पटना: इस साल बिहार विधानसभा का चुनाव होना है. लेकिन, उससे पहले विधान परिषद की 29 सीटें भी खाली हो रही हैं. विधान परिषद की जो सीटें खाली हो रही है, उसमें 17 सीटों पर चुनाव होना है. जिसमें एनडीए का पलड़ा भारी रहने की उम्मीद है. वहीं, कुछ सीटें विपक्ष के हिस्से में भी जाएंगी.
दरअसल, कुल 17 सीटों में से 8 सीटें शिक्षक और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से जुड़ी खाली हो रही हैं, उस पर चुनावी प्रक्रिया शुरू है. वहीं, 9 सीटें विधानसभा के विधायक चुनकर भेजेंगे, जिसकी तैयारी जारी है. जो सीटें खाली होनी है उसमें विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हारून रसीद की भी सीट शामिल है.
कार्यकारी सभापति की सीट भी होगी खाली
मार्च 2020 में जो सीटें खाली हो रही हैं, उसमें सभापति हारून रशीद के साथ-साथ मंत्री अशोक चौधरी, मंत्री नीरज कुमार, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा की सीट भी शामिल है. सभापति हारून रशीद के अनुसार विधानसभा के विधायकों से चुने गए 9 सीट पर फिलहाल एनडीए का कब्जा है.
एनडीए को कुछ सीटों का होगा नुकसान
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि सीटों का नुकसान और लाभ तो चलता रहता है. हालांकि, प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में एनडीए के उम्मीदवार अधिकांश सीटों पर जीत दर्ज करेंगे. वहीं, सरकार जो 12 सीट नॉमिनेट करेगी, वह भी एनडीए के खाते में ही आएगी.
विधानसभा से चुनी जाने वाली खाली हो रही सीटें:
- हारून रशीद
- अशोक चौधरी
- सतीश कुमार
- हीरा बिंद
- पीके शाही
- सोनेलाल मेहता
- संजय प्रकाश
- कृष्ण मोहन सिंह
- राधा मोहन सिंह
बता दें कि इस बार जो प्रमुख चेहरे चुनाव मैदान में हैं उसमें नवल किशोर यादव के साथ सीपीआई के केदार पांडे भी शामिल हैं. साथ ही जदयू के दिलीप चौधरी चौधरी का भी नाम है.