पटना: सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार कैबिनेट की बैठक हुई. जहां कुल 10 प्रस्तावों पर मुहर लगी है. हालांकि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के मसले पर कोई फैसला नहीं हो पाया. जिन फैसलों को नीतीश कैबिनेट ने अपनी सहमति दी है, उनमें नालंदा के कतरी सराय के तत्कालीन अंचल अधिकारी अश्विनी कुमार को सेवा से बर्खास्त करने का प्रस्ताव भी शामिल है.
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बिहार कैबिनेट की बैठक में 10 प्रस्तावों पर मुहर: इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान पटना में मरीजों को दवा एवं सभी प्रकार की चिकित्सीय सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को कैबिनेट में स्वीकृत कर लिया गया है. हालांकि सरकार पर हर साल 60 करोड़ रुपए का भार पड़ेगा. राज्य में यातायात नियंत्रण एवं सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से 849 पदों के सृजन की भी स्वीकृति मिली है. इसके अलावे राज्य के अल्पसंख्यक वर्ग के युवाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देने और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक उद्यमी योजना को स्वीकृति मिल गई है.
विनोद कुमार होंगे विधान परिषद सचिवालय में उपसचिव: कैबिनेट ने बिहार विधान परिषद सचिवालय में प्रशासनिक संवर्ग में उपसचिव के पद से सेवानिवृत्ति विनोद कुमार को 1 अक्टूबर 2023 से एक वर्ष के लिए संविदा के आधार पर उपसचिव के पद पर नियोजन के लिए अपनी हरी झंडी दे दी है. इसके अलावे छपरा नगर निगम क्षेत्र से जल निकासी के लिए 134 करोड़ 97 लाख 8900 ड्रेनेज सिस्टम योजना की स्वीकृति एजेंसी के रूप में बुडको को नामित किया गया है.
"मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 10 प्रस्तावों पर मुहर लगी है. आइजीआइएमएस में मरीजों को दवा और इलाज की मुफ्त सुविधा मिलेगी. मरीज को केवल पंजीयन शुल्क लगेगा"- एस सिद्धार्थ, अपर मुख्य सचिव, कैबिनेट विभाग