पटना: एनडीए के लिए भी आखिरी चरण का चुनाव महत्वपूर्ण है. क्योंकि इस फेज में 11 मंत्रियों और दो मंत्री के परिजन के भाग्य का फैसला होगा. इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी के भाग्य का फैसला भी इसी चरण में होना है. वहीं पहले दो चरणों में 12 मंत्रियों की किस्मत ईवीएम में बंद हो चुकी है. तीसरे चरण में जिन मंत्रियों के भाग्य का फैसला होना है. उनमें से जदयू कोटे से 8 और भाजपा के कोटे से 3 मंत्री चुनावी रण में हैं.
जदयू कोटे से हैं ये मंत्री
मधेपुरा के आलमनगर से नरेंद्र नारायण यादव, सुपौल से विजेंद्र प्रसाद यादव, लौकहा से लक्ष्मेश्वर राय, सिकटा से खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद, सिंघेश्वर सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र से रमेश ऋषि देव, रुपौली से बीमा भारती, दरभंगा के बहादुरपुर से मदन सहनी और समस्तीपुर के कल्याणपुर सुरक्षित सीट से महेश्वर हजारी के भाग्य का फैसला होगा.
आखिरी चरण में बीजेपी कोटे के तीन मंत्री
वही भाजपा कोटे के मंत्रियों की बात करें तो मधुबनी जिले के बेनीपट्टी से विनोद नारायण झा, बनमनखी से कृष्ण कुमार ऋषि, मोतिहारी से प्रमोद कुमार शामिल हैं. हाल ही में भाजपा के विनोद कुमार सिंह व जदयू के कपिलदेव कामत के निधन के बाद भाजपा व जदयू ने उनके परिजनों को टिकट दिया है. जहां बीजेपी के मंत्री विनोद कुमार सिंह की पत्नी निशा सिंह कटिहार के प्राणपुर से तो वही कपिलदेव कामत की बहू मीना कामत को जदयू ने मधुबनी जिले के बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया है.
कई पूर्व मंत्री भी हैं चुनावी मैदान में
तीसरे चरण में कई पूर्व मंत्री भी चुनावी मैदान में हैं. इसमें विनय बिहारी लोरिया से तो वहीं रंजू गीता बाजपट्टी से चुनाव लड़ रही हैं. जबकि लेसी सिंह धमदाहा से, अब्दुल बारी सिद्धकी केवटी से, रमई राम बोचहा से चुनाव मैदान में हैं. 15 जिलों की 78 सीटों पर 7 नवंबर को तीसरे चरण का मतदान होगा. एनडीए और महागठबंधन ने इसके लिए पूरी ताकत भी झोंक दी है.