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गोपालगंज जहरीली शराब कांड मौत मामले में 21 पुलिसकर्मी बर्खास्त

साल 2016 में गोपालगंज जिला अंतर्गत खजुरबानी में जहरीली शराब पीने से 18 लोगों की मौत हुई थी. घटना के 4 साल बाद पुलिस मुख्यालय ने कर्मियों पर बड़ी कार्रवाई की है.

गोपालगंज
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Published : Jun 20, 2020, 5:34 AM IST

Updated : Jun 23, 2020, 2:19 AM IST

पटना: गोपालगंज जहरीली शराब कांड मामले में पुलिस मुख्यालय ने बड़ी कार्रवाई की है. मिल रही जानकारी के अनुसार पुलिस ने 21 पुलिसकर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है. जिन पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है, उनमें से 3 दारोगा, 5 जमदार और 13 सिपाही शामिल हैं.

साल 2016 में हुआ था कांड
बता दें कि साल 2016 में गोपालगंज जिला अंतर्गत खजुरबानी में जहरीली शराब पीने से 18 लोगों की मौत हुई थी. बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद यह पहला मामला था. जब शराब सेवन के कारण इतने लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद सरकार की देशभर में काफी किरकिरी हुई थी. घटना के बाद नीतीश सरकार ने इसे काफी गंभीरता से लिया था और घटना के बाद ही टाउन थाना क्षेत्र के सभी पुलिस अफसर और जवान पर कार्रवाई की गई थी. जवानों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई थी. जिसपर शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय ने दोषी पाए गए 21 जवानों की बर्खास्तगी पर अपनी मुहर लगा दी.

डीजीपी के पास है घटना से संबंधित फाइल
घटना के बाद से आरोपी पुलिस कर्मियों पर विभागीय कार्रवाई शुरू की गई थी. शुक्रवार को जांच पूरी होने के बाद डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की है. जांच में आरोपी सभी 21 पुलिस कर्मियों को अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाह माना गया है. जिसके बाद सभी पुलिसकर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. ये सभी कर्मी फिलहाल प्रदेश के विभिन्न जिले में सेवा दे रहे हैं. जवानों के बर्खास्तगी की सूचना संबंधित जिले के एसपी को दे गई है.

ये भी पढ़े- पूरा देश प्रधानमंत्री के फैसले के साथ, चाइनीज सामान का हो बहिष्कार- CM नीतीश

बिहार में उठा था सियासी भूचाल
गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने बिहार में अप्रैल 2016 को बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू हुई थी. नीतीश कुमार के इस फैसले के बाद बिहार में सियासी भूचाल आ गया था. गोपालगंज के खजूरबानी में जहरीली शराब के सेवन से हुए मौत के बाद नीतीश सरकार के शराबबंदी फैसले को तानाशाह भी बताया गया था. इस कांड के बाद उस समय पुलिस के वरीय अधिकारियों ने छापेमारी कर भारी मात्रा में कच्चे शराब को बरमाद भी किया था. इसके लिए टाउन थाना को दोषी पाया गया था. जिसके बाद गोपालगंज पुलिस कप्तान ने थाने में तैनात सभी कर्मियों को निलंबित दिया था.

चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा फैसला
घटना के 4 साल बाद पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई होने के बाद इसको आगामी विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि, उस समय सीएम नीतीश कुमार ने साफ कर दिया था कि अगर जांच के बाद यह साबित हो जाता है कि गोपालगंज में लोगों की मौत जहरीली शराब पीने के सेवन के कारण हुई है, तो इसके लिए सभी जिम्मेवार लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.

पटना: गोपालगंज जहरीली शराब कांड मामले में पुलिस मुख्यालय ने बड़ी कार्रवाई की है. मिल रही जानकारी के अनुसार पुलिस ने 21 पुलिसकर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है. जिन पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है, उनमें से 3 दारोगा, 5 जमदार और 13 सिपाही शामिल हैं.

साल 2016 में हुआ था कांड
बता दें कि साल 2016 में गोपालगंज जिला अंतर्गत खजुरबानी में जहरीली शराब पीने से 18 लोगों की मौत हुई थी. बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद यह पहला मामला था. जब शराब सेवन के कारण इतने लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद सरकार की देशभर में काफी किरकिरी हुई थी. घटना के बाद नीतीश सरकार ने इसे काफी गंभीरता से लिया था और घटना के बाद ही टाउन थाना क्षेत्र के सभी पुलिस अफसर और जवान पर कार्रवाई की गई थी. जवानों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई थी. जिसपर शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय ने दोषी पाए गए 21 जवानों की बर्खास्तगी पर अपनी मुहर लगा दी.

डीजीपी के पास है घटना से संबंधित फाइल
घटना के बाद से आरोपी पुलिस कर्मियों पर विभागीय कार्रवाई शुरू की गई थी. शुक्रवार को जांच पूरी होने के बाद डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की है. जांच में आरोपी सभी 21 पुलिस कर्मियों को अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाह माना गया है. जिसके बाद सभी पुलिसकर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. ये सभी कर्मी फिलहाल प्रदेश के विभिन्न जिले में सेवा दे रहे हैं. जवानों के बर्खास्तगी की सूचना संबंधित जिले के एसपी को दे गई है.

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बिहार में उठा था सियासी भूचाल
गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने बिहार में अप्रैल 2016 को बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू हुई थी. नीतीश कुमार के इस फैसले के बाद बिहार में सियासी भूचाल आ गया था. गोपालगंज के खजूरबानी में जहरीली शराब के सेवन से हुए मौत के बाद नीतीश सरकार के शराबबंदी फैसले को तानाशाह भी बताया गया था. इस कांड के बाद उस समय पुलिस के वरीय अधिकारियों ने छापेमारी कर भारी मात्रा में कच्चे शराब को बरमाद भी किया था. इसके लिए टाउन थाना को दोषी पाया गया था. जिसके बाद गोपालगंज पुलिस कप्तान ने थाने में तैनात सभी कर्मियों को निलंबित दिया था.

चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा फैसला
घटना के 4 साल बाद पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई होने के बाद इसको आगामी विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि, उस समय सीएम नीतीश कुमार ने साफ कर दिया था कि अगर जांच के बाद यह साबित हो जाता है कि गोपालगंज में लोगों की मौत जहरीली शराब पीने के सेवन के कारण हुई है, तो इसके लिए सभी जिम्मेवार लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Jun 23, 2020, 2:19 AM IST
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