पटना: बिहार में प्रतिभाओं की कमी नहीं है लेकिन उचित मार्गदर्शन और प्लेटफॉर्म नहीं मिलने के कारण बच्चे बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं. उनकी प्रतिभा के बारे में लोग जान भी नहीं पाते हैं. इसलिए बच्चों को उचित मार्गदर्शन देने के के लिए राजधानी पटना के राजेंद्र नगर स्थित प्रेमचंद रंगशाला में रंग उमंग की ओर से 25 दिवसीय बाल नाट्य कार्यशाला का आयोजन किया गया है. जिसमें बच्चे अभिनय की बारीकियों को सीख रहे हैं.
"कोरोना महामारी के कारण लंबे समय से सांस्कृतिक गतिविधियां बंद थी. जिस कारण बच्चे भी घर पर थे. अब जाकर चीजें सामान्य हो रही है तो बच्चों को अभिनय की बारीकियां सिखाने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया है. कार्यशाला में 40 से 45 बच्चों ने भाग लिया है. इसमें से ज्यादातर बच्चे स्लम एरिया में रहने वाले हैं. उनमें प्रतिभा की कमी नहीं लेकिन कोई मार्गदर्शक नहीं मिलता है, जिस वजह से ये बच्चे बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं. इसलिए इन्हें सिखाया जा रहा है."- सत्य प्रकाश, कालाकार
5 सालों से कर रहे कार्यशाला का आयोजन
इसके अलावा सत्य प्रकाश ने बताया कि वो इस कार्यशाला का आयोजन पिछले 5 सलों से कर रहा है. ताकि वो स्लम एरिया में रहने वाले बच्चों को भी उचित मार्गदर्शन दे सके. इससे बच्चे आगे जाकर बेहतर प्रदर्शन करेंगे. इस कार्यशाला में बच्चे खुद से ही सेट डिजाइनिंग, कॉस्ट्यूम्स और प्रॉप्स सीख रहे हैं.
'कार्यशाला के अंतिम दिन होगी नाटक की प्रस्तुति'
नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा की छात्रा सारिका भारती इस कार्यशाला में बच्चों को अभिनय की बारीकियां सिखा रही हैं. इस मौके पर सारिका ने बताया कि बच्चों के साथ काम करके उन्हें काफी अच्छा लग रहा है. क्योंकि बच्चे काफी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. बच्चों को अगर सही तरीके से गाइडेंस मिल जाए तो वो आगे और बेहतर करेंगे. वहीं, उन्होंने बताया कि कार्यशाला के अंतिम दिन बच्चों ने जो कुछ भी सीखा है उस पर एक नाटक की प्रस्तुति देंगे.
'कार्यशाला में आ रहा है काफी मजा'
इस कार्यशाला में किलकारी की छात्रा अंकिता बच्चों को कॉस्ट्यूम्स के बारे में जानकारी देती हैं. वो बच्चों के कॉस्टयूम कैसे तैयार करना है इसके बारे में सिखाती है. बच्चों ने बताया कि लंबे समय से घर पर थे और से काफी बोर हो गए थे. लेकिन कार्यशाला में काफी मजा आ रहा है. कार्यशाला में काफी कुछ नया सीखने को मिल रहा है.