ETV Bharat / state

सम्मान पाकर गदगद हुए शिक्षक, कहा- 'बच्चे की सफलता से शिक्षक सफल होते हैं' - Teachers day in Patna

पटना में शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रदेश भर के 20 शिक्षकों को सम्मानित किया गया. यह सम्मान समारोह बिहार सरकार की तरफ से आयोजित किया गया था. सम्मानित हुए शिक्षक काफी गदगद दिखे और खुशी का इजहार करते हुए कहा कि इससे बेहतर कार्य करने में प्रेरणा मिलेगी. पढ़ें पूरी खबर...

teachers
teachers
author img

By

Published : Sep 5, 2022, 6:56 PM IST

Updated : Sep 5, 2022, 7:05 PM IST

पटना: शिक्षक दिवस (Teachers Day 2022) के मौके पर बिहार सरकार ने प्रदेश के 20 शिक्षक -शिक्षिकाओं को सम्मानित ( 20 Teachers Honored On Teachers Day In Patna) किया. इनमें से कुछ सम्मानित शिक्षकों ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि यह सम्मान उनके स्कूल के बच्चों का है, क्योंकि बच्चे जब सफल होते हैं, तभी शिक्षक सफल होते हैं. शिक्षकों ने कहा कि नई पीढ़ी के शिक्षकों के लिए शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखना बड़ी जिम्मेदारी है.

यह भी पढ़ें: दिव्यांगता को बनाया हथियार, दोनों पैर नहीं होने के बावजूद 35 सालों से जगा रहे शिक्षा की अलख

"बच्चों को कुरीतियों के खिलाफ करेंगे जागरूक": उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षकों को काम धैर्य पूर्वक बच्चों को बेहतर ज्ञान देने की कोशिश करना है. इसके साथ ही बच्चों को बाल विवाह, जात पात का भेद और दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों के खिलाफ भी जागरूक करना शिक्षकों की प्रमुख जिम्मेदारी है. सम्मान पाने वाले शिक्षकों के चेहरे पर खुशी झलक रही थी. उन्होंने सरकार को इसके लिए धन्यवाद किया.

औरंगाबाद के शिक्षक सुमंत कुमार सम्मानित: औरंगाबाद के रत्तिखाप मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुमंत कुमार (Aurangabad Teacher Sumant Kumar Honored) ने सम्मानित होने पर कहा कि यह सम्मान उनके विद्यालय के बच्चों का सम्मान है. उन्हें आज यह जो सम्मान मिला है स्कूल के बच्चों को समर्पित करते हैं. बच्चे सफल हुए हैं, तभी सरकार ने उन्हें सम्मानित किया है. यह सम्मान मिलने से वह काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के सम्मान समारोह से शिक्षक बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित होते हैं.

यह भी पढ़ें: पानी पर पाठशालाः बाढ़ के कारण गांव में नहीं बची सूखी जमीन तो नाव पर ही लगी क्लास

"सम्मानित होने पर बेहतर करने की प्रेरणा": अररिया के प्लस टू बालिका उच्च विद्यालय के शिक्षक योगेश झा (Teacher Yogesh Jha Honored) ने बताया कि सम्मान प्राप्त करने पर उन्हें काफी खुशी महसूस हो रही है. वह नई पीढ़ी के शिक्षकों से अपील करेंगे कि विद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखें और बच्चों में नैतिक ज्ञान की शिक्षा दें. उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षकों को उसी प्रकार सम्मानित करती है तो इससे शिक्षक बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए और अधिक प्रेरित होंगे.

"बाल विवाह और दहेज प्रथा रोकने पर फोकस": मधुबनी की शिवगंगा बालिका प्लस टू उच्च विद्यालय की शिक्षिका डॉ मीनाक्षी कुमारी ने बताया कि वह अपने इस सम्मान को विद्यालय के बच्चियों को समर्पित करेंगी. उन्होंने बच्चियों में आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन के क्षेत्र में काम किया है. बच्चियों के बाल विवाह को रोकने और दहेज प्रथा के खिलाफ काफी काम किया है. उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात की संतुष्टि है कि विद्यालय में 75% से अधिक बच्चियों के बाल विवाह को उन्होंने अपने हस्तक्षेप से रोका है.

मीनाक्षी कुमारी ने बताया कि उन्होंने सभी बच्चियों से यह कहां हुआ है कि यदि उनके घर में उनके बाल विवाह को लेकर चर्चा होती है तो उन्हें सूचित करें और बच्चियां ऐसा करती भी हैं. इसके बाद वह बच्चियों के अभिभावक से मिलने जाती हैं और उन्हें बाल विवाह से क्या कुछ नुकसान है. बच्चियों के स्वास्थ्य पर कितना बुरा असर पड़ता है. इन सभी बातों से अभिभावकों को अवगत कराती हैं.

सम्मान पाकर हो रहा गर्व का अनुभव: दरभंगा के प्लस टू सर्वोदय उच्च विद्यालय के शिक्षक चंद्रमोहन पोद्दार ने कहा कि यह सम्मान वह अपने विद्यालय परिवार को समर्पित करते हैं. जिनमें विद्यालय के सभी बच्चे भी शामिल हैं. इस प्रकार का सम्मान उन्हें प्रेरित करता है कि वह बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा दे सके. सम्मान प्राप्त कर उन्हें काफी गौरव की अनुभूति हो रही है.

पटना: शिक्षक दिवस (Teachers Day 2022) के मौके पर बिहार सरकार ने प्रदेश के 20 शिक्षक -शिक्षिकाओं को सम्मानित ( 20 Teachers Honored On Teachers Day In Patna) किया. इनमें से कुछ सम्मानित शिक्षकों ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि यह सम्मान उनके स्कूल के बच्चों का है, क्योंकि बच्चे जब सफल होते हैं, तभी शिक्षक सफल होते हैं. शिक्षकों ने कहा कि नई पीढ़ी के शिक्षकों के लिए शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखना बड़ी जिम्मेदारी है.

यह भी पढ़ें: दिव्यांगता को बनाया हथियार, दोनों पैर नहीं होने के बावजूद 35 सालों से जगा रहे शिक्षा की अलख

"बच्चों को कुरीतियों के खिलाफ करेंगे जागरूक": उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षकों को काम धैर्य पूर्वक बच्चों को बेहतर ज्ञान देने की कोशिश करना है. इसके साथ ही बच्चों को बाल विवाह, जात पात का भेद और दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों के खिलाफ भी जागरूक करना शिक्षकों की प्रमुख जिम्मेदारी है. सम्मान पाने वाले शिक्षकों के चेहरे पर खुशी झलक रही थी. उन्होंने सरकार को इसके लिए धन्यवाद किया.

औरंगाबाद के शिक्षक सुमंत कुमार सम्मानित: औरंगाबाद के रत्तिखाप मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुमंत कुमार (Aurangabad Teacher Sumant Kumar Honored) ने सम्मानित होने पर कहा कि यह सम्मान उनके विद्यालय के बच्चों का सम्मान है. उन्हें आज यह जो सम्मान मिला है स्कूल के बच्चों को समर्पित करते हैं. बच्चे सफल हुए हैं, तभी सरकार ने उन्हें सम्मानित किया है. यह सम्मान मिलने से वह काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के सम्मान समारोह से शिक्षक बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित होते हैं.

यह भी पढ़ें: पानी पर पाठशालाः बाढ़ के कारण गांव में नहीं बची सूखी जमीन तो नाव पर ही लगी क्लास

"सम्मानित होने पर बेहतर करने की प्रेरणा": अररिया के प्लस टू बालिका उच्च विद्यालय के शिक्षक योगेश झा (Teacher Yogesh Jha Honored) ने बताया कि सम्मान प्राप्त करने पर उन्हें काफी खुशी महसूस हो रही है. वह नई पीढ़ी के शिक्षकों से अपील करेंगे कि विद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखें और बच्चों में नैतिक ज्ञान की शिक्षा दें. उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षकों को उसी प्रकार सम्मानित करती है तो इससे शिक्षक बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए और अधिक प्रेरित होंगे.

"बाल विवाह और दहेज प्रथा रोकने पर फोकस": मधुबनी की शिवगंगा बालिका प्लस टू उच्च विद्यालय की शिक्षिका डॉ मीनाक्षी कुमारी ने बताया कि वह अपने इस सम्मान को विद्यालय के बच्चियों को समर्पित करेंगी. उन्होंने बच्चियों में आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन के क्षेत्र में काम किया है. बच्चियों के बाल विवाह को रोकने और दहेज प्रथा के खिलाफ काफी काम किया है. उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात की संतुष्टि है कि विद्यालय में 75% से अधिक बच्चियों के बाल विवाह को उन्होंने अपने हस्तक्षेप से रोका है.

मीनाक्षी कुमारी ने बताया कि उन्होंने सभी बच्चियों से यह कहां हुआ है कि यदि उनके घर में उनके बाल विवाह को लेकर चर्चा होती है तो उन्हें सूचित करें और बच्चियां ऐसा करती भी हैं. इसके बाद वह बच्चियों के अभिभावक से मिलने जाती हैं और उन्हें बाल विवाह से क्या कुछ नुकसान है. बच्चियों के स्वास्थ्य पर कितना बुरा असर पड़ता है. इन सभी बातों से अभिभावकों को अवगत कराती हैं.

सम्मान पाकर हो रहा गर्व का अनुभव: दरभंगा के प्लस टू सर्वोदय उच्च विद्यालय के शिक्षक चंद्रमोहन पोद्दार ने कहा कि यह सम्मान वह अपने विद्यालय परिवार को समर्पित करते हैं. जिनमें विद्यालय के सभी बच्चे भी शामिल हैं. इस प्रकार का सम्मान उन्हें प्रेरित करता है कि वह बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा दे सके. सम्मान प्राप्त कर उन्हें काफी गौरव की अनुभूति हो रही है.

Last Updated : Sep 5, 2022, 7:05 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.