नवादाः जिले में नक्सल प्रभावित क्षेत्र कौआकोल प्रखंड और रजौली का नाम अक्सर नक्सली गतिविधियों के कारण सुर्खियों में रहता है. लेकिन अब यहां की बेटियों ने घर से निकलकर सामाजिक बदलाव के लिए अपनी कमर कस ली है. ये लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कराने के लिए कदम बढ़ा रही हैं.
दरअसल, भारत की जनसंख्या में एक तिहाई संख्या युवाओं की है. इन पर देश का भविष्य टिका हुआ है. भारत सरकार किशोरों के लिए कई कार्यक्रम चलाती हैं, लेकिन उसका संचालन सही ढंग से नहीं होने के कारण इसका लाभ उन्हें नहीं मिल पाता है. यहां की किशोरियां तीन दिवसीय प्रशिक्षण लेने के बाद अपने-अपने समाज में अलग-अलग कुरीतियां, किशोरियों को होने वाली समस्याएं और उसके समाधान के लिए लोगों को जागरूक कराने में जुट गई हैं.
युवाओं में स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता फैलाई
किशोरियों ने पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के तहत ग्राम निर्माण मंडल सेखोदेवरा में तीन दिनों का प्रशिक्षण लिया. इसके बाद इन लोगों ने अपने गांव-समाज में जागरूकता फैलाने का काम शुरू कर दिया है. जिसमें कौआकोल और रजौली के किशोरी समूह के 20-20 लीडर ने हिस्सा लिया.
इन बिंदुओं पर कर रही हैं युवाओं को जागरूक
- यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य
- किशोर में क्या बदलाव आते हैं उसकी जानकारी
- भावनात्मक एवं मानसिक स्वास्थ्य
- किशोरियों में एनीमिया
- मादक पदार्थ का सेवन नहीं करने की सलाह
- इंटरनेट और सोशल मीडिया का सुरक्षित उपयोग
क्या कहती हैं बेटियां
रजौली की स्वीटी कहती हैं कि इस प्रशिक्षण में उन्हें यौन और प्रजनन के बारे में बहुत सारी जानकारियां मिली हैं. यहां पर उसने जो भी सीखा है, उससे अपने गांव समाज में जाकर अपने गांव की लड़कियों को प्रोत्साहित करेंगी. इसके साथ ही यौन और प्रजनन समस्याओं की जानकारी उन्हें देगी.
क्या कहते हैं अधिकारी
अधिकारी ने बताया कि किशोर हमारे देश के भविष्य हैं. इसलिए अपने युवा और किशोरों को यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देने की जरूरत है. इसके साथ ही उन्हें मानसिक स्वास्थ्य के बारे में भी प्रशिक्षण देने की जरुरत है. उन्होंने बताया कि किशोरों के लिए सरकार द्वारा कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जैसे किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम, बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अदि. इनके बारे में उन्हें बताना है और इसके प्रति लोगों को जागरूक करना है.