पटना: ईटीवी भारत की खबर पर एक बार फिर मुहर लगी है. हालांकि, ये एनआईओएस डीएलएड करने वाले छात्रों के लिए बुरी खबर है. नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन ने बिहार सरकार का मार्गदर्शन करते हुए यह कहा है कि नई बहाली में यह सर्टिफिकेट मान्य नहीं होगा. ऐसे में एनआईओएस से डीएलएड कर चुके शिक्षक शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले पाएंगे.
ईटीवी भारत में सबसे पहले आपको 20 अगस्त को यह खबर लगाई थी कि बिहार सरकार एनआईओएस से डीएलएड करने वाले शिक्षकों को मान्यता नहीं देती.
यह खबर ईटीवी भारत पर दिखाए जाने के बाद, जब हंगामा हुआ तो बिहार सरकार ने 29 अगस्त को नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा. इस बाबत पूछा गया कि क्या एनआईओएस से डीएलएड करने वाले शिक्षकों को बिहार शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में शामिल होने दिया जाए क्योंकि बिहार सरकार 2 साल के डीएलएड कोर्स को मान्यता देती है.
बिहार सरकार को एनसीटीई का पत्र
इसके जवाब में बिहार सरकार को एनसीटीई का पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें यह कहा गया है कि यह कोर्स 10 अगस्त 2017 से पहले शिक्षक बने लोगों के लिए था. नई बहाली में 24 महीने के कोर्स के नियम को सख्ती से लागू करना चाहिए. सूत्रों के मुताबिक शिक्षा विभाग ने इसकी पुष्टि की है कि एनआईओएस डीएलएड करने वाले शिक्षक नियोजन में शामिल नहीं होंगे.
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31 मार्च 2019 तक सभी सर्विस टीचर्स को प्रशिक्षित हो जाना था
साल 2017 में केंद्र सरकार ने यह नियम बनाया था कि देश में कोई भी शिक्षक प्रशिक्षित नहीं रहेगा. इस नियम के मुताबिक 31 मार्च 2019 तक सभी इन सर्विस टीचर्स को प्रशिक्षित हो जाना था. इसके तहत केंद्र सरकार ने एनआईओएस को ऐसे सभी शिक्षकों के लिए डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन का कोर्स कराने की जिम्मेदारी सौंपी. जिसे 31 मार्च 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य दिया गया था.