पटना: राजधानी के ज्ञान भवन में हस्तकला और ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए मंगलवार को दस दिवसीय बिहार ग्राम सरस मेला का आयोजन किया गया. मेला का उद्घाटन ग्रामीण विकास विभाग मंत्री श्रवण कुमार ने किया. इस बार मेले में 110 स्टॉल लगे हैं. जिसमें 25 जिलों से आईं स्वयं सहायता समूह के जीविका से जुड़ी महिलाओं ने स्टॉल्स लगाया है. वहीं, 10 अन्य राज्यों से आईं ग्रामीण महिला उद्यमियों ने अपना स्टॉल लगाया है.
ग्रामीण विकास मंत्री ने की उत्पादों की तारीफ
उद्घाटन के बाद ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने मेला परिसर में लगे सभी स्टॉल का भ्रमण किया. ऐसे में उन्होंने ग्रामीण महिला उद्यमियों की ओर से बनाए गए उत्पादों की तारीफ की. उन्होंने कहा कि जीविका से जुड़कर ग्रामीण महिलाएं आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त हो रही हैं. यह मेला ग्रामीण शिल्प और कला को एक मंच देगा. जो विलुप्त हो रही कलाओं और रोजगार से जुड़ी विधाओं को एक बार फिर से जीवित करेगा.
लघु उद्योगों से सकल घरेलू उत्पाद में बढ़ोतरी
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि बिहार में भले ही बड़े उद्योग ना हो लेकिन लघु उद्योगों के कारण सकल घरेलू उत्पाद में बढ़ोतरी हुई हैं. इसमें स्वयं सहायता समूह जीविका का बड़ा योगदान है. ऐसे में इसे और बढ़ाने में ग्रामीण विकास विभाग लगातार लगा हुआ है. उन्होंने यह भी बताया कि बिहार में सिल्क और मलमल के कपड़ों के निर्माण में वृद्धि हुई है. पहले हम मलमल के कपड़े आयात करते थे. लेकिन अब उसको निर्यात कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पिछले साल सरस मेले में एक करोड़ 63 लाख का कारोबार हुआ था. इस बार इससे ज्यादा के कारोबार की उम्मीद है. सरस मेले में एक ही छत के नीचे सभी प्रकार के घरेलू उत्पाद मिल रहे हैं. मेले में प्रवेश भी निशुल्क है.