पटना: प्रदेश में ब्लैक फंगस के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. मंगलवार को प्रदेश में ब्लैक फंगस के 27 नए मामलों की पुष्टि हुई है. इसके साथ ही ब्लैक फंगस के कुल मामलों की संख्या 334 हो गई है. प्रदेश में अभी लगभग 100 ऐसे ब्लैक फंगस के मामले हैं, जिनकी पुष्टि नहीं हुई है लेकिन मरीजों में सभी लक्षण मौजूद हैं. मंगलवार के दिन प्रदेश में ब्लैक फंगस से 6 मरीजों की मौत हुई है.
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बेतिया और मुजफ्फरपुर में भी मामले
पटना में इलाज के दौरान विभिन्न अस्पतालों में 4 मरीजों की मौत हुई है. जबकि एक मरीज की बेतिया में और एक मरीज की मुजफ्फरपुर में इलाज के दौरान मौत हुई है. आईजीआईएमएस में मंगलवार को ब्लैक फंगस के 19 नए मामले सामने आए. इसके साथ ही यहां ब्लैक फंगस के एक्टिव मरीजों की संख्या 99 हो गई है. अस्पताल के ओपीडी में ब्लैक फंगस की शिकायत को लेकर 50 मरीज दिखाने पहुंचे थे, जिनमें से 19 को एडमिट किया गया. आईजीआईएमएस में ब्लैक फंगस के एक्टिव मरीजों में 16 ऐसे मरीज हैं, जो ब्लैक फंगस के साथ कोरोना से भी संक्रमित हैं. 27 मरीजों में आठ अन्य मरीज प्रदेश के दूसरे अस्पतालों में मिले हैं.
मरीजों की हो चुकी है सर्जरी
पटना एम्स की बात करें तो यहां भी ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. यहां ब्लैक फंगस के एक्टिव मरीजों की संख्या 62 है. अस्पताल के 50 ब्लैक फंगस डेडिकेटेड वार्ड फुल हो चुके हैं और प्रदेश में अब तक 40 से अधिक ब्लैक फंगस के मरीजों की सर्जरी भी हो चुकी है.
'ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज में रोजाना 600 से 800 एंफोटेरिसिन-बी लाइपोसोमेल इंजेक्शन की जरूरत पड़ रही है. ऐसे में मरीजों के लिए डिमांड के अनुसार आपूर्ति हो, इसके लिए सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत है. मरीजों की संख्या के अनुपात में दवाइयों की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में नहीं हो रही है. प्रदेश के विभिन्न इलाकों से ब्लैक फंगस से संक्रमित गंभीर मरीजों को सीधे आईजीआईएमएस रेफर किया जा रहा है. जहां तत्काल ट्रीटमेंट की उन्हें सख्त जरूरत पड़ रही है.' -डॉ. मनीष मंडल, अधीक्षक, आईजीआईएमएस
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