे भी शामिल हैं. साथ ही जदयू के दिलीप चौधरी चौधरी का भी नाम है.

पटना: इस साल बिहार विधानसभा का चुनाव होना है. लेकिन, उससे पहले विधान परिषद की 29 सीटें भी खाली हो रही हैं. विधान परिषद की जो सीटें खाली हो रही है, उसमें 17 सीटों पर चुनाव होना है. जिसमें एनडीए का पलड़ा भारी रहने की उम्मीद है. वहीं, कुछ सीटें विपक्ष के हिस्से में भी जाएंगी.

दरअसल, कुल 17 सीटों में से 8 सीटें शिक्षक और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से जुड़ी खाली हो रही हैं, उस पर चुनावी प्रक्रिया शुरू है. वहीं, 9 सीटें विधानसभा के विधायक चुनकर भेजेंगे, जिसकी तैयारी जारी है. जो सीटें खाली होनी है उसमें विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हारून रसीद की भी सीट शामिल है.

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हारून रशीद, सभापति

कार्यकारी सभापति की सीट भी होगी खाली
मार्च 2020 में जो सीटें खाली हो रही हैं, उसमें सभापति हारून रशीद के साथ-साथ मंत्री अशोक चौधरी, मंत्री नीरज कुमार, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा की सीट भी शामिल है. सभापति हारून रशीद के अनुसार विधानसभा के विधायकों से चुने गए 9 सीट पर फिलहाल एनडीए का कब्जा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

एनडीए को कुछ सीटों का होगा नुकसान
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि सीटों का नुकसान और लाभ तो चलता रहता है. हालांकि, प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में एनडीए के उम्मीदवार अधिकांश सीटों पर जीत दर्ज करेंगे. वहीं, सरकार जो 12 सीट नॉमिनेट करेगी, वह भी एनडीए के खाते में ही आएगी.

विधानसभा से चुनी जाने वाली खाली हो रही सीटें:

  1. हारून रशीद
  2. अशोक चौधरी
  3. सतीश कुमार
  4. हीरा बिंद
  5. पीके शाही
  6. सोनेलाल मेहता
  7. संजय प्रकाश
  8. कृष्ण मोहन सिंह
  9. राधा मोहन सिंह

बता दें कि इस बार जो प्रमुख चेहरे चुनाव मैदान में हैं उसमें नवल किशोर यादव के साथ सीपीआई के केदार पांडे भी शामिल हैं. साथ ही जदयू के दिलीप चौधरी चौधरी का भी नाम है.

Intro: पटना-- बिहार विधानसभा का चुनाव इसी साल होना है लेकिन उससे पहले विधान परिषद की 29 सीटें भी खाली हो रही है । विधान परिषद की जो सीटें खाली हो रही है, उसमें से 17 सीटों पर चुनाव होना है। 8 सीट जिसमें शिक्षक और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र कि खाली हो रही है उस पर चुनावी प्रक्रिया शुरू है । वहीं 9 सीटें विधानसभा के विधायक चुनकर भेजेंगे और उसकी भी तैयारी शुरू है, जो सीटें खाली होगी उसमें विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हारून रसीद का भी सीट है।
एक खास रिपोर्ट---


Body: कार्यकारी सभापति हारून रशीद की सीट भी होगी खाली--
इस साल के अंत में बिहार विधानसभा का चुनाव होना है लेकिन उससे पहले मई में नो विधान परिषद की सीट जो विधायकों ने चुनी है वह भी खाली हो रहा है और 8 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की सीटें खाली हो रही है। विधान परिषद की जो 17 सीटें खाली हो रही है । उसमें सभापति हारून रशीद का सीट है तो मंत्री अशोक चौधरी, मंत्री नीरज कुमार का भी है और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा का भी सीट है। सभापति हारून रशीद के अनुसार विधानसभा के विधायकों से चुने गए 9 सीट पर फिलहाल एनडीए का कब्जा है।
बाईट--हारून रशीद कार्यकारी सभापति बिहार विधान परिषद।


एन डी ए को कुछ सीटों का नुकसान ---
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि यह शुविचारित प्रक्रिया है जिसमें कभी नुकसान हो सकता है तो कभी लाभ हो सकता है । जदयू प्रवक्ता ने कहा कि पूरी उम्मीद है शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में एनडीए के उम्मीदवार अधिकांश सीटों पर जीतेंगे वही सरकार जो 12 सीट नॉमिनेट करेगी वह भी एनडीए खाते में ही आएगा तो हर हाल में एनडीए के अनुकूल ही रहेगा।
बाईट-- राजीव रंजन, जदयू प्रवक्ता
विधानसभा से चुनी जाने वाली 9 सीटें जो खाली हो रही है उसमे जदयू के
1. हारून रशीद
2. अशोक चौधरी
3. सतीश कुमार
4. हीरा बिंद
5.पीके शाही
6. सोनेलाल मेहता
बीजेपी के
7. संजय प्रकाश
8.कृष्ण मोहन सिंह और
9. राधा मोहन सिंह।



Conclusion:सरकार की ओर से जो 12 सीट नोमिनेट की जाएगी यह तय है कि सभी एनडीए के खाते में ही आएगा। उसके अलावा अभी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में कई सीटें एनडीए के पास है, जिसकी चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। इस बार भी जो प्रमुख चेहरे चुनाव मैदान में है उसमें नवल किशोर यादव के साथ सीपीआई के केदार पांडे भी हैं और जदयू के दिलीप चौधरी चौधरी भी हैं। कुल मिलाकर कुछ सीटों का नुकसान तो जरूर होगा लेकिन अधिकांश सीटें इंडिया के पास फिर से आना तय है।
अविनाश, पटना।
Last Updated : Feb 6, 2020, 6:47 PM IST
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