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पूर्व मध्य रेल के कुल 12 स्टेशन बनेंगे विश्वस्तरीय, यात्रियों को मिलेंगे आधुनिक सुविधाएं

पूर्व मध्य रेल (East Central Railway) के 12 स्टेशनों का विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप विकसित किया जाएगा. यह रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजना के तहत किया जा रहा है. पुनर्विकास के बाद इन स्टेशनों पर यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी. पढ़ें पूरी खबर

बिहार के रेलवे स्टेशन बनेंगे विश्वस्तरीय
बिहार के रेलवे स्टेशन बनेंगे विश्वस्तरीय
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Published : Jun 29, 2022, 10:32 PM IST

पटना: रेलवे स्टेशन पुनर्विकास (Railway Station Development) परियोजना के तहत विश्वस्तरीय स्टेशन के रूप में विकसित करने के लिए पूर्व मध्य रेल के कुल 12 स्टेशनों का चयन किया गया है. जिसमें दानापुर मंडल के राजेन्द्रनगर और बक्सर, सोनपुर मंडल के मुजफ्फरपुर, बेगूसराय और बरौनी, समस्तीपुर मंडल के दरभंगा, सीतामढ़ी, बापूधाम मोतीहारी के साथ पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल के गया और पं.दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन तथा धनबाद मंडल के धनबाद और सिंगरौली का चयन किया गया है. इन स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है.

यह भी पढ़ें: टिकट चेकिंग अभियानः बेटिकट यात्रियों पर सख्ती, तीन महीने में पूर्व मध्य रेल ने वसूले 69.35 करोड़ रुपये

गया स्टेशन पर खर्च होंगे 300 करोड़: पूर्व मध्य रेल के पीआरओ वीरेंद्र कुमार (PRO Virendra Kumar) ने जानकारी दिया कि धार्मिक एवं पर्यटन दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण गया स्टेशन को विश्वस्तरीय स्टेशन बनाने के लिए अंतिम रूपरेखा तैयार हो जाने के बाद निविदा जारी कर दिया गया है. गया स्टेशन का पुनर्विकास कार्य लगभग 300 करोड़ रूपए की अनुमानित लागत से पूरा किया जाएगा. इसे वर्ष 2024 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. पुनर्विकास से जुड़े कार्य पूरा होने के बाद यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी विश्वस्तरीय सुविधाएं प्राप्त होंगी.

आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे स्टेशन: उन्होंने बताया कि पुनर्विकास के बाद गया स्टेशन उन्नत यात्री सुविधाओं के साथ तकनीक, स्थानीय संस्कृति और समृद्ध विरासत का आकर्षक मेल बनेगा. स्टेशन पर यात्रियों को सेवा प्रदान करने की क्षमता तीन गुणा बढ़ जायेगी. इससे पर्यटकों की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार का सृजन होगा. जिसका लाभ स्थानीय लोगों को भी मिलेगा. स्टेशन पुनर्विकास का मुख्य उद्देश्य यात्रियों को संरक्षा, बेहतर अनुभव एवं विश्वस्तरीय यात्री सुविधाएं प्रदान करना है.

स्टेशन को विश्वस्तरीय रूप देते हुए स्टेशनों को अत्याधुनिक सुविधा से सुसज्जित करते हुए स्टेशन को ग्रीन बिल्डिंग का रूप दिया जाएगा, जहां वेंटिलेशन आदि की पर्याप्त व्यवस्था होगी. स्टेशन पर एक्सेस कंट्रोल गेट एवं प्रत्येक प्लेटफार्म पर एस्केलेटर एवं लिफ्ट लगाए जाएंगे, ताकि एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर आने-जाने में यात्रियों को सुविधा हो. यात्रियों को प्रदान की जाने वाली आवश्यक सुविधाओं में खान-पान, वॉशरूम, पीने का पानी, एटीएम, इंटरनेट आदि शामिल होंगे. इससे आम यात्रियों के साथ वरिष्ठ नागरिक विशेष रूप से लाभान्वित होंगे .

यह भी पढ़ें- पूर्व मध्य रेल में चल रही कई परियोजनाओं को 2022 तक पूरा करने का रखा लक्ष्य, तीव्रगति कार्य जारी

2.35 गुणा बड़ा होगा मुख्य स्टेशन भवन: स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार ऐसे होंगे, जिससे यात्रियों को भीड़-भाड़ का सामना नहीं करना पड़े. वर्तमान की तुलना में मुख्य स्टेशन भवन के लिए 2.35 गुणा अधिक जगह तथा पार्किंग एरिया के लिए 4.9 गुणा अधिक जगह उपलब्ध होंगे. इसके साथ ही प्रतीक्षालय के लिए अतिरिक्त 6400 वर्गमीटर कॉनकोर्स एरिया, स्टेशन पर कुल 23 लिफ्ट एवं 11 एस्केलेटर की सुविधा. मौजूदा 3100 वर्गमीटर प्लेटफार्म क्षेत्र और एफओबी का उन्नयन, अतिरिक्त टिकटिंग सुविधा, दिव्यांग अनुकूल सुविधाएं, ग्रीन ऊर्जा के लिए स्टेशन भवन पर सौर पैनल का प्रावधान आदि व्यवस्था दी जाएगी.

पटना: रेलवे स्टेशन पुनर्विकास (Railway Station Development) परियोजना के तहत विश्वस्तरीय स्टेशन के रूप में विकसित करने के लिए पूर्व मध्य रेल के कुल 12 स्टेशनों का चयन किया गया है. जिसमें दानापुर मंडल के राजेन्द्रनगर और बक्सर, सोनपुर मंडल के मुजफ्फरपुर, बेगूसराय और बरौनी, समस्तीपुर मंडल के दरभंगा, सीतामढ़ी, बापूधाम मोतीहारी के साथ पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल के गया और पं.दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन तथा धनबाद मंडल के धनबाद और सिंगरौली का चयन किया गया है. इन स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है.

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गया स्टेशन पर खर्च होंगे 300 करोड़: पूर्व मध्य रेल के पीआरओ वीरेंद्र कुमार (PRO Virendra Kumar) ने जानकारी दिया कि धार्मिक एवं पर्यटन दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण गया स्टेशन को विश्वस्तरीय स्टेशन बनाने के लिए अंतिम रूपरेखा तैयार हो जाने के बाद निविदा जारी कर दिया गया है. गया स्टेशन का पुनर्विकास कार्य लगभग 300 करोड़ रूपए की अनुमानित लागत से पूरा किया जाएगा. इसे वर्ष 2024 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. पुनर्विकास से जुड़े कार्य पूरा होने के बाद यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी विश्वस्तरीय सुविधाएं प्राप्त होंगी.

आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे स्टेशन: उन्होंने बताया कि पुनर्विकास के बाद गया स्टेशन उन्नत यात्री सुविधाओं के साथ तकनीक, स्थानीय संस्कृति और समृद्ध विरासत का आकर्षक मेल बनेगा. स्टेशन पर यात्रियों को सेवा प्रदान करने की क्षमता तीन गुणा बढ़ जायेगी. इससे पर्यटकों की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार का सृजन होगा. जिसका लाभ स्थानीय लोगों को भी मिलेगा. स्टेशन पुनर्विकास का मुख्य उद्देश्य यात्रियों को संरक्षा, बेहतर अनुभव एवं विश्वस्तरीय यात्री सुविधाएं प्रदान करना है.

स्टेशन को विश्वस्तरीय रूप देते हुए स्टेशनों को अत्याधुनिक सुविधा से सुसज्जित करते हुए स्टेशन को ग्रीन बिल्डिंग का रूप दिया जाएगा, जहां वेंटिलेशन आदि की पर्याप्त व्यवस्था होगी. स्टेशन पर एक्सेस कंट्रोल गेट एवं प्रत्येक प्लेटफार्म पर एस्केलेटर एवं लिफ्ट लगाए जाएंगे, ताकि एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर आने-जाने में यात्रियों को सुविधा हो. यात्रियों को प्रदान की जाने वाली आवश्यक सुविधाओं में खान-पान, वॉशरूम, पीने का पानी, एटीएम, इंटरनेट आदि शामिल होंगे. इससे आम यात्रियों के साथ वरिष्ठ नागरिक विशेष रूप से लाभान्वित होंगे .

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2.35 गुणा बड़ा होगा मुख्य स्टेशन भवन: स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार ऐसे होंगे, जिससे यात्रियों को भीड़-भाड़ का सामना नहीं करना पड़े. वर्तमान की तुलना में मुख्य स्टेशन भवन के लिए 2.35 गुणा अधिक जगह तथा पार्किंग एरिया के लिए 4.9 गुणा अधिक जगह उपलब्ध होंगे. इसके साथ ही प्रतीक्षालय के लिए अतिरिक्त 6400 वर्गमीटर कॉनकोर्स एरिया, स्टेशन पर कुल 23 लिफ्ट एवं 11 एस्केलेटर की सुविधा. मौजूदा 3100 वर्गमीटर प्लेटफार्म क्षेत्र और एफओबी का उन्नयन, अतिरिक्त टिकटिंग सुविधा, दिव्यांग अनुकूल सुविधाएं, ग्रीन ऊर्जा के लिए स्टेशन भवन पर सौर पैनल का प्रावधान आदि व्यवस्था दी जाएगी.

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