पटना: बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) लागू है. पुलिस इसे सख्ती से लागू करवाने को लेकर लगातार कार्रवाई कर रही है. वहीं शराब माफिया लगातार शराब तस्करी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. बिहार के भागलपुर, बांका और मधेपुरा में संदिग्ध परिस्थितियों में 19 लोगों की मौत हुई है. जहरीली शराब पीने से सभी की मौत होने की आशंका जताई जा रही है. पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.
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भागलपुर में आठ की मौत: भागलपुर में आठ लोगों की मौत (Four People Suspicious Death In Bhagalpur) हुई है. विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र में संदिग्ध परिस्थिति में चार लोगों की मौत हुई है. लोगों का कहना है कि जहरीली शराब के कारण ही ऐसा हुआ है. पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद ही मौत का सही कारण पता चलेगा.
विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र में 4 लोगों की मौत के बाद नवगछिया पुलिस जिला के अंतर्गत भवानीपुर ओपी थाना क्षेत्र में भी 4 लोगों की संदिग्ध मौत (Suspected Death in Bhawanipur OP Police Station Area) हुई है. वहीं, दर्जनों लोग बीमार हैं. मौत की सूचना पाते ही पूरे इलाके में खलबली मच गई है और दहशत का माहौल हो गया.
बांका में आठ लोगों की मौत: बिहार के बांका में आठ लोगों की मौत हुई है, सभी की मौत जहरीली शराब के कारण होने की आशंका जताई जा रही है, लेकिन जिला प्रशासन ने फिलहाल जहरीली शराब से मौत होने की पुष्टि नहीं की है. पुलिस का सर्च अभियान इलाके में जारी है.
मधेपुरा में तीन लोगों की मौत: भागलपुर के अलावा मधेपुरा जिले के मुरलीगंज थाना (Murliganj Police Station) क्षेत्र में तीन लोगों की मौत जहरीली शराब के कारण होने का मामला सामने आया है. गांव के कई लोग बीमार भी हुए हैं. इलाके में फिलहाल पुलिस शराब खोजने को लेकर लगातार छापेमारी अभियान चला रही है.
एक युवक की गई आंखों की रोशनी: भागलपुर में मौत के बारे में बताया गया कि नीलेश कुमार की मौत मायागंज अस्पताल में इलाज के दौरान हुई. वहीं एक अन्य युवक अभिषेक कुमार की आंख की रोशनी चली गई है, जिसका इलाज मायागंज अस्पताल में चल रहा है. इस घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने विश्वविद्यालय थाना के साहेबगंज चौक को पूरी तरह से जाम कर दिया, जिससे आवागमन प्रभावित हो गया. इसके बाद मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. वहीं प्रशासनिक पदाधिकारी मौके पर पहुंचकर आक्रोशित लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं.
बिहार में 2016 से शराबबंदी: गौरतलब है कि बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया था. कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और इसे बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी.
अब तक करीब तीन लाख से ज्यादा मामले दर्ज: बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक मद्य निषेध कानून उल्लंघन से जुड़े करीब 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं. बिहार में जारी शराबबंदी को लेकर उत्पाद विभाग और मद्यनिषेध विभाग ने हाल के दिनों में समीक्षा की थी और इसके बाद विभाग ने यह बड़ा फैसला लिया है.
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