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बिहार में 11 जिलों की 25 लाख आबादी बाढ़ग्रस्त, 24 घंटे में 8 की मौत - बिहार सरकार

बिहार में पुल ढह रहे हैं, सड़कों पर नाव तैर रही हैं. लोग अपने घर छोड़कर राहत कैंपों, सड़क, तटबंध और ऊंचे स्थानों पर विस्थापित हो गए हैं. वर्तमान में बिहार की यही बदहाल तस्वीर है. करीब 25 लाख से ज्यादा की आबादी को इस बार भी बाढ़ का दंश झेलना पड़ रहा है.

बिहार में बाढ़
बिहार में बाढ़
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Published : Jul 28, 2020, 6:04 PM IST

पटना: बिहार और नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य में बाढ़ की स्थिति और बिगड़ रही है. राज्य की करीब सभी प्रमुख नदियां कई क्षेत्रों में लाल निशान के ऊपर बह रही हैं. सरकार राहत और बचाव कार्य चला रही है. लेकिन लोगों की परेशानियां कम नहीं हो रही हैं.

इस बीच कई क्षेत्रों में बाढ़ के कारण आवागमन प्रभावित हो गया है. जल संसाधन विभाग द्वारा मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कोसी का जलस्तर वीरपुर बैराज के पास सुबह छह बजे 1.82 लाख क्यूसेक था, जो आठ बजे 1.83 लाख क्यूसेक हो गया. इसी प्रकार गंडक नदी में भी जलस्तर बढ़ने की संभावना बना हुई है. गंडक का जलस्राव वाल्मीकिनगर बराज के पास सुबह छह बजे 2.18 लाख क्यूसेक था जो आठ बजे बढ़कर 2.36 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया.

गांवों में लहरें
गांवों में लहरें

सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर
इस समय, राज्य की करीब सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान व गंगा कई क्षेत्रों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों में बाढ़ का पानी नए क्षेत्रों में प्रवेश कर रहा है. लोग अपने घरों को छोड़कर ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं.

93 प्रखंडों की 765 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित
इस बीच, बाढ़ प्रभवित इलाकों में राहत और बचाव कार्य जारी है. आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है. नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 11 जिले सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चंपारण, खगडिया एवं सारण के कुल 93 प्रखंडों की 765 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं, जहां राहत शिविर चलाए जा रहे हैं.

समस्तीपुर रेलखंड के हालात
समस्तीपुर रेलखंड के हालात

29 राहत शिविर, 703 सामुदायिक रसोईघर
इन इलाकों में 29 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जिसमें करीब 13 हजार लोग रह रहे हैं. उन्होंने बताया कि 703 सामुदायिक रसोईघर चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन 3,28,357 लोग भोजन कर रहे हैं.

25 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित
राज्य में करीब 25 लाख की आबादी बाढ़ प्रभावित हुई है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही हैं और अब तक प्रभावित इलाकों से 1 लाख 67 हजार 005 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. 24 घंटे में बाढ़ से 8 लोगों की मौत हुई है, जिनमें दरभंगा और पश्चिम चंपारण के चार-चार लोग शामिल हैं.

क्षतिग्रस्त हुआ पक्का मकान
क्षतिग्रस्त हुआ पक्का मकान

इंजीनियरों को 24 घंटे तैनात रहने के निर्देश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तटबंधों के दबाव वाले स्थानों पर इंजीनियरों को 24 घंटे तैनात रहने के निर्देश दिए हैं, जिससे प्रतिकूल परिस्थिति में आपातकालीन मरम्मत की जा सके.

ऊंचे स्थानों में जाने की जद्दोजहद
ऊंचे स्थानों में जाने की जद्दोजहद

यह भी पढ़ें: सिस्टम पर 'पानी फेरती' बिहार की बाढ़, Etv भारत के रिपोर्टरों ने बताया पूरा हाल

बाढ़ से 110 सड़कें प्रभावित
इस बीच, बाढ़ से पथ निर्माण विभाग की 110 सड़कें प्रभावित हुई हैं. इनमें से 28 सड़कों पर यातायात पूरी तरह से बाधित हुई हैं. पांच सड़कों के पुल, पुलिया या उसके संपर्क पथ क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. पथ निर्माण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि 65 ऐसे सड़क मार्ग हैं, जिन पर बाढ़ का पानी बह रहा है. कई सड़कों पर मरम्मत कर उसे दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया गया है.

पटना: बिहार और नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य में बाढ़ की स्थिति और बिगड़ रही है. राज्य की करीब सभी प्रमुख नदियां कई क्षेत्रों में लाल निशान के ऊपर बह रही हैं. सरकार राहत और बचाव कार्य चला रही है. लेकिन लोगों की परेशानियां कम नहीं हो रही हैं.

इस बीच कई क्षेत्रों में बाढ़ के कारण आवागमन प्रभावित हो गया है. जल संसाधन विभाग द्वारा मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कोसी का जलस्तर वीरपुर बैराज के पास सुबह छह बजे 1.82 लाख क्यूसेक था, जो आठ बजे 1.83 लाख क्यूसेक हो गया. इसी प्रकार गंडक नदी में भी जलस्तर बढ़ने की संभावना बना हुई है. गंडक का जलस्राव वाल्मीकिनगर बराज के पास सुबह छह बजे 2.18 लाख क्यूसेक था जो आठ बजे बढ़कर 2.36 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया.

गांवों में लहरें
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सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर
इस समय, राज्य की करीब सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान व गंगा कई क्षेत्रों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों में बाढ़ का पानी नए क्षेत्रों में प्रवेश कर रहा है. लोग अपने घरों को छोड़कर ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं.

93 प्रखंडों की 765 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित
इस बीच, बाढ़ प्रभवित इलाकों में राहत और बचाव कार्य जारी है. आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है. नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 11 जिले सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चंपारण, खगडिया एवं सारण के कुल 93 प्रखंडों की 765 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं, जहां राहत शिविर चलाए जा रहे हैं.

समस्तीपुर रेलखंड के हालात
समस्तीपुर रेलखंड के हालात

29 राहत शिविर, 703 सामुदायिक रसोईघर
इन इलाकों में 29 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जिसमें करीब 13 हजार लोग रह रहे हैं. उन्होंने बताया कि 703 सामुदायिक रसोईघर चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन 3,28,357 लोग भोजन कर रहे हैं.

25 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित
राज्य में करीब 25 लाख की आबादी बाढ़ प्रभावित हुई है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही हैं और अब तक प्रभावित इलाकों से 1 लाख 67 हजार 005 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. 24 घंटे में बाढ़ से 8 लोगों की मौत हुई है, जिनमें दरभंगा और पश्चिम चंपारण के चार-चार लोग शामिल हैं.

क्षतिग्रस्त हुआ पक्का मकान
क्षतिग्रस्त हुआ पक्का मकान

इंजीनियरों को 24 घंटे तैनात रहने के निर्देश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तटबंधों के दबाव वाले स्थानों पर इंजीनियरों को 24 घंटे तैनात रहने के निर्देश दिए हैं, जिससे प्रतिकूल परिस्थिति में आपातकालीन मरम्मत की जा सके.

ऊंचे स्थानों में जाने की जद्दोजहद
ऊंचे स्थानों में जाने की जद्दोजहद

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बाढ़ से 110 सड़कें प्रभावित
इस बीच, बाढ़ से पथ निर्माण विभाग की 110 सड़कें प्रभावित हुई हैं. इनमें से 28 सड़कों पर यातायात पूरी तरह से बाधित हुई हैं. पांच सड़कों के पुल, पुलिया या उसके संपर्क पथ क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. पथ निर्माण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि 65 ऐसे सड़क मार्ग हैं, जिन पर बाढ़ का पानी बह रहा है. कई सड़कों पर मरम्मत कर उसे दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया गया है.

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